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दोस्ती टूटने के लिए सचिन जिम्मेदारः विनोद कांबली

अब यह साफ हो गया है कि सचिन तेंदुलकर और उनके बाल सखा विनोद कांबली में दोस्ती खत्म हो गई है. इस दुखद बदलाव के लिए कांबली ने सचिन को जिम्मेदार ठहराया है.

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विनोद कांबली
विनोद कांबली

अब यह साफ हो गया है कि सचिन तेंदुलकर और उनके बाल सखा विनोद कांबली में दोस्ती खत्म हो गई है. इस दुखद बदलाव के लिए कांबली ने सचिन को जिम्मेदार ठहराया है.

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लेकिन दोनों के कॉमन दोस्त कहते हैं कि इसके लिए विनोद कांबली ज्यादा जिम्मेदार हैं. 7 साल पहले 'सच का सामना' नाम के एक टीवी प्रोग्राम में विनोद कांबली ने कहा था कि सचिन ने उनकी कोई खास मदद नहीं की और उसके बाद ही दोनों के संबंध और बिगड़ गए. दोनों के बीच पहले जैसी घनिष्ठता नहीं रही.

'मुझे लगा, सचिन उस साझेदारी का जिक्र भी करेंगे'
अब फिर विनोद कांबली ने इस बात तो सार्वजनिक तौर से कहना शुरू किया है. उन्हें इस बात से चोट पहुंची है कि सचिन ने अपनी विदाई पार्टी में उन्हें नहीं बुलाया. उन्होंने कहा, 'मुझे गहरा दुख पहुंचा है. मुझे उम्मीद थी कि वह अपनी फेयरवेल स्पीच में मेरा नाम लेंगे, कम से कम उस वर्ल्ड रिकॉर्ड पार्टनरशिप (664 रन) के बारे में बात करेंगे जिसने हमारे करियर को बनाया. उसके बाद ही हर आदमी को मालूम हुआ कि कौन है सचिन और कौन है कांबली. मेरा भी उस साझेदारी में हाथ था.'

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'10 साल की उम्र से सचिन की जिंदगी का हिस्सा हूं'
कांबली को इस बात का भी दुख रहा कि उन्हें सचिन ने पार्टी में नहीं बुलाया. उन्होंने कहा, 'मेरे लिए दूसरी दुखद बात यह रही कि सचिन ने अपनी टीम के सभी दोस्तों और परिवार के लोगों को बुलाया लेकिन मुझे नहीं. मैं इस घटना से आहत और दुखी हुआ हूं. मैं 10 साल की उम्र से ही घर में और बाहर सचिन की जिंदगी का हिस्सा रहा हूं. हमने एक साथ बुरे और अच्छे दिन देखे हैं. मैं उसके लिए हमेशा तत्पर रहा. अब मैं यही कह सकता हूं कि उसने मुझे भुला दिया.'

कांबली ने भी की थी करियर की शानदार शुरुआत
कांबली और सचिन के करीबी लोगों का कहना है कि दोनों कभी पारिवारिक मित्र नहीं रहे. स्कूल में दोनों अच्छे दोस्त रहे. उनकी मित्रता की कई बार परीक्षा हुई. सचिन दो साल इंटरनेशनल क्रिकेट में खेलने के बाद सुपरस्टर बने और कांबली ने भी गजब की शुरुआत की. उन्होंने अपने शुरुआती टेस्ट मैचों में डबल सेंचुरी ठोंकी. सिर्फ 14 टेस्ट में 1,000 रन बनाने का उनका एक रिकॉर्ड है. लेकिन जब एक बार वह टीम से निकल गए तो फिर उन्हें वापस लौटने के लिए संघर्ष करना पड़ा. वह अपना पुराना फॉर्म नहीं पा सके. उसके बाद सफलता उनसे दूर हो गई.

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'सचिन ने मेरे लिए कुछ खास नहीं किया'
कांबली ने कहा कि जब मुझे उसकी जरूरत थी तो वह वहां नहीं था और इसलिए मैंने यह बात टीवी शो में कही. अगर आप तथ्यों को देखेंगे तो समझ नहीं पाएंगे कि क्यों मुझे भारतीय टीम से निकाल दिया गया. कांबली ने आरोप लगाया कि सचिन ने उनके लिए कुछ खास नहीं किया.

कांबली ने सचिन के 30 वें जन्म दिन पर उन्हें 30 बड़ा पाव भेंट किए थे जिसे उन्होंने बड़ी ही विनम्रता से स्वीकार किया था. लेकिन बताया जाता है कि उस शो के बाद से सचिन कांबली से एकदम दूर हो गए और उनसे दोस्ती खत्म कर दी.

'मुझे SMS के ठंडे जवाब मिले'
कांबली ने कहा कि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जब मेरी पत्नी को बच्चा हुआ तो वह मेरे बच्चे को भी देखने नहीं आया. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारी दोस्ती किस मुकाम पर पहुंच गई है. कांबली ने यह भी बताया कि मैंने सचिन को एसएमएस भी किया लेकिन कोई उससे बिलकुल ठंडे जवाब मिले. मैं यही कह सकता हूं कि उसने मुझसे बातचीत करना छोड़ दिया है.

कांबली को हालात ठीक होने की उम्मीद
हालांकि कांबली को उम्मीद है कि चीजें पहले जैसी दुरुस्त हो जाएंगी लेकिन उनका कहना है कि सचिन के इर्द-गिर्द कुछ ऐसे लोग हैं जो उसके दिमाग में मेरे बारे में गलत बातें भरते हैं. उनसे मुझसे बातें करनी बंद कर दी है. लेकिन जब कभी वह मुझे बुलाएगा मैं उसके साथ होउंगा.

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टेस्ट मैच में आंकड़ों के लिहाज से कांबली का औसत सचिन से ज्यादा है. कांबली का औसत जहां 54.20 है वहीं सचिन का 53.78 है. लेकिन सचिन ने 200 टेस्ट खेले जबकि कांबली ने सिर्फ 17.

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