हाई परफॉरमेंस निदेशक रोलेंट ओल्टमेंस को शनिवार को पॉल वान ऐस की जगह भारतीय पुरुष हॉकी टीम का नया कोच नियुक्त किया गया जो अगले ओलंपिक तक पद पर रहेंगे.
पॉल वान ऐस को हॉकी इंडिया अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के साथ सरेआम बहस के बाद पद से हटा दिया गया. हॉलैंड के 61 वर्षीय कोच ओल्टमेंस करीब तीन साल से भारतीय हॉकी के साथ है और कम से कम रियो ओलंपिक तक कार्यभार संभालेंगे.
ओल्टमेंस को नियुक्त करने का फैसला भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक इंजेती श्रीनिवास और बत्रा के बीच बैठक के बाद लिया गया. बत्रा ने कहा, ‘ओल्टमेंस रियो ओलंपिक तक कोच बने रहने को राजी हो गए हैं और हम चाहते हैं कि वह उसके बाद भी रहें.’ उन्होंने कहा कि वान ऐस की बर्खास्तगी निराशाजनक चैप्टर था लेकिन भारतीय हॉकी को अब आगे बढ़ना होगा.
ओलंपिक के लिए टीम तैयार करना प्राथमिकता
उन्होंने कहा, ‘कोच आते-जाते रहते हैं लेकिन हमें आगे बढ़ना होगा. हमें आगे की ओर देखना है और ओलंपिक के लिए टीम को तैयार करना है. हम ओल्टमेंस से बात करेंगे कि उन्हें कैसा सहयोगी स्टाफ चाहिए और हम उनकी पूरी सहायता करेंगे.’ इससे पहले शुक्रवार को ओलंपियन हरबिंदर सिंह की अगुवाई वाली 9 सदस्यीय समिति ने वान ऐस को पद से हटाने का सुझाव दिया था.
दूसरी ओर वान ऐस ने ‘निरंकुश’ बत्रा को उनकी बर्खास्तगी के लिए दोषी ठहराते हुए कहा कि उन्हें हटाने का सुझाव उनके लिए हैरत का सबब नहीं था. ओल्टमेंस लगभग तीन साल तक भारतीय हॉकी के साथ जुड़े हुए हैं और खिलाड़ियों की जरूरतों को समझते हैं. खिलाड़ी भी उनसे अच्छी तरह से घुलमिल चुके हैं.
विदेशी कोचों का विवादास्पद अंत
वान ऐस को इस साल जनवरी में नियुक्त किया गया था और उन्हें 2018 तक का करार दिया गया था. भारतीय टीम के साथ उनका आखिरी टूर्नामेंट इस महीने की शुरुआत में बेल्जियम में हुआ वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल था. हॉकी इंडिया के 2009 में कार्यभार संभालने के बाद वान ऐस चौथे विदेशी कोच हैं, जिन्हें विवादास्पद तरीके से बाहर किया गया. वान ऐस से पहले जोस ब्रासा, माइकल नोब्स और टेरी वाल्श सभी ने विवादास्पद तरीके से भारत छोड़ा था. इन सभी को हॉकी इंडिया की सिफारिशों के बाद मोटे वेतन पर भारतीय खेल प्राधिकरण ने पद पर रखा था.