राष्ट्रमंडल खेलों के समाप्त होने से पांच दिन पहले ही इन खेलों में रिकार्ड का नया रिकार्ड बन गया है और आखिर तक इसके ऐसे मुकाम पर पहुंचने की संभावना है जो आगे के खेलों के लिये बड़ी चुनौती होगी.
दिल्ली खेलों में शनिवार तक राष्ट्रमंडल खेलों के 81 रिकार्ड बन गये जो 2002 में मैनचेस्टर में बने 71 रिकार्ड से दस अधिक हैं. मेलबर्न खेलों में केवल 41 रिकार्ड ही बने थे. मैनचेस्टर के 71 रिकार्ड में भारोत्तोलन के स्नैच, क्लीन एवं जर्क और ओवरआल के अलग अलग रिकार्ड भी शामिल हैं.
इस बार बने खेलों के 81 रिकार्ड में 30 तो केवल तैराकी में ही बने जबकि भारोत्तोलन में 12, साइकिलिंग और निशानेबाजी में 11-11 जबकि एथलेटिक्स में दस रिकार्ड बने हैं.
कुआलालम्पुर में 1998 में खेलों के 27 रिकार्ड बने थे जबकि 1994 में 45 रिकार्ड टूटे थे. इसके अलावा 1990 में 26, 1986 में 19, 1982 में पांच, 1978 और 1974 में तीन-तीन तथा 1970 में छह रिकार्ड बने थे.
यदि इससे पहले के वषरें पर गौर करें तो 1966 में 35, 1962 में सात, 1958 में चार, 1954 में दो, 1950 में चार, 1938 में एक, 1934 में आठ और 1930 में तीन रिकार्ड बने थे.
इस बार जो 81 रिकार्ड बने हैं उनमें से 11 भारतीयों ने बनाये हैं. इनमें से तीन तीरंदाजी, छह निशानेबाजी, एक परा स्पोर्ट्स तैराकी और दो भारोत्तोलन में बने हैं. आस्ट्रेलिया ने सर्वाधिक 24 रिकार्ड बनाये जिसमें से उसके तैराकों ने 14 रिकार्ड तरणताल में डुबाये. इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने 11 जबकि कनाडा ने नौ रिकार्ड बनाये हैं.