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इन कारणों से जीती टीम इंडिया

धोनी ने इस जीत का श्रेय टीम के सभी खिलाड़ियों को दिया है. उनकी बातों में दम भी है, क्योंकि लॉर्ड्स के मैदान पर 28 साल बाद मिली इस जीत के कई कारण रहे.

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लॉर्ड्स टेस्ट जीतने के बाद टीम इंडिया
लॉर्ड्स टेस्ट जीतने के बाद टीम इंडिया

लॉर्ड्स टेस्ट में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 95 रनों से हरा दिया. मैच की दूसरी पारी में 7 विकेट झटकने के लिए ईशांत शर्मा को मैन ऑफ द मैच चुना गया. धोनी ने इस जीत का श्रेय टीम के सभी खिलाड़ियों को दिया है. उनकी बातों में दम भी है, क्योंकि लॉर्ड्स के मैदान पर 28 साल बाद मिली इस जीत के कई कारण रहे. आइए एक नजर इन कारणों पर डालते हैं.

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 टीम के तरह खेले हम
टॉस जीतकर इंग्लैंड ने हरी घास भरी पिच पर जब भारत को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया तो उस वक्त हर किसी के मन में एक ही सवाल था, क्या भारत 200 का आंकड़ा पार कर पाएगा? अनुमान से ठीक उलट भारत ने सबको चौंकाते हुए पहले दिन के खेल में 9 विकेट पर 290 रन बनाए, हीरो रहे अजिंक्य रहाणे जिन्होंने 103 रन बनाए. इंग्लैंड की पहली पारी में भुवनेश्वर कुमार के रूप में भारत को नया हीरो मिला. उन्होंने 6 विकेट झटककर इंग्लैंड की कमर तोड़ दी. पहली पारी के बाद इंग्लैंड ने भारत पर महज 24 रन की बढ़त हासिल की थी. अब दारोमदार एक बार भारतीय बल्लेबाजों पर था. इस बार मुरली विजय ने 247 गेंदों का सामना कर 95 रन की यादगार पारी खेली. वहीं रवींद्र जडेजा(68) और भुवनेश्वर (52) ने आठवें विकेट के लिए 99 रन की साझेदारी कर भारत को सम्मानजनक स्थिति में पहुंचा दिया. इंग्लैंड की दूसरी पारी इशांत शर्मा की गेंदबाजी के आसपास घूमी. इस तेज गेंदबाज ने 74 रन खर्चकर 7 अंग्रेज बल्लेबाजों को चलता किया.

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 कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी की रणनीति काम आई
नॉटिंघम टेस्ट के बाद महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी पर कई जानकारों ने गंभीर सवाल उठाए थे. जानकारों का मानना था कि धोनी ने अच्छी स्थिति में होने के बावजूद मैच को अपने हाथों से फिसलने दिया. लेकिन लॉर्ड्स टेस्ट में धोनी ने अपने इन आलोचकों को मुंहतोड़ जवाब दिया है. चाहे ईशांत शर्मा को इंग्लैंड की दूसरी पारी में शॉर्ट पिच गेंदबाजी करने के लिए कहना हो या फिर नई गेंद से स्पिनर रवींद्र जडेजा का इस्तेमाल. धोनी की रणनीति के आगे अंग्रेज पूरी तरह से फेल हो गए. धोनी ने गेंदबाजी के दौरान लगातार मैच पर अपनी पकड़ बनाए रखा चाहे विकेट मिले या नहीं. वह इंग्लैंड को एक-एक रन के लिए तरसाते रहे. गेंदबाजों ने भी इस मामले में धोनी की जबरदस्त मदद की.

 हमारे बल्लेबाज रन बनाने के लिए ज्यादा भूखे
पहली पारी में अजिंक्य रहाणे के 103 रन तो सबको याद हैं पर चेतेश्वर पुजारा के 28 रन को हम कम नहीं आंक सकते. क्योंकि पुजारा ने इन 28 रनों के लिए 117 गेंदों का सामना किया. अब कोई बल्लेबाज स्विंग करती पिच पर करीबन 20 ओवर बैटिंग करता रहे. ऐसे में इस पारी की तारीफ तो होनी ही चाहिए. भुवनेश्वर कुमार ने पहली पारी में 36 रनों का योगदान दिया और 8वें विकेट के लिए रहाणे के साथ 90 रनों की साझेदारी की. भुवी की शानदार बल्लेबाजी दूसरी पारी में भी जारी रही. इस पारी में उन्होंने अर्धशतक जमाया और 8वें विकेट के लिए रवींद्र जडेजा के साथ 99 रनों की साझेदारी की. मुरली विजय ने तो दूसरी पारी में यह तय कर लिया था, चाहे जो हो जाए विकेट नहीं दूंगा. भले ही वह शतक बनाने से चूक गए पर 247 गेंदों का सामना कर 95 रन की पारी ने ही भारत की जीत की नींव रखी. इस मैच में जडेजा ने अपने करियर का पहला अर्धशतक जड़ा. मात्र 57 गेंदों में 68 रन, यानी टेस्ट मैच में टी20 वाली बल्लेबाजी.

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