कोलकाता के ईडन गार्डेंस पर भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में भारत की पहली पारी में सचिन तेंदुलकर को आउट दिए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इंग्लैंड के अंपायर नाइजल लॉन्ग के इस फैसले पर सवाल उठ रहे है. सचिन इस पारी में एलबीडब्ल्यू आउट करार दिए गए पर टीवी रिप्ले से जो तथ्य सामने आए हैं, उसके बाद इस फैसले पर सवाल उठना लाजमी है.
दरअसल, सचिन तेंदुलकर 10 रन बनाकर बल्लेबाजी कर रहे थे. यह भारतीय पारी का 29वां ओवर था. गेंदबाजी का जिम्मा वेस्टइंडीज के ऑफ स्पिनर शेन शिलिंगफोर्ड के पास था. इस ओवर की तीसरी गेंद पर शिलिंगफोर्ड ने 'दूसरा' गेंद फेंका जिसे सचिन पढ़ने में नाकाम रहे. वो गेंद की लाइन पर पूरी तरह से चूक गए और बॉल उनके दाएं पांव के पैड पर ऊपर जा लगी. शिलिंगफोर्ड के साथ अन्य विंडीज क्रिकेटर विकेट की अपील करने लगे और अंपायर ने बिना कोई समय गंवाए सचिन को आउट दे दिया. सचिन उस फैसले से नाखुश तो दिखे और मुड़कर विकेट की ओर भी देखा लेकिन वो अपनी नाराजगी जाहिर किए बिना ही पैवेलियन की तरफ लौट गए. पैवेलियन लौटते समय वो निराश थे और एक बार दर्शकों की ओर भी अपनी नजरें फेरी.
जब सचिन पैवेलियन में अंदर जा रहे थे तो उन्होंने अपने हाथ से इशारा भी किया जिसका मतलब यह था कि बॉल ऊंचीं लगी थी.
बहरहाल, अंपायर नाइजल लॉन्ग के इस फैसले पर सवाल तब उठा जब टीवी रिप्ले से चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. गेंद सचिन के पिछले पांव के पैड से तो टकराई थी पर वो थाई पैड था. इसके अलावा गेंद में उछाल भी थी यानी गेंद स्टंप्स के ऊपर से निकल जाती, फिर भी अंपायर ने उन्हें आउट करार दिया.