क्रिकेट के 'भगवान' माने जाने वाले पूर्व भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की आत्मकथा 'प्लेइंग इट माई वे-माई ऑटोबायोग्राफी' किताब के रूप में सामने आने के लिए तैयार है. इसका विमोचन छह नवंबर को किया जाएगा. यह घोषणा मंगलवार को हुई.
तेंदुलकर ने इस किताब के बारे में बात करते हुए कहा, 'मैं जानता हूं कि अपनी कहानी लिखने के लिए राजी होने का मतलब है कि मुझे पूरी तरह से ईमानदार होना होगा. मैंने अपने खेल को भी पूरा जीवन ऐसे ही खेला है. इसमें कई ऐसे पहलू भी होंगे जिसके बारे में मैंने सार्वजनिक रूप से कभी बात नहीं की.'
तेंदुलकर ने कहा, 'इसी कारण आखिरी बार मैदान से पवेलियन लौटने और अपनी क्रिकेट की पारी समाप्त होने के बाद मैं यहां अपने किताब हूं. एक बच्चे के तौर पर मुंबई में 35 साल पहले क्रिकेट का बल्ला थामने के बाद से अब तक कि जो भी स्मृतियां मेरे मन में है उसे मैंने याद करने की कोशिश की है.'
सचिन की यह आत्मकथा होडर एंड स्टॉटन द्वारा प्रकाशित की जाएगी और वैश्विक स्तर पर इसका विमोचन हाचेट इंडिया के जरिए किया जाएगा.
होडर एंड स्टॉटन के संपादक रोडी ब्लूकफिल्ड ने कहा, 'पिछले 25 सालों में भारत के लिए सचिन की बल्लेबाजी ने उन्हें क्रिकेट इतिहास के सबसे महान खिलाड़ियों में शामिल कर दिया है. पूरी दुनिया में उनके प्रशंसक हैं और उनका सम्मान सभी जगह है.'
गौरतलब है कि तेंदुलकर ने 24 साल खेलने के बाद 2013 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. उनके नाम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वोच्च रन हैं. अपने क्रिकेट करियर के आखिरी दिन उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'भारत रत्न' दिए जाने की भी घोषणा हुई.
इस आत्मकथा में सचिन के क्रिकेट जीवन की शुरुआत, 16 साल की उम्र में अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट में पदार्पण, 100वें अंतर्राष्ट्रीय शतक और फिर इस खेल से उनकी भावुक विदाई के तमाम किस्से मौजूद होंगे. उनकी आत्मकथा के प्रकाशकों के अनुसार इस किताब में सचिन के व्यक्तिगत और खेल जीवन की कई दिलचस्प बातें मौजूद हैं.