पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज में ना चुने जाने के बाद मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने वनडे क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है. वन डे क्रिकेट में सचिन के नाम सर्वाधिक 18426 रन हैं, जिसमें उनके सबसे ज्यादा 49 शतक और 96 अर्द्धशतक शामिल हैं. सचिन ने अपना आखिरी वनडे मैच ढ़ाका में खेला था.
पिछले काफी दिनों से मास्टर ब्लास्टर बेहद खराब फॉर्म से जूझ रहे थे और लगातार बोल्ड होने के बाद उनकी खूब आलोचना भी हो रही थी. खराब फॉर्म के कारण ही उनके संन्यास लेने की अटकलें लगाई जा रही थीं.
गौरतलब है कि सचिन पर इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में खराब प्रदर्शन करने के बाद संन्यास लेने का भारी दबाव था. पहले इंग्लैंड दौरा फिर ऑस्ट्रेलिया दौरा और उसके बाद देश में हुए 6 टेस्ट मैचों में उनके बल्ले से रन नहीं निकले. सचिन तेंदुलकर ने इंग्लैंड के खिलाफ 4 टेस्ट मैचों में मात्र 112 रन बनाये. इस दौरान वह एक भी शतक नहीं लगा सके हैं.
हाल के कुछ दिनों में कपिलदेव और सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज खिलाडिय़ों ने भी चयनकर्ताओं को तेंदुलकर के साथ इस मसले पर बातचीत का सुझाव दिया है. इयान चैपल और इमरान खान ने सचिन के संन्यास की बात कही थी, जबकि पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली का मानना था कि टेस्ट क्रिकेट को जारी रखते हुए सचिन को वनडे क्रिकेट को अलविदा कह देना चाहिए. उनके समकालीन पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने हाल ही में संन्यास लिया है.
कपिल देव ने कहा कि सचिन ने क्रिकेट खिलाडियों को एक बड़ी इज्जत दिलाई है. हर इंसान को एक ना एक दिन संन्यास लेना पड़ता है और उन्होंने भी आज यह फैसला लिया है. उनके इस फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए.
सौरव गांगुली ने सचिन के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि ये उनका खुद का फैसला है. मुझे नहीं लगता है कि चयनकर्ताओं का उन पर कोई दबाव होगा.
बीसीसीआई के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी रत्नाकर शेट्टी ने भी कहा है कि ये फैसला सचिन ने खुद लिया है और उन पर कोई दवाब नहीं था.