टीम इंडिया के धुरंधर रवींद्र जडेजा का बेहतरीन ऑलराउंडरों में शुमार होता है. हाल के वर्षों में जडेजा ने गेंद और बल्ले दोनों से शानदार प्रदर्शन किया है. साथ ही उन्होंने अपनी फील्डिंग से भी सुर्खियां बटोरी हैं. जडेजा की बल्लेबाजी कौशल में पिछले कुछ वर्षों में काफी सुधार हुआ है. वह भारत के लिए सभी प्रारूपों में निचले मध्य क्रम के एक बेहतरीन बल्लेबाज बन गए हैं.
जडेजा ने पिछले कुछ वर्षों में दिखाया है कि वह मैदान में जिधर चाहें उधर बाउंड्री जड़ सकते हैं. साथ ही अगर जरूरत पड़ी तो वह बीच में चीजों को धीमा भी कर सकते है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय करियर के शुरुआती दौर में जडेजा की बल्लेबाजी में बड़ी समस्या थी. उनके शॉट सेलेक्शन की एक समय पर बड़ी आलोचना हुई थी, जिसके चलते उन्हें टीम से बाहर भी होना पड़ा था.
2015 में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की एक सलाह ने जडेजा के खेल को बदल डाला था. एक इंटरव्यू में जडेजा ने इस बात का खुलासा किया है. जडेजा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'मुझे याद है कि 2015 विश्व कप के दौरान धोनी ने कहा था कि मैं उन गेंदों पर शॉट मारने की कोशिश कर रहा था, जिन पर मुझे ऐसी कोशिश नहीं करनी चाहिए.'
जडेजा ने माना, 'मुझे भी लगा कि मैं गलत कर रहा हूं. शुरुआत में मेरा फैसला सही नहीं था. मैं दोहरे माइंडसेट में रहता था. यही सोचता था कि क्या मुझे शॉट के लिए जाना चाहिए या नहीं. इन दिनों मैं अपना समय लेना पसंद करता हूं और फिर शॉट खेलता हूं. मुझे पता है कि यदि क्रीज पर टिका रहा तो बाद में रनों को कवर कर सकता हूं. सोच में बदलाव आने से काफी मदद मिली है.'
जडेजा ने बाउंसर बारे में कहा, 'हां, जब आप शॉर्ट गेंदों के खिलाफ छक्का लगाते हैं, तो आत्मविश्वास बढ़ता है. मुझे बाउंसरों के खिलाफ कभी कोई समस्या नहीं थी. मुझे याद नहीं है कि मैं कभी इस गेंद पर आउट हुआ. यह शॉट्स के चयन और संतुलन पर निर्भर करता है.'
टीम इंडिया रवींद्र इन दिनों इंग्लैंड दौरे की तैयारियों में जुटी हुई है. ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को भी इंग्लैंड दौरे के लिए टीम में जगह मिली है. जडेजा कोहनी की चोट की वजह से इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट, टी20 और वनडे सीरीज से बाहर रहे थे. उम्मीद की जा रही है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (18-22 जून) के फाइनल में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा होंगे.