रांची राइनोज टीम ने रविवार को बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम में खेले गए खिताबी मुकाबले में दिल्ली वेवराइर्ड्स को 2-1 से हराकर हीरो हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) के पहले संस्करण का खिताब जीत लिया है. राइनोज को पुरस्कार के तौर पर 2.5 करोड़ रुपये मिले जबकि वेवराइर्ड्स को 1.5 करोड़ रुपये से ही संतोष करना पड़ा.
लीग स्तर पर 12 में से सिर्फ एक मैच गंवाने वाली वेवराइर्ड्स टीम के लिए साइमन चाइल्ड ने 25वें मिनट में गोल किया जबकि राइनोज के लिए आस्टिन स्मिथ ने 55वें और मनप्रीत सिंह ने 64वें मिनट में गोल दागा. वेवराइर्ड्स ने फील्ड गोल किया था जबकि राइनोज ने दोनों गोल पेनाल्टी कार्नर के माध्यम से किए.
जैसी की उम्मीद थी, वेवराइर्ड्स ने मैच का खाता खोला. मैट गोड्स द्वारा दाईं पंक्ति में किए गए अथक प्रयास को सार्थक साबित करते हुए चाइल्ड ने एक बेहतरीन गोल किया. चाइल्ड ने राइनोज की सुस्ती का फायदा उठाकर अपनी टीम को बढ़त दिलाई.
इसके बाद अगले 30 मिनट तक किसी टीम का गोलपोस्ट नहीं खड़खड़ाया लेकिन 55वें मिनट में राइनोज ने स्मिथ की बदौलत बराबरी की. रुपिंदर पाल सिंह की गलती पर अम्पायर ने राइनोज को पेनाल्टी कार्नर दिया था, जिस पर उन्होंने 100 फीसदी सफलता हासिल की.
राइनोज के लिए यह गोल संजीवनी सरीखा साबित हुआ. उसने अपना हमला तेज कर दिया और इसीका नतीजा था कि 63वें मिनट में उसे एक और पेनाल्टी कार्नर मिला, जिस पर एश्ले जैक्सन ने एक जोरदार फ्लिक लिया लेकिन उसे बचा लिया गया.
वेवराइर्ड्स के डिफेंडरों से टकराकर गेंद जैसे ही राइनोज की अग्रिम पंक्ति की ओर लौटी, वहां मौजूद मनप्रीत ने मौका पाकर गेंद को फिर से गोलपोस्ट में डाल दिया. अब राइनोज 2-1 से आगे हो चुके थे.
बिरसा मुंडा स्टेडियम में राइनोज के प्रशंसकों की खुशी देखने लायक थी. सेमीफाइनल में भारी संख्या में मौजूद राइनोज के प्रशंसकों ने फाइनल में दोगुनी ताकत के साथ अपनी टीम की हौसलाअफजाई की। इससे उत्साहित राइनोज टीम ने खिताब जीतकर उन्हें शानदार और यादगार तोहफा दिया.
उल्लेखनीय है कि वेवराइर्ड्स ने शनिवार को खेले गए दूसरे सेमीफाइनल में जेपी पंजाब वॉरियर्स को 3-1 से हराया था जबकि पहले सेमीफाइनल में राइनोज ने उत्तर प्रदेश विजार्ड्स को 4-2 से मात दी थी. विजार्ड्स ने रविवार को कप्तान वीआर रघुनाथ के चार गोलों की बदौलत वॉरियर्स को 4-3 से हराकर तीसरा स्थान हासिल किया.