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2018 ओलंपिक में रूस पर लगा बैन, बिना झंडे के खेल सकते हैं रूसी एथलीट

ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले रूसी खिलाड़ियों को यह साबित करने होगा कि वो डोपिंग में शामिल नहीं हैं. 2014 के सोची ओलंपिक में रूस ने मेजबानी की थी और उस दौरान ही एथलीट्स के प्रयोजित डोपिंग में शामिल होने की शिकायतें आई थीं, जिसके बाद IOC ने यह फैसला किया है.

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डोपिंग मामले में IOC का फैसला
डोपिंग मामले में IOC का फैसला

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दक्षिण कोरिया के प्योंगयांग में अगले साल आयोजित होने वाले विंटर ओलंपिक में रूस शामिल नहीं होगा. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ (IOC) ने डोपिंग मामले में रूस पर पाबंदी लगा दी है, हालांकि रूस के एथलीट बिना झंडे और राष्ट्रगान का इस्तेमाल किए आयोजन में हिस्सा ले सकते हैं.

ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले रूसी खिलाड़ियों को यह साबित करने होगा कि वो डोपिंग में शामिल नहीं हैं. 2014 के सोची ओलंपिक में रूस ने मेजबानी की थी और उस दौरान ही एथलीट्स के प्रयोजित डोपिंग में शामिल होने की शिकायतें आई थीं, जिसके बाद IOC ने यह फैसला किया है.

अब रूस इस फैसले का बहिष्कार कर सकता है क्योंकि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही कह चुके हैं कि खिलाड़ियों के लिए बिना झंडे के ओलंपिक में हिस्सा लेना शर्मसार करने वाला है. हालांकि IOC प्रमुख का कहना है कि बहिष्कार जैसे कोई बात नहीं आने चाहिए क्योंकि हमने डोपिंग में शामिल न रहने वाले खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा में शामिल होने का मौका दिया है. दक्षिण कोरिया में अगले साल 9 फ़रवरी को विंटर ओलंपिक का आयोजन होना है, ऐसे में प्रतिस्पर्धा का एक प्रमुख देश इसमें बाहर रहेगा.

रूस की सरकार अपने पर लगे आरोपों का लगातार खंडन करती आई है बावजूद जांच में पाया गया था कि रूस के डोपिंग विरोधी क़ानूनों के साथ जानबूझ कर खिलवाड़ करने के सबूत मिले हैं. इससे यह बात और भी पुख्ता हो जाती है कि सोची विंटर ओलंपिक के रन-अप में हुई धोखाधड़ी में सरकार शामिल थी.

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