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उबेर कप: जापान से हारा भारत, कांस्य से करना पड़ा संतोष

भारतीय महिला बैडमिंटन टीम को शुक्रवार को सिरी फोर्ट स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में हुए उबेर कप के सेमीफाइनल मुकाबले में जापान के हाथों 2-3 से हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.

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भारतीय महिला बैडमिंटन टीम को शुक्रवार को सिरी फोर्ट स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में हुए उबेर कप के सेमीफाइनल मुकाबले में जापान के हाथों 2-3 से हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. देश की दोनों शीर्ष एकल बैडमिंटन स्टार सायना नेहवाल और पी. वी. सिंधु ने एकल वर्ग के शुरुआती दोनों मैच जीतकर भारतीय टीम को 2-0 की बढ़त दिलाई, लेकिन भारतीय टीम अगले तीनों मैच हार गई.

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पांच बार की चैंपियन जापान युगल वर्ग के दोनों और तीसरे एकल मुकाबले जीतकर भारत की मुंह से जीत खींच ले गई.

शुक्रवार को हुए दूसरे सेमीफाइनल के पहले एकल मुकाबले में सायना नेहवाल ने 12वीं विश्व वरीयता प्राप्त मिनात्सु मितानी को 41 मिनट में 21-12, 21-13 से हराकर भारतीय टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी.

मैच के बाद सायना ने कहा, 'शीर्ष खिलाड़ियों को हराकर अच्छा लगा. इससे यह भी पता चलता है कि मेरे प्रदर्शन में सुधार हुआ है. जीतने की दबाव तो बहुत था, पर सबसे अच्छी बात रही कि मैं बेहतर प्रदर्शन कर पाई. हममें से किसी को इसकी उम्मीद नहीं थी. किसी को विश्वास नहीं था कि मैं रातचानोक और मिनात्सू जैसी दिग्गज खिलाड़ियों को मात दे सकती हूं.'

दूसरे एकल मैच में पी. वी. सिंधु ने कठिन संघर्ष करते हुए सायाका ताकाशाही को 19-21, 21-18, 26-24 से मात दे दी. सिंधु की जीत के साथ ही भारतीय टीम ने जापान पर 2-0 की बढ़त हासिल कर ली.

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सिंधु और ताकाशाही के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली. यह मैच एक घंटा 12 मिनट तक चला.
तीसरे युगल वर्ग के मुकाबले में ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने मिसाकी मात्सुतोमो और अयाका ताकाशाही की जोड़ी को पहले गेम में तो हरा दिया, लेकिन अगले दोनों गेम जीतकर जापानी जोड़ी ने स्कोर 2-1 कर दिया. गुट्टा-पोनप्पा की जोड़ी 21-12, 20-22, 21-16 से हारी.

युगल मुकाबला हारने के बाद गुट्टा ने कहा, 'मुझे और ज्यादा सकारात्मक होकर खेलना चाहिए था. हमारी प्रतिद्वंद्वी भी दबाव में थीं, लेकिन हमने उन्हें जीतने का मौका दिया. मेरा खेल रणनीतिक और तकनीकी रूप से खराब रहा, और मेरे मन में अनेक विचार चल रहे थे. अश्विनी बेहतर फॉर्म में थीं. मुझे उन्हें अधिक मौके देने चाहिए थे.'

चौथा मुकाबला एकल वर्ग में हुआ, जिसमें 16वीं विश्व वरीयता प्राप्त एरिको हिरोसे ने पी. सी. तुलसी को एकतरफा मुकाबले में 21-14, 21-15 से मात देकर जापान को भारत के बराबरी (2-2) पर ला दिया.

इसके बाद पांचवें मुकाबले में एकबार फिर सायना और सिंधु ने कमान संभाली. सायना और सिंधु की जोड़ी युगल वर्ग के तहत करियर का दूसरा मुकाबला खेलने उतरी तो एक बार भारतीय दर्शकों के मन में जीत की आस जग गई. लेकिन एकसाथ न खेलने के कारण तारतम्य के अभाव में सायना सिंधु की जोड़ी मियूकी माएदा और रीका काकीवा की पांचवीं विश्व वरीय जोड़ी से 21-14, 21-11 से हार गईं.

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सायना-सिंधु की जोड़ी की हार के साथ ही भारतीय टीम का उबेर कप के फाइनल में पहली बार पहुंचने का सपना भी टूट गया. हालांकि भारतीय टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर तक कर भी इतिहास रचा है.उबेर कप में भारतीय टीम को पहला कांस्य पदक मिला है.

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