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राम सिंह को राष्ट्रीय शिविर से बाहर किया गया

भारतीय मुक्केबाजी की छवि को एक और झटका लगा जब भारतीय खेल प्राधिकरण ने ड्रग्स लेने की बात स्वीकार करने के बाद राम सिंह को राष्ट्रीय शिविर से बाहर कर दिया.

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राम सिंह
राम सिंह

भारतीय मुक्केबाजी की छवि को एक और झटका लगा जब भारतीय खेल प्राधिकरण ने ड्रग्स लेने की बात स्वीकार करने के बाद राम सिंह को राष्ट्रीय शिविर से बाहर कर दिया.

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राम सिंह राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) में ओलंपिक खेलों के कांस्य पदक विजेता विजेंदर सिंह के साथ रहते थे.

एनआईएस के कार्यकारी निदेशक एलएस राणावत ने फतेहगढ़ साहिब जिले में मिली ड्रग्स के संबंध में राम सिंह से पंजाब पुलिस की पूछताछ के बाद उन्हें शिविर से बाहर करने की पुष्टि की.

राणावत ने कहा, ‘राम को सोमवार को यहां शिविर से रिलीव कर दिया जाएगा.’ इस अधिकारी ने हालांकि कहा कि विजेंदर शिविर में बना रहेगा.

राणावत ने बताया कि राम सिंह को शिविर से बाहर करने का आधिकारिक पत्र नहीं मिला है लेकिन टेलीफोन पर उन्हें बाहर करने की सूचना मिल गई है.

राष्ट्रीय शिविर में राम सिंह की मौजूदगी के बारे में पूछने पर राणावत ने कहा कि शुरुआत में उसका नाम सूची में नहीं था और विजेंदर की सिफारिश के बाद ही उसे शिविर में शामिल किया गया.

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दुनिया के पूर्व नंबर एक मुक्केबाज विजेंदर ने भारत को मुक्केबाजी में पहला ओलंपिक पदक दिलाया था जब उन्होंने 2008 में बीजिंग में कांस्य पदक जीता. इसके अलावा उन्होंने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक और राष्ट्रमंडल खेलों में कई बार पदक जीते हैं. विजेंदर ने कहा था कि वह इस प्रकरण में शामिल नहीं है और पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए कथित ड्रग डीलर को नहीं जानता.

इससे पहले राम सिंह ने दावा किया था कि विजेंदर सिंह ने कुछ मौकों पर उनके साथ ड्रग्स का सेवन किया. राम सिंह ने हालांकि जोर देकर कहा कि उन्होंने गलती से प्रतिबंधित पदार्थों को फूड सप्लीमेंट समझ लिया था. ये दोनों एनआईएस में एक ही कमरे में रहते थे.

राम सिंह के मुताबिक इन्हें यह ड्रग्स एनआरआई अनूप सिंह कहलों ने दिए जो 130 करोड़ रुपये के हेराइन मामले का मुख्य आरोपी है और शनिवार को पुलिस हिरासत में आत्महत्या का प्रयास कर चुका है.

फतेहगढ़ साहिब में पुलिस की पूछताछ के बाद राम सिंह ने कहा, ‘मैंने और विजेंदर ने यह सोचकर ड्रग्स लिए कि यह फूड सप्लीमेंट हैं. हमें नहीं पता था कि हम ड्रग्स ले रहे हैं. हमें बताया गया था कि हम फूड सप्लीमेंट ले रहे हैं जो स्ट्रैंथ और स्टेमिना बढ़ाने के लिए हैं.’

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ड्रग प्रकरण में गिरफ्तार कहलों ने आत्महत्या का प्रयास किया था लेकिन वह अब खतरे से बाहर है. इस बीच पुलिस विजेंदर के साथ उसके कथित संबंधों की जांच कर रही है और एक पूर्व डीएसपी को पकड़ने के लिए छापे भी मारे गए जिसे इस गैंग का सरगना बताया जा रहा है.

पंजाब पुलिस ने अब तक विजेंदर को पूछताछ के लिए बुलाने पर फैसला नहीं किया है.

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