वनडे क्रिकेट में गेंद पर पूरी तरह के बल्ले के दबदबे के बीच भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने आईसीसी से अपील की है कि वह वर्ल्ड कप खत्म होने के बाद 30 गज के दायरे से बाहर मैक्सिमम चार फील्डर को खड़ा करने के नियम पर पुनर्विचार करे.
इस नए नियम के तहत पूरी पारी के दौरान हमेशा कम से कम पांच फील्डर का 30 गज के दायरे के भीतर खड़ा होना जरूरी है. इस नियम के बाद मौजूदा वर्ल्ड कप के लीग चरण में 17 बार अंतिम 10 ओवर में 100 या इससे अधिक रन बने जबकि 2011 वर्ल्ड कप में सिर्फ छह बार ऐसा हो पाया था.
मौजूदा टूर्नामेंट के लीग चरण में ही 388 छक्के पड़ चुके हैं जबकि 2011 के पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ 258 छक्के लगे थे.
‘ईएसपीएन क्रिकइंफो’ ने द्रविड़ के हवाले से कहा, '30 गज के अंदर पांच फील्डरों पर गौर करने की जरूरत है. मुझे लगता है कि इस पर पुनर्विचार करने की जरूरत है.' इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा, 'इसमें कोई शक नहीं कि इससे काफी अधिक दबाव पड़ रहा है और गेंदबाज इससे निपट नहीं पा रहे हैं. इससे बहुत बड़े स्कोर बन रहे हैं और मुझे नहीं लगता कि यह जरूरी है कि यह खेल के लिए अच्छा हो.'
पहले 10 ओवर में सिर्फ दो फील्डरों को 30 गज के दायरे से बाहर खड़ा होने की स्वीकृति होती है जबकि पांच ओवर के बल्लेबाजी पावर प्ले के दौरान तीन खिलाड़ियों को बाहर खड़ा किया जा सकता है. पारी के बाकी ओवरों में अधिकतम चार खिलाड़ी 30 गज के दायरे के बाहर खड़े हो सकते हैं.
राहुल ने बताया, 'हमारे काफी करीबी मैच देखने को नहीं मिले जिससे रोमांच बढ़ता है. हमेशा छक्के और चौके पड़ने से ही रोमांच नहीं बढ़ता. आप गंदे और बल्ले के बीच अच्छा मुकाबला देखना चाहते हो जिससे करीबी मैच होंगे. मेरी नजर में अब मैच एकतरफा हो गए हैं.' द्रविड़ ने साथ ही वर्ल्ड कप में एसोसिएट टीमों की मौजूदगी का भी समर्थन किया.
राहुल ने कहा, 'मैं एसोसिएट टीमों के इस टूर्नामेंट में खेलने और उन्हें प्रत्येक मौका देने का समर्थन करूंगा.'
द्रविड़ ने कहा, 'मुझे पता है कि उनके खेल की प्रगति के लिए यह कितना महत्वपूर्ण है कि उनके खेल को
विश्व कप में देखा जाए. इन मैचों का स्वदेश में सीधा प्रसारण होता है जिससे प्रायोजन, सरकारी सहायता
मिलती है. इस शीर्ष टूर्नामेंट का हिस्सा होना उनके लिए काफी महत्वपूर्ण है.'
इनपुट भाषा से