हरभजन सिंह जब भी विकेट लेते हैं तो उनकी हौसलाअफजाई करते हुए सचिन तेंदुलकर जरूर दिखते हैं. भज्जी के लिए सचिन एक दोस्त ही नहीं गुरु भी हैं.
जी हां, इन दोनों के बीच है गुरु चेले का रिश्ता. मोहाली का पीसीए क्रिकेट स्टेडियम में तीसरे टेस्ट से पहले जब सचिन तेंदुलकर अभ्यास में जुटे थे तो हरभजन सिंह उनके पास गए और कुछ कहा. तो सचिन ने भज्जी को नेट्स पर ही रहने को कहा.
कुछ ही देर बाद सचिन भज्जी को उनकी गेंदबाजी की खामियां बताते नजर आए. ज्यादा नहीं, बस पांच मिनट तक सचिन बोले और इस दौरान भज्जी केवल सुनते रहे. बात का विषय क्या था यह कुछ देर बाद ही समझ में आ गया जब भज्जी एक स्टंप पर गेंदबाजी करते नजर आए.
सचिन के कहने पर भज्जी एक स्टंप पर गेंदबाजी करते रहे, जल्द ही वो लय में आ गये और तकरीबन हर गेंद पर स्टंप बिखेरने लगे. इस दौरान सचिन उन्हें देखते रहे और खुश होते रहे. भज्जी जब एक स्टंप के साथ बिल्कुल सहज हो गये तब सचिन ने अलग अलग ग्रीप के साथ गेंद करने का तरीका बताया. साथ ही ये भी लूप का कितना हो और कैसा हो. भज्जी ने जल्द ही इसपर भी नियंत्रण पा लिया. करीब आधे घंटे तक अभ्यास के बाद दोनों वहां से निकले.
फॉर्म में आने और विकेट चटकाने के लिए ही वो सचिन की शरण में गये. लेकिन सचिन के साथ अकेले में इस अभ्यास का असर कुछ खास नहीं हुआ और धोनी ने उन्हें अंतिम ग्यारह में जगह नहीं दी. यानी चेले के काम नहीं आई गुरु की सीख.
वैसे प्लेइंग इलेवन में भज्जी को जगह क्यों नहीं मिली यह तो सब को पता है. भज्जी फॉर्म में नहीं हैं और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो टेस्ट में भज्जी को केवल पांच विकेट ही मिले हैं. हालांकि उन्होंने गेंदबाजी तो कसी लेकिन उनकी गेंदों में वो धार नहीं थी जो धड़ाधड़ विकेट दिलाये.