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सौरव गांगुली का खुलासा, 'नींद में चलने वाले सचिन तेंदुलकर से मैं डर गया था'

क्रिकेट के मैदान से दूर क्रिकेटर अक्सर खुद से और अपने साथी क्रिकेटरों से जुड़ी रोचक कहानियां बताते हैं. सचिन तेंदुलकर की आत्मकथा, 'प्लेइंग इट माइ वे' के विमोचन समारोह में भी कुछ ऐसा हुआ. किताब तो लॉन्च हुआ ही साथ में कई नए किस्से सामने आए.

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क्रिकेट के मैदान से दूर क्रिकेटर अक्सर खुद से और अपने साथी क्रिकेटरों से जुड़ी रोचक कहानियां बताते हैं. सचिन तेंदुलकर की आत्मकथा, 'प्लेइंग इट माइ वे' के विमोचन समारोह में भी कुछ ऐसा ही हुआ. किताब तो लॉन्च हुआ ही साथ में कई नए किस्से सामने आए. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने खुलासा किया कि बचपन में सचिन को नींद में चलने की आदत थी. वो तो उनकी इस आदत से एक बार डर भी गए थे.

सौरव गांगुली ने बताया कि बीसीसीआई द्वारा इंदौर में आयोजित अंडर 14 कैंप में वह सचिन तेंदुलकर के रूम मेट थे. एक रात को सचिन अपने बिस्तर से उठे और कमरे में घूम कर फिर अपने बिस्तर पर आकर सो गए. गांगुली को लगा कि शायद सचिन बाथरूम गए थे. लेकिन अगली रात को भी ऐसा हुआ. इसके बाद गांगुली ने सचिन से बात की. तब गांगुली को सचिन ने बताया कि उन्हें नींद में चलने की बीमारी है. यह जानकर गांगुली डर गए. इसके बाद वह जब भी सोते तो उनका ध्यान सचिन पर ही रहता.

गांगुली ने यह भी बताया कि जब वह सचिन के साथ ओपनिंग करते, तो उन्हें हमेशा पहली गेंद का सामना करना पड़ता. सचिन कभी भी पहली गेंद खेलना पसंद नहीं करते थे. एक बार गांगुली खराब फॉर्म से गुजर रहे थे, वह पहली गेंद का सामना नहीं करना चाहते थे. लेकिन वह सचिन से बोलें कैसे. लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ इस मुकाबले में जब गांगुली और सचिन क्रीज पर पहुंचे, तो दादा पहले जाकर नॉन स्ट्राइक एंड पर खड़े हो गए. अब सचिन के पास स्ट्राइक लेने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था. गांगुली ने मजाकिया अंदाज में कहा कि वह दुनिया में एकमात्र ऐसे कप्तान होंगे जिसे अपने खिलाड़ी से स्ट्राइक लेने के लिए रिक्वेस्ट करना पड़ता था.

ग्रेग चैपल विवाद
वीवीएस लक्ष्मण ने कहा, 'ड्रेसिंग रूम का माहौल बहुत अहम है. जब आप बल्लेबाजी करने जाते हैं तब मानसिक तौर पर स्थिर रहना चाहते हैं. खासकर 2006 में माहौल बहुत खराब था.'
सचिन ने कहा,  'मैंने तो लिखा है कि अगर ग्रेग चैपल को 2007 वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा नहीं बनाया जाता तो बेहतर होता. उनके रहते हुए टीम का माहौल बहुत नकारात्मक था. मैंने तो यहां तक कहा था कि सीनियर खिलाड़ी सबकुछ मैनेज कर लेंगे.' राहुल द्रविड़ ने कहा, 'जब आप हारते हैं, तो बेहद मुश्किल वक्त रहता है. हम 2007 वर्ल्ड कप हारे और यह मेरे लिए मुश्किल था. लेकिन जब आप पुराने दिनों के बारे में सोचते हैं तो अच्छे वक्त भी याद आते हैं.' सौरव गांगुली ने कहा, '2007 वर्ल्ड कप में अच्छा नहीं खेल पाना दुखद था. मैं तो टीम में अपने चयन को लेकर भी आश्वस्त नहीं था. हमारे पास दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम थी, फिर भी हार गए.'

मुल्तान टेस्ट विवाद
राहुल द्रविड़ ने कहा, '16 साल सचिन के साथ बिताए हैं. कई ऐसे पल भी रहे जब हम आपस में सहमत नहीं थे. पर आज हम साथ बैठे हैं और दोस्त भी हैं. पारी घोषित करने के फैसले पर मैंने सचिन से बात की थी. पर मेरे लिए मजेदार पल वो था, जब मैंने सचिन को दिन का आखिरी ओवर डालने के लिए गेंद दी और उन्होंने मोइन खान को क्लीन बोल्ड कर दिया. हम पाकिस्तान के खिलाफ जीते भी.'

सचिन ने कहा कि हमने मुल्तान एपिसोड को जल्द ही भुला दिया. हम आज भी दोस्त हैं.  वीवीएस लक्ष्मण ने कहा, 'चाहें हमारे बीच मतभेद हों या फिर नहीं, हम जो भी करते वह टीम के बेहतरी के लिए होता.' आपको बता दें कि मुल्तान टेस्ट में सचिन तेंदुलकर 194 रन बनाकर बल्लेबाजी कर रहे थे जब कप्तान राहुल द्रविड़ ने पारी घोष‍ित कर दी थी. इसके लिए द्रविड़ को आलोचना भी झेलनी पड़ी थी.

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