स्टार खिलाड़ी सायना नेहवाल राष्ट्रमंडल खेलों की बैडमिंटन स्पर्धा में एकल में जबकि ज्वाला गुट्टा तथा वी दीजू मिश्रित युगल में भारतीय चुनौती पेश करेंगे.
कल से शुरू हो रही इस स्पर्धा में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पदक के प्रबल दावेदार हैं. ग्रुप डी में भारत शीर्ष स्थान पर है जबकि स्कॉटलैंड, वेल्स, बाराबडोस और कीनिया की टीमें भी इसी ग्रुप में हैं.
भारत के राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद टीम की वर्तमान फार्म को देखते इसके कम से कम फाइनल में पहुंचने की उम्मीद रखते हैं. भारतीय टीम अपने पहले मैच में कीनिया से भिड़ेगी.
गोपीचंद ने कहा, ‘हमारी टीम बहुत अच्छी फार्म में हैं. हम सभी ने कड़ी मेहनत की है. हमारी टीम को कम से कम फाइनल में पहुंचना चाहिये.’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि भारत की राह आसान नहीं होगी क्योंकि मलेशिया, सिंगापुर और इंग्लैंड की टीमों से हमारा कड़ा मुकाबला होगा. लेकिन फिर भी मुझे उम्मीद है कि टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी और फाइनल में पहुंचेगी.’
भारतीय टीम ने वर्ष 2006 में मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलों में मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया था. उस समय उभरती हुई भारतीय बैडमिंटन स्टार सायना ने अपने से काफी उंची रैंकिंग वाली इंग्लैंड की खिलाड़ी ट्रेसी हालम को मात दी थी.
भारतीय टीम अपने घरेलू मैदान पर मंगलवार को बाराबडोस, बुधवार को वेल्स और स्कॉटलैंड की टीम को हराकर फाइनल का रास्ता साफ करना चाहेगी. सायना महिला एकल में स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार हैं तो चेतन आनंद पर पुरूष एकल में पदक जीतने का भार होगा.
ज्वाला पर दीजू के साथ न केवल मिश्रित युगल का खिताब जीतने की जिम्मेदारी होगी बल्कि महिला युगल की अपनी साथी खिलाड़ी अश्विनी पोपन्ना को प्रेरित करना होगा.
सायना ने मैच के बारे में कहा, ‘टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतना काफी कठिन होगा क्योंकि मलेशिया, सिंगापुर और इंग्लैंड की टीमें बहुत अच्छी हैं. उनके पास युगल के बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं और हमें एक समय में एक मैच के लिये रणनीति बनानी होगी.’