इंग्लैंड बनाम भारत टेस्ट सीरीज रोमांचक मोड़ पर है. दोनों टीमों ने अब तक खेले गए तीन टेस्ट में से एक-एक मैच जीता है, वहीं सीरीज का पहला टेस्ट ड्रॉ रहा था. लॉर्ड्स टेस्ट में भारत ने पेस और बाउंस से इंग्लैंड को पछाड़ दिया तो साउथैंप्टन टेस्ट में इंग्लिश स्पिनर मोइन अली ने भारतीय बल्लेबाजों को चकमा दे दिया.
ऐसे में हर किसी के मन में यही सवाल है कि ओल्ड ट्रेफर्ड मैदान पर होने वाले अगले मैच में क्या होगा? यहां की पिच किसके लिए मददगार साबित होगी, स्पिन या पेस. क्या महेंद्र सिंह धोनी प्लेइंग इलेवन में आर अश्विन को मौका देंगे या एक बार फिर रवींद्र जडेजा को तवज्जो दी जाएगी. प्लेइंग इलेवन को लेकर धोनी के मन में दुविधा होगी और इसका समाधान ओल्ड ट्रेफर्ड मैदान के रिकॉर्ड के जरिए किया जा सकता है.
पिछले 20 साल का रिकॉर्ड बुक खंगाले तो पता चलता है कि इस पिच पर पेस और स्पिन गेंदबाजों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलती है.
इसी पिच पर शेन वार्न ने फेंकी थी 'बॉल ऑफ द सेंचुरी'
ओल्ड ट्रेफर्ड मैदान को शेन वार्न की 'बॉल ऑफ द सेंचुरी' के लिए याद किया जाता है. जून 1993 में एशेज सीरीज के एक मैच में शेन वार्न ने अपनी फिरकी से माइक गेटिंग को धूल चटा दिया था. गेंद लेग स्टंप से बाहर टप्पा खाई और घूम कर ऑफ स्टंप से जा टकराई. माइक गेटिंग सिर्फ देखते रहे, उनके पास इस गेंद का कोई जवाब नहीं था. इस मौके को 'बॉल ऑफ द सेंचुरी' करार दिया गया था.
अब बात बाकी स्पिनरों के रिकॉर्ड की. मॉन्टी पनेसर और ग्रेम स्वान जैसे स्पिनरों ने इस मैदान पर इंग्लैंड के लिए खूब सारे विकेट झटके हैं. मैनचेस्टर में पनेसर सबसे घातक साबित हुए हैं. उन्होंने यहां खेले तीन टेस्ट मैचों में करीब 17 की औसत से 25 विकेट झटके, वहीं शेन वार्न ने इतने ही मैचों में 21 विकेट हासिल किए.
बात पेस गेंदबाजों की
यह मैदान इंग्लैंड के मौजूदा तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन का होम ग्राउंड है. वैसे इस मैदान पर स्टीव हार्मिसन ने 4 टेस्ट मैच में 20 की औसत से 24 विकेट झटके हैं. हार्मिसन को इस मैदान का लॉर्ड भी माना जाता है. उन्होंने इस मैदान पर एक पारी में 5 विकेट और मैच में 10 विकेट लेने का कारनामा किया. 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ एक मैच में उन्होंने 11 विकेट झटके थे. वहीं डैरन गॉफ ने पांच मैचों में 21 विकेट हासिल किए. वैसे रिकॉर्ड बुक यही बताते हैं कि हार्मिसन को छोड़कर अन्य तेज गेंदबाजों का स्ट्राइक रेट ज्यादा रहा है यानी उन्हें विकेट हासिल करने के लिए ज्यादा गेंदबाजी करनी पड़ी.
इंग्लैंड के अन्य पिचों की तरह ओल्ड ट्रेफर्ड का भी मिजाज मौसम के साथ बदलता है. अगर आसमान में बादल हों या फिर हल्की बारिश हो जाए, तो बल्लेबाजी करना मुश्किल. वैसे रिकॉर्ड यही इशारा कर रहे हैं कि ओल्ड ट्रेफर्ड पर स्पिन का पलड़ा भारी है. पर पिच क्यूरेटर हार्ड और बाउंसी पिच बनाने का दावा कर रहे हैं. ये रिकॉर्ड महेंद्र सिंह धोनी को आर अश्विन को प्लेइंग इलेवन में शामिल करने के लिए मजबूर करें. हालांकि, मैच के पहले से बारिश हो जाती है तो पिच में तेज गेंदबाजों के लिए भी मदद रहेगी.