सचिन तेंदुलकर आज जब मैदान पर आए तो वानखेड़े की उस जमीन को छूकर प्रणाम किया, जो ऐतिहासिक होने वाली थी. अपने आखिरी और 200वें टेस्ट में मास्टर ब्लास्टर शानदार खेले, हालांकि सेंचुरी नहीं बना सके.
वैज्ञानिकता पर सचिन को लेकर हमारी भावुकता हावी है. शायद इसलिए बहुत सारे लोग पहली बार भारतीय पारी को डिक्लेयर करने की कामना कर रहे हैं, ताकि सचिन को दूसरी पारी में भी पैड पहनने का मौका मिले. ट्विटर और फेसबुक पर सचिन पर लिखे भावनात्मक संदेशों की बाढ़ सी आ गई. ट्विटर पर 'डिक्लेयर', 'एमएसडी' और 'धोनी' शब्द ट्रेंड करने लगे..
सब रह गए सन्न, कुछ पता ही नहीं लगा
सचिन की मां रजनी तेंदुलकर
पवेलियन की ओर जाते हुए सचिन भावुक नजर आए . उन्होंने हेलमेट निकाला और बल्ला उठाकर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया तो प्रशंसकों का शोर उनके सम्मान में एक बार फिर जीवंत हो उठा. हालांकि थोड़ी देर बाद स्टेडियम से काफी दर्शक उठकर चले गए.
लेकिन लाजवाब खेले मास्टर ब्लास्टर
सचिन ने भले ही सेंचुरी न बनाई हो लेकिन मां की मौजूदगी में जैसा खेल दिखाया, उससे उनके फैन्स कुछ कम निराश हुए होंगे. अपनी पारी में उन्होंने 12 खूबसूरत चौके लगाए. शानदार स्ट्रेट ड्राइव से जब उन्होंने अपने 50 रन पूरे किए, तो पत्नी अंजलि ने भी राहत की सांस ली.
यह सचिन का 68वां अर्धशतक था. टेस्ट मैचों में उन्होंने 119वीं बार 50 से ज्यादा का स्कोर बनाया है. सचिन ने 91 गेंदों पर हाफ सेंचुरी पूरी की.
विदाई देने पहुंचे राहुल गांधी और ऋतिक रोशन भी
उस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने वानखेड़े में कई हस्तियां जुटीं, जिसे अमेरिकी मीडिया गांधी की हत्या के बाद देशवासियों के लिए सबसे भावुक मौका बता रहा है. इस सूची में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण, अभिनेता ऋतिक रोशन, आमिर खान, उनकी पत्नी किरण राव, राहुल बोस, गीतकार प्रसून जोशी समेत उद्योग, मनोरंजन और राजनीतिक जगत के कई दिग्गज नाम शामिल हैं.
खतरनाक गेंदों को सलीके से संभाला सचिन ने
गुरुवार को भी सचिन के बल्ले से बिल्कुल सचिन छाप के 6 अद्भुत चौके निकले. पहले ही दिन पिच जैसा टर्न और बाउंस दिखा रही थी, उसने सचिन से अच्छे प्रदर्शन की आस पर आशंकाओं की धूल जरूर जमा दी थी. लेकिन मास्टर ब्लास्टर तो कुछ और ही सोचकर आए थे.
पहली बार मां की मौजूदगी में अंतरराष्ट्रीय मैच खेलते हुए उन्होंने अच्छी गेंदों पर भी खूबसूरत शॉट लगाए और खतरनाक होती गेंदों को सलीके से संभाला भी.
सचिन को सलाम