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...तो इसलिए रवींद्र जडेजा ने की 'तलवारबाजी'

लॉर्ड्स टेस्ट की दूसरी पारी में हाफसेंचुरी जड़ने के बाद जब रवींद्र जडेजा ने खुशी का इजहार करने के लिए अपने बल्ले से ब्रूस ली एक्ट किया. किसी ने इसे 'तलवार बाजी' करार दिया तो किसी ने लाठी भांजने का जाना-पहचाना स्टाइल बताया.

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हाफसेंचुरी जड़ने के बाद कुछ इस अंदाज में जडेजा ने मनाया था जश्न
हाफसेंचुरी जड़ने के बाद कुछ इस अंदाज में जडेजा ने मनाया था जश्न

लॉर्ड्स टेस्ट की दूसरी पारी में हाफसेंचुरी जड़ने के बाद जब रवींद्र जडेजा ने खुशी का इजहार करने के लिए अपने बल्ले से ब्रूस ली एक्ट किया. किसी ने इसे 'तलवार बाजी' करार दिया तो किसी ने लाठी भांजने का जाना-पहचाना स्टाइल बताया.

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इस सेलिब्रेशन को देखने के बाद हर किसी के मन में यही सवाल था कि आखिर जडेजा ने ऐसा क्यों किया? इसका जवाब खुद जडेजा ने दिया है. उन्होंने BCCI.COM को दिए इंटरव्यू में कहा कि यह राजपूतों की एक परंपरा है और उनके यहां तलवारबाजी के साथ जश्न मनाने का फैशन है. इसलिए उन्होंने ऐसा किया.

जब उनसे जश्न मनाने के अलग अंदाज के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'राजपूतों में एक परंपरा है. किसी त्योहार या फिर खास मौके पर प्रोफेशनल तलवारबाज दोनों हाथों में तलवार लेकर चलाते हैं. कुछ वैसे ही अंदाज में जैसा मैंने किया. इसे तलवार बाजी कहा जाता है. मेरे पास सिर्फ एक बल्ला था इसलिए मैंने एक हाथ से किया. मैं कुछ अलग किस्म का जश्न मनाना चाहता था. मैंने पहले ही तय कर लिया था जब हाफसेंचुरी पूरी होगी तब ऐसा करूंगा. धोनी भाई ने शायद पहले इसे देखा होगा. इसलिए वह मेरी नकल उतार रहे थे.'

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अपने टेस्ट करियर का पहला अर्धशतक जड़ने के बाद उन्होंने बल्ले को हवा इस अंदाज में लहराया जैसे वह किसी को कुछ कहना चाह रहे हों. उन्होंने अपने बल्ले को बारी-बारी से अलग-अलग हाथों में लेकर कलाबाजी की. कुछ ब्रूस ली के ननचक्स स्टाइल में. वहीं, ड्रेसिंग रूम में मौजूद महेंद्र सिंह धोनी अपने साथी के इस सेलिब्रेशन से खुश नजर आए. वह भी अपने हाथों से जडेजा के जश्न मनाने के स्टाइल की नकर उतार रहे थे.

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