दक्षिण कोरिया के प्योंगयांग में अगले साल आयोजित होने वाले विंटर ओलंपिक में रूस शामिल नहीं होगा. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ (IOC) ने डोपिंग मामले में रूस पर पाबंदी लगा दी है, हालांकि रूस के एथलीट बिना झंडे और राष्ट्रगान का इस्तेमाल किए आयोजन में हिस्सा ले सकते हैं.
ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले रूसी खिलाड़ियों को यह साबित करने होगा कि वो डोपिंग में शामिल नहीं हैं. 2014 के सोची ओलंपिक में रूस ने मेजबानी की थी और उस दौरान ही एथलीट्स के प्रयोजित डोपिंग में शामिल होने की शिकायतें आई थीं, जिसके बाद IOC ने यह फैसला किया है.
अब रूस इस फैसले का बहिष्कार कर सकता है क्योंकि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही कह चुके हैं कि खिलाड़ियों के लिए बिना झंडे के ओलंपिक में हिस्सा लेना शर्मसार करने वाला है. हालांकि IOC प्रमुख का कहना है कि बहिष्कार जैसे कोई बात नहीं आने चाहिए क्योंकि हमने डोपिंग में शामिल न रहने वाले खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा में शामिल होने का मौका दिया है. दक्षिण कोरिया में अगले साल 9 फ़रवरी को विंटर ओलंपिक का आयोजन होना है, ऐसे में प्रतिस्पर्धा का एक प्रमुख देश इसमें बाहर रहेगा.IOC suspends Russian NOC and creates a path for clean individual athletes to compete in @PyeongChang2018 under the Olympic Flag https://t.co/bKA9rpbd3y
— IOC MEDIA (@iocmedia) December 5, 2017
रूस की सरकार अपने पर लगे आरोपों का लगातार खंडन करती आई है बावजूद जांच में पाया गया था कि रूस के डोपिंग विरोधी क़ानूनों के साथ जानबूझ कर खिलवाड़ करने के सबूत मिले हैं. इससे यह बात और भी पुख्ता हो जाती है कि सोची विंटर ओलंपिक के रन-अप में हुई धोखाधड़ी में सरकार शामिल थी.