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कप्तान कोहली की 'नई टीम इंडिया' के द्रोणाचार्य हैं 'द वॉल' द्रविड़

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की ऐतिहासिक जीत को पूरे क्रिकेट जगत ने सलाम किया है. चाहे मोहम्मद सिराज हों, या हों शुभमन गिल. या फिर ऋषभ पंत... सभी ने सीरीज में अपने साहिसक प्रदर्शन से सुर्खियां बटोरीं. जीत के बाद एक और नाम चर्चा में है. वो कोई और नहीं, भारतीय टीम के पूर्व कप्तान 'द वॉल' राहुल द्रविड़ हैं.

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Rahul Dravid (Twitter)
Rahul Dravid (Twitter)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत को पूरे क्रिकेट जगत ने सलाम किया है
  • अनुभवी खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में युवा खिलाड़ियों के भरोसे उतरी थी टीम
  • 'नई टीम इंडिया' की कामयाबी के पीछे राहुल द्रविड़ की अपार मेहनत...

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की ऐतिहासिक जीत को पूरे क्रिकेट जगत ने सलाम किया है. चाहे मोहम्मद सिराज हों, या हों शुभमन गिल. या फिर ऋषभ पंत... सभी ने सीरीज में अपने साहिसक प्रदर्शन से सुर्खियां बटोरीं. ऑस्ट्रेलिया में इस कामयाबी के झंडे गाड़ने के बाद एक और नाम चर्चा में है. और वो कोई और नहीं, भारतीय टीम के पूर्व कप्तान 'द वॉल' राहुल द्रविड़ हैं.  

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48 साल के राहुल द्रविड़ को इस 'नई भारतीय टीम' का द्रोणाचार्य कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. द्रविड़ के बिना इस नई टीम इंडिया का नव-निर्माण असंभव था. इस सीरीज में भारतीय टीम अनुभवी खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में युवा खिलाड़ियों के भरोसे उतरी थी.

मोहम्मद सिराज, शुभमन गिल, वॉशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर इस सीरीज से स्टार बनकर उभरे हैं. इनकी कामयाबी के पीछे राहुल द्रविड़ की अपार मेहनत है. इन खिलाड़ियों को द्रविड़ ने अपनी कोचिंग के जरिए तराशने का काम किया है.

अपने पहले ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर सिराज, सुंदर, गिल और शार्दुल ने धैर्य और विश्वास के बल पर शानदार प्रदर्शन किया, जिस कारण भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को उसके गढ़ गाबा में मात दे पाई. इन खिलाड़ियों के गेम चेंजिंग प्रदर्शन के पीछे राहुल द्रविड़ की प्रणालीगत कोचिंग का भी हाथ है. 

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राहुल द्रविड़ ने भारतीय टीम का कोच बनने के लिए आवेदन करने की बजाए अंडर-19 और इंडिया-ए टीम को कोचिंग देना बेहतर समझा, ताकि भारत की बेंच स्ट्रेंथ मजबूत हो सके. इसका परिणाम इस सीरीज में देखने को मिला जब नेट बॉलर के तौर पर गए सुंदर और नटराजन ने गाबा में अपना डेब्यू किया.

Team India (AP)

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द्रविड़ ने 2015-19 तक अंडर-19 और इंडिया-ए टीम को कोचिंग दी. कोचिंग के तौर पर द्रविड़ का पहला बड़ा काम 2016 का अंडर-19 विश्व कप था, जहां से ऋषभ पंत और वॉशिंगटन सुंदर निकल कर आए. पंत की निर्भीक बल्लेबाजी कर भारत को जीत तक पहुंचाया. वहीं, नवोदित सुंदर ने स्टीव स्मिथ को आउट किया, साथ ही पहली टेस्ट पारी में बल्ले से दम दिखाया. पूर्व कंगारू कप्तान रिकी पोंटिंग ने कहा, 'ऐसा लग रहा था कि सुंदर अपना 50 वहां टेस्ट खेल रहे हैं.'

शुभमन गिल ने दूसरी पारी में 91 रन बनाकर भारत की जीत की नींव रखी थी. गिल पृथ्वी शॉ की कप्तानी में 2018 अंडर-19 विश्वकप विजेता टीम के सदस्य थे. इस दौरे पर नेट गेंदबाज के तौर पर गए ईशान पोरेल और कमलेश नागरकोटी भी उस टीम के सदस्य थे. पोरेल और नागरकोटी को निकट भविष्य में इस अनुभव का लाभ अवश्य होगा.

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मोहम्मद सिराज इंडिया-ए के साथ ही सीनियर टीम के साथ नेट गेंदबाज के तौर पर न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज के दौरे पर जा चुके हैं. मोहम्मद सिराज ने 2016-17 के रणजी सत्र में भरत अरुण की कोचिंग में हैदराबाद के लिए 41 विकेट लिए थे. भरत अरुण अभी भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच हैं. सिराज को इन सबका  फायदा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू सीरीज में मिला. मोहम्मद सिराज ने इस सीरीज में भारत के लिए सबसे ज्यादा 13 विकेट चटकाए.

द्रविड़ का ध्यान अब राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) पर केंद्रित हैं, तब भी इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में शामिल 7 रिजर्व खिलाड़ियों को द्रविड़ ने तराशा है.

राहुल द्रविड़ ने 164 टेस्ट मैचों 13,288 रन बनाए, जिसमें 36 शतक और 63 अर्धशतक शामिल थे. इस दौरान उनका उच्चतम स्कोर 270 रहा. द्रविड़ ने 344 वनडे मैचों में 10,889 रन बनाए, जिसमें 12 शतक और 83 अर्धशतक शामिल थे. 153 रन द्रविड़ का वनडे में उच्चतम स्कोर रहा. द्रविड़ ने भारत के लिए एक टी20 मैच भी खेला था, जिसमें उन्होंने 31 रन बनाए. द्रविड़ ने 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट खेला था.

राहुल द्रविड़ (1996-2012) टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वालों की सूची में सचिन तेंदुलकर (15921), रिकी पोंटिंग (13378) और जैक कैलिस (13289) के बाद चौथे नंबर (13,288 रन) हैं. द्रविड़ ने 2000 के दशक में भारत की कई बड़ी टेस्ट विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 2003 के एडिलेड टेस्ट में 233 और नाबाद 72 रनों की पारी उनमें से एक है.

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