बांग्लादेश के खिलाफ मुकाबले में जब ऑफ स्पिनर रवीचंद्रन अश्विन गेंदबाजी करने आए तो पहली ही गेंद पर विकेट लेने में सफल हो गए. ऐसा प्रतीत हुआ कि मददगार पिचों पर वापस लौटते हुए अश्विन की गेंदों में वो धार वापस आ गई है. पर कुछ बदला-बदला सा था उनका गेंदबाजी एक्शन. एकदम अलग.
यूं तो अश्विन अपनी गेंदों की विविधता के लिए जाने जाते हैं. चाहे टेस्ट हो या फिर वनडे या टी 20. हर फॉर्मेट के लिए अश्विन का एक्शन कुछ अलग रहता है. पर बुधवार को जब अश्विन फताउल्लाह में गेंदबाजी कर रहे थे तो एक पल ऐसा लगा जैसे गेंदबाजी का जिम्मा वेस्टइंडीज के गेंदबाज सुनील नारायण का है. मानो जैसे अश्विन ने उनकी बॉलिंग एक्शन कॉपी कर ली हो. बस कद-काठी का फर्क नजर आ रहा था.
अश्विन ने अपने एक्शन को क्यों बदला? इसके पीछे क्या वजह है? यह अभी साफ नहीं है पर इसका फायदा उन्हें एशिया कप के पहले मुकाबले में तो नहीं हुआ. भले ही उन्होंने अपने 10 ओवर के स्पेल में सिर्फ दो बाउंड्री दिए पर उन्हें सिर्फ एक विकेट से संतोष करना पड़ा. बांग्लादेशी बल्लेबाजों को उन्हें पढ़ने में ज्यादा दिक्कत नहीं हो रही थी.
जानकार इस बदलाव को लेकर हैरान हैं. खुद स्पिनर मनिंदर सिंह ने एक अंग्रेजी अखबार में अश्विन पर निशाना साधते हुए लिखा है कि यह तो होना ही था. जब एक गेंदबाज बार-बार अलग-अलग किस्म की गेंदें फेंकेगा तो इसका प्रभाव उसके एक्शन पर भी होगा. धीरे-धीरे वह अपना ऑरिजनल स्टाइल भूल जाएगा.
मनिंदर सिंह ने आगे लिखा है, 'मुझे कभी-कभार ऐसा लगता है कि अश्विन एक ही ओवर में 6 से ज्यादा किस्म की गेंदें फेंकना चाहते हैं. इसके लिए बॉलिंग कोच जिम्मेदार है. अगर अश्विन को ऐसा करने से नहीं रोका गया तो हम एक अच्छा ऑफ स्पिनर खो देंगे. सवाल कोच और कप्तान पर भी उठता है. अगर अश्विन ऐसी गेंदबाजी कर रहे थे तो जरूर ही उन्हें कप्तान से सहमति मिली होगी. जब पूरी दुनिया जानती है कि इसका बुरा असर दिख रहा है तो कोच और कप्तान को यह क्यों नहीं दिखा? उन्हें उसे रोकना चाहिए था. अगर अब भी नहीं रोकेंगे तो शायद जल्द ही हम अश्विन को तेज गेंदबाजी करते देखें.'