मंगलवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 'सलाम सचिन' में अभिषेक बच्चन भी पहुंचे. अभिषेक अपनी एक फिल्म की शूटिंग में व्यस्त हैं और वे शूटिंग छोड़कर इस कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे. उन्होंने सचिन तेंदुलकर के बारे में अनुभव शेयर किए. उनसे सवाल किए श्वेता सिंह ने.
अभिषेक बच्चन ने बताया कि विश्वकप 2011 के सेमीफाइनल से लेकर फाइनल तक वे एक ही जगह पर बैठे थे. जब टीम इंडिया जीत गई तो उन्हें चैन आया. अभिषेक ने बताया कि जब सचिन तेंदुलकर पूरे कार्यक्रम से फ्री हुए तो वे ऐश्वर्या राय के साथ उनके मिलने गए और सचिन को बधाई दी.
'मैंने सचिन से कहा कि आपने यह कप हम सबके लिए जीता है. इसे जीतने में देश के क्रिकेट प्रशंसकों का भी पूरा दम लगा है.' अभिषेक ने कहा. उन्होंने कहा कि इस पर सचिन मुस्कुराए और कहा कि हां, ये सब आपकी और प्रशंसकों की वजह से संभव हो पाया, टीम ने तो ज्यादा कुछ किया नहीं.
अभिषेक ने कहा कि सचिन ने बहुत कुछ पाया है. वे बहुत बड़े सितारे हैं, लेकिन जमीन से जुड़े हुए हैं. उनकी यही अदा कायल कर जाती है. उनकी विनम्रता उन्हें खास बना देती है.
आप सचिन से पहली बार कब मिले?
इस सवाल के जवाब में अभिषेक ने कहा कि लगभग 15 साल पहले वे सचिन से पहली बार मिले थे. अभिषेक ने कहा, 'रोहन गावस्कर मेरे मित्र हैं, हम एक साथ बड़े हुए हैं. जब सेकंड स्टैंडर्ड में थे तो लंच ब्रेक में क्रिकेट खेलने जाते थे. एक बार रोहन ने कहा था कि सचिन 'अक्स' मूवी देखना चाहते हैं. तब हमने उनके लिए स्पेशल स्क्रिनिंग की थी. सचिन का पूरा परिवार आया था. तब मैं पहली बार उनसे मिला था.'
अभिताभ बच्चन और सचिन तेंदुलकर में कौन महान?
अभिषेक ने कहा, 'अगर मैं डैड कहूं तो आप शो से निकाल देंगे और सचिन कहूं तो डैड घर से निकाल देंगे. अगर आप इन दोनों से पूछेंगे तो दोनों एक दूसरे की तारीफ करेंगे. मेरे लिए सिनेमा में डैड (अमिताभ बच्चन) से बड़ा कोई नहीं है और किसी भी खेल में सचिन तेंदुलकर से बड़ा कोई नहीं है. दोनों का काम अलग है. दोनों महानतम हैं.'
जब अभिषेक से कहा गया कि आप रैप करते हैं? सचिन के लिए कुछ रैप करेंगे? तो अभिषेक ने कहा, 'मैं अभी नहीं कर सकता, पर बाद में लिखकर जरूर रैप आउंगा. वादा करता हूं, आपके चैनल पर आकर जरूर सुनाउंगा.'
सचिन तो खुद सेंचुरी हैं
अभिषेक बच्चन से पूछा गया कि क्या वे सचिन को वानखेड़े के टेस्ट में सेंचुरी बनाते देखना चाहते हैं तो अभिषेक ने कहा कि सचिन खुद एक सेंचुरी हैं. वे सेंचुरी करें या न करें, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. लोग उन्हें देखना चाहते हैं, उनसे प्यार करते हैं.