एक तरफ बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन इस्तीफा नहीं देने पर अड़े हैं. दूसरी तरफ, बोर्ड के अंदर विरोध के सुर धीरे-धीरे बुलंद होते जा रहे हैं.
बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के विरोध की आवाज उठाने के बाद बुधवार को राजीव शुक्ला ने उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन की सट्टेबाजी प्रकरण में भूमिका पर जांच प्रक्रिया से उन्हें दूर रहने की सलाह दी. वहीं, खेल मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह ने उनसे नैतिकता के आधार पर इस्तीफे देने को कहा है. हालांकि, इन दबावों के बीच एन श्रीनिवासन का कुर्सी प्रेम जारी है. उन्होंने एक बार फिर इस्तीफे की बात से इनकार कर दिया है.
आज तक से बातचीत में पूर्व क्रिकेटर और डीडीसीए के उपाध्यक्ष चेतन चौहान ने भी कहा है कि बीसीसीआई प्रमुख एन श्रीनिवासन को अपना पद छोड़ देना चाहिए.
दरअसल, स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण को लेकर श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद बोर्ड चीफ पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया था. पर, वह इन मांगों को एक सिरे से खारिज करते रहे हैं.
बुधवार को बीसीसीआई उपाध्यक्ष अरूण जेटली से मुलाकात करने के बाद राजीव शुक्ला ने कहा कि आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में उनके दामाद के खिलाफ जांच पूरी होने तक श्रीनिवासन को जांच प्रक्रिया से ‘दूर रहने’ को कहा गया है.
शुक्ला ने कहा कि मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों तथा इस फ्रेंचाइजी और चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ जांच कर रही तीन सदस्यीय जांच समिति निष्पक्ष होगी और इसकी रिपोर्ट बीसीसीआई से सलाह मशविरा के बिना सीधे लागू की जाएगी.
शुक्ला ने कहा, ‘जांच समिति नियुक्त की गई है और हम चाहते थे कि इसमें बहुमत में लोग बाहर से हों. यही कारण है कि हमने दो न्यायाधीशों को इसमें शामिल किया. हमने सुझाव दिया है कि इसकी रिपोर्ट बीसीसीआई के पास नहीं जाए और इसके निष्कर्ष जैसे हैं वैसे ही सिफारिश की जाए.’
उन्होंने कहा, ‘हम निष्पक्ष जांच चाहते हैं. साथ ही सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी हम चाहते हैं. हमें अब जांच की रिपोर्ट का इंतजार है.’
कर्नाटक और मद्रास हाई कोर्ट के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति टी जयराम चाउता, मद्रास हाई कोर्ट के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति आर बालासुब्रहमण्यम और बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले आयोग के सदस्य होंगे.
शुक्ला से जब यह पूछा गया कि उन्होंने जेटली के साथ क्या चर्चा की तो उन्होंने कहा, ‘हमने बोर्ड के सभी सदस्यों के साथ बात की और हमने बोर्ड की छवि और क्रिकेट की छवि के बारे में भी बात की.’
बुधवार की बैठक के साथ मौजूदा विवाद में बोर्ड के रुख में बड़ा बदलाव देखा गया हैं शुक्ला और जेटली ने इससे पहले कभी सामने आकर श्रीनिवासन को बाहर करने की मांग नहीं की थी जिसके अटकलें लगाई जा रही है कि विवाद पर मीडिया के लगातार नजरें बनाए रखने से उन पर कुछ दबाव आ गया है.