मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के साथ ड्रेसिंग रूम और मैदान पर काफी समय बिता चुके पूर्व भारतीय क्रिकेटर राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले ने उनकी तारीफों के पुल बांधे. द्रविड़ ने कहा कि उनकी चाहत है कि तेंदुलकर हमेशा खेलते रहें, लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं है. 'मिस्टर भरोसेमंद' और 'दीवार' के नाम से मशहूर द्रविड़ ने तेंदुलकर को रोल मॉडल करार दिया जो अगले महीने वेस्टइंडीज के खिलाफ 200वां टेस्ट मैच खेलकर संन्यास लेंगे.
'मेरी चाहत थी, हमेशा खेलते रहें तेंदुलकर लेकिन...'
द्रविड़ के मुताबिक, ‘वह मानक थे जिसके आधार पर टीम इंडिया के हम सभी बल्लेबाज खुद का आकलन करते थे. मेरी इच्छा थी कि सचिन हमेशा खेलते रहें लेकिन ऐसा नहीं होता, यह जिंदगी है. यह उनकी महान उपलब्धि का जश्न मनाने का समय है.’ उन्होंने कहा, ‘यह सहज होने और संन्यास का मजा लेने का समय है. मुझे उम्मीद है कि उनका परिवार भी इस अवसर का लुत्फ उठाएगा क्योंकि ये दोनों विशिष्ट टेस्ट मैच बनने वाले हैं. उम्मीद है कि वह अच्छी जिंदगी बिताएंगे.’
'24 सालों से हर क्रिकेटर पर रहा है तेंदुलकर का प्रभाव'
'जंबो' के नाम से मशहूर कुंबले ने कहा, ‘सचिन का पिछले 24 सालों में प्रत्येक क्रिकेटर पर प्रभाव रहा. उन्होंने इन खिलाड़ियों को खेल को अपनाने के लिए प्रेरित किया और दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत रहे.’ कुंबले ने कहा कि अगले महीने मुंबई में जब उनका पूर्व साथी अपना आखिरी टेस्ट मैच खेलने के लिए उतरेगा तो दर्शकों की गैलरी में रहेंगे.
'दुखद होगा जब आखिरी बार मैदान छोड़कर लौटेंगे तेंदुलकर'
उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि मैं उनके करियर के दौरान उनसे जुड़ा रहा. हम सभी को उनकी आखिरी चार पारियों के लिए तैयार रहना चाहिए. जब वह आखिरी बार क्रिकेट मैदान से लौटेंगे तो वह दुखद दिन होगा. मैं निश्चित तौर पर वहां रहूंगा.’
क्या लारा का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे सचिन?
द्रविड़ से जब पूछा गया कि क्या सचिन लारा के एक पारी में सबसे ज्यादा 400 रनों का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे, तो उनका जवाब था, ‘मुझे नहीं लगता कि उनका ध्यान इस पर लगा है. मुझे लगता है कि उन्होंने काफी रिकॉर्ड बनाए हैं. उसके नाम पर काफी रिकॉर्ड दर्ज हैं.’
श्रीनाथ को भी फोन करना नहीं भूले तेंदुलकर
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने कहा कि उन्हें काफी अच्छा लगा कि तेंदुलकर ने उनके संन्यास लेने के 10 साल बाद भी उन्हें फोन किया और उनके क्रिकेट करियर का हिस्सा बनने पर धन्यवाद दिया. श्रीनाथ ने कहा, ‘जब उसने मुझे यह फोन पर बताया तो मैं बांग्लादेश में था.’ उन्होंने कहा, ‘एक कप्तान और खिलाड़ी के रूप में उनके साथ खेलना सम्मान की बात है. मैदान पर हमारे बीच काफी अच्छी चर्चा हुआ करती थी. हम अब भी अच्छे दोस्त हैं और इस रिश्ते का लुत्फ उठाते हैं.’