मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के चमकदार करियर में एक और उपलब्धि जुड़ गई है मास्टर ब्लास्टर को ब्रैडमैन हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया है.
ऐतिहासिक सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर भव्य रात्रि भोज के दौरान तेंदुलकर के साथ ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वा को भी ब्रैडमैन हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया. ब्रैडमैन फाउंडेशन के वार्षिक भोज में तेंदुलकर की उपस्थिति काफी महत्व रखती है, क्योंकि इस महान ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने एक बार कहा था कि इस भारतीय की तकनीक उन्हें खुद की याद दिलाती है.
ब्रैडमैन के 90वें जन्मदिन पर तेंदुलकर उनसे उनके एडिलेड स्थित आवास पर मिले थे. बाद में ब्रैडमैन ने उन्हें अपनी सर्वकालिक एकादश में शामिल किया था. तेंदुलकर ने 1998 में ब्रैडमैन से मुलाकात को याद करते हुए कहा कि वह और अन्य आमंत्रित खिलाड़ी शेन वार्न इतने अधिक घबराए हुए थे कि यह फैसला नहीं कर पाए कि ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज के साथ पहले किसे बात करनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘मुझे याद है कि वार्नी मेरे साथ कार में था और हम चर्चा कर रहे थे कि पहला सवाल कौन करने जा रहा है. मैंने उससे कहा कि आप ऑस्ट्रेलिया के हो इसलिए आपको शुरुआत करनी चाहिए. और वार्न ने कहा, नहीं आप बल्लेबाज हो इसलिए आप मेरी तुलना में उनके काफी करीब हो सकते हो.’
अपने 24 साल के लंबे करियर के दौरान तेंदुलकर ने एससीजी पर शानदार प्रदर्शन किया और पांच टेस्ट मैचों में तीन शतक लगाए. तेंदुलकर ने 2003-04 की सीरीज में यहां नाबाद 241 रन बनाए थे जिसे इस मैदान पर खेली गई सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक आंका जाता है. उन्होंने कहा, ‘मैंने हमेशा यहां के माहौल और विशेषकर पवेलियन का पूरा आनंद लिया. यह शानदार पवेलियन है जिससे इतिहास जुड़ा है.’
तेंदुलकर ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रदर्शन करने से मुझे हमेशा बहुत संतुष्टि मिलती थी क्योंकि मैं जानता था कि अगर आप चोटी की टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करोगे तो सभी उस पर गौर करेंगे. यह एक अलग तरह की संतुष्टि है.’ उन्होंने कहा कि जब वह 16 साल पहले ब्रैडमैन से मिले थे तब दोनों एक दूसरे के प्रति बहुत आदर रखते थे.
तेंदुलकर ने कहा, ‘यह बड़ी बात थी कि मैं महान व्यक्ति से मिला लेकिन तब मैं उनके मजाकिया पक्ष से भी परिचित हुआ.’ इस भारतीय बल्लेबाज ने कहा, ‘मैंने उनसे सवाल किया, ‘अगर आप आज की क्रिकेट खेलते तो आपका औसत क्या होता?’ उन्होंने इस बारे में सोचा और कहा ‘शायद 70’, मेरी नैसर्गिक प्रतिक्रिया थी, ‘70 क्यों, 99 क्यों नहीं?’ उन्होंने कहा, ‘एक 90 साल के व्यक्ति के लिए यह बुरा नहीं है.’
इनपुटः भाषा से