पाकिस्तान के पूर्व कप्तान रमीज राजा का मानना है कि अगर भारत शुक्रवार से मुंबई में शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट को भी जीतने में सफल रहता है तो वह इंग्लैंड को ‘ब्राउनवाश’ करके पिछले साल मिली 0-4 की हार का बदला चुकता कर सकता है.
उन्होंने कहा कि मुंबई में स्पिनरों को अधिक टर्न मिलेगा और ऐसे में इंग्लैंड के लिये हालात और मुश्किल हो सकते हैं जिनके ‘बल्लेबाज मानसिक रूप से मजबूत होने के बावजूद तकनीकी तौर पर थोड़ा कमजोर हैं.’
रमीज ने कहा, ‘भारत सीरीज के सभी मैच जीत सकता है. मुझे लगता है कि मुंबई में गेंद अधिक टर्न लेगी. अहमदाबाद की पिच में स्पिनरों के लिये पेस (तेजी) नहीं थी. आप किसी भी स्पिनर से पूछिए उसे स्पिन कराने के लिये पेस की जरूरत होती है. इससे थोड़ा और टर्न मिलता है.’
उन्होंने कहा, ‘अगर इंग्लैंड मुंबई टेस्ट हार जाता है तो भारत के लिए मैदान साफ हो जाएगा. भारत के पास तब 4-0 से जीत दर्ज करने, जिसे हम ब्राउनवाश कहते हैं, का सुनहरा मौका होगा.’
रमीज ने हालांकि भारत को आगाह किया कि किसी भी तरह की ढिलायी उसको भारी पड़ सकती है. उन्होंने कहा, ‘भारत का पलड़ा भारी है लेकिन इंग्लैंड मुकाबला करेगा. आपने पहला टेस्ट मैच देखा होगा. उसमें उन्होंने जिस तरह से वापसी की उससे मैच रोमांचक बन गया था. एक समय यह नहीं लग रहा था कि कौन जीतेगा या मैच ड्रा होगा. इससे लगता है कि सीरीज रोचक होगी.’
रमीज ने भारत के युवा खिलाड़ियों विशेषकर चेतेश्वर पुजारा की जमकर तारीफ की जिन्होंने पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में नाबाद 206 और दूसरी पारी में नाबाद 41 रन बनाकर मैन आफ द मैच पुरस्कार हासिल किया.
रमीज रजा के मुताबिक, ‘पुजारा ने बेहतरीन पारी खेली. इंग्लैंड की टीम तकनीकी रूप में कमजोर है लेकिन दिमागी तौर पर मजबूत है. इस टीम के खिलाफ यदि आप बिना आउट हुए 250 के करीब रन बनाते हो तो मैं कहूंगा कि बहुत दिनों बाद ऐसा बल्लेबाज देखने को मिला है जिसमें इतना आत्मविश्वास है.’
रमीज ने कहा कि पुजारा की राहुल द्रविड़ से तुलना करना अच्छी नहीं होगी. उन्होंने कहा, ‘द्रविड़ से उनकी तुलना ज्यादती है. द्रविड़ कमेंट्री करते हुए खुद मुझ से बोल रहे थे कि जब वह पुजारा की उम्र के थे तब उनमें भी इतना आत्मविश्वास नहीं था जितना उसमें है.’
उन्होंने कहा, ‘यह भारत की असल जीत है कि वह नया खून क्रिकेट में लेकर आया है ताकि आप पुराने खिलाड़ियों को भूल जाओ. हमने देखा कि उमेश यादव पर ज्यादा लोगों की निगाहें थी और जहीर खान पर कम. इसी तरह से पुजारा और विराट कोहली पर अधिक निगाहें टिकी थी. ये नयी पीढ़ी के नौजवान है और उनका प्रदर्शन उत्साहजनक है.’
रमीज ने कहा कि उपमहाद्वीप की टीमों को स्वदेश के अलावा विदेशों में भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिये अपनी ‘ए’ और अंडर-19 टीमों को निरंतर विदेशों के दौरे करवाने चाहिए. अपने जमाने के इस कलात्मक बल्लेबाज ने कहा, ‘अपनी आरामदेय जगह छोड़कर मुश्किल भरे हालात में खेलना ही टेस्ट क्रिकेट की असली चुनौती है. हर एक टीम का एक चक्र होता है. मुझे लगता है कि हर टीम का पांच साल का चक्र होता है. इसके बाद कई कारणों से उसका प्रदर्शन प्रभावित होता है.’
उन्होंने कहा, ‘जिस टीम का घरेलू ढांचा मजबूत होता है उनकी गिरावट जल्दी नियंत्रण में आ जाती है. उप महाद्वीप की टीमों पर इसलिए ज्यादा ध्यान जाता है क्योंकि वे स्वदेश में टीमों को बुरी तरह हराती है जबकि विदेशों में दबाव में आ जाती हैं. प्रशंसक भी उन पर दबाव बनाते हैं. मुझे लगता है कि इसके निदान के लिये ‘ए’ टीमों और अंडर-19 टीमों के अधिक से अधिक दौरे करवाये जाने चाहिए.’