सलाम सचिन में ब्रायन लारा से बात की बोरिया मजूमदार ने. लारा ने सचिन की खूब तारीफ की. लारा ने कहा सचिन और ब्रायन लारा में कोई तुलना हो ही नहीं सकती. उन्होंने कहा, 'मैं जहां रहता हूं त्रिनिदाद और टुबैगो में, तो वहां कुछ लाख लोग रहते हैं. हां, कभी मुश्किल होती है, जब मैं अपनी बेटी को लेने जाता हूं. वो कार में बैठी रो रही होती है और मैं ऑटोग्राफ दे रहा होता हूं. आप कभी भी आ सकते हैं मेरे घर. आराम से मिलूंगा. मगर यहां मामला उलट है. यहां तो क्रिकेट के लिए जो दीवानगी है, तो इस चीज की उम्मीद भी नहीं की जा सकती.'
सचिन आपके फुटवर्क की बहुत तारीफ करते हैं. आप उनके बारे में क्या कहेंगे, दुनिया की शानदार बॉलिंग के खिलाफ...
लारा: मेरा बेटा नहीं है. अगर वो होता और यूट्यूब पर मेरी बैटिंग के वीडियो देख रहा होता, तो मैं इसे बंद करने को कहता और बोलता कि देखना है तो सचिन का बैटिंग स्टाइल देखो. उसके वीडियो देखो. उसका तरीका ऐसा है कि हर प्लेयर को फॉलो करना चाहिए.
शुरुआती दौर में जब हम मिले. वे 17-18 साल के थे. उस दौर में दोस्ती जल्दी हो जाती थी. हम सबकी अलग स्टाइल थी. हम आपसी तुलना पर हंसते थे, जो मीडिया में चलती थी.
आप लोगों पर इतना प्रेशर रहता था, कैसे झेलते थे इसे?
लारा: मैं अपने बारे में बात कर सकता हूं. बिल्कुल शुरुआती दौर में मैं खुद को जमाने की कोशिश कर रहा था. फिर एक दम से 375 रन बन गए. हीरो बना दिया गया. व्यक्ति पूजा शुरू हो गई. सब कुछ अचानक हुआ. करियर के आखिरी दौर में ऐसा नहीं रहा. सचिन की बात करूं तो देखकर समझ आता है.
लोग कभी-कभी निराश हो जाते हैं. मीडिया आलोचना कर सकता है. कभी बहुत तारीफ होती है. आपको संतुलन बनाए रखना होता है.
सचिन का करियर मुझसे पहले शुरू हुआ और मुझे रिटायर हुए छह साल हो गए हैं. उनका फिटनेस लेवल और संकल्प कमाल का है. कभी भी वह रुके नहीं, थके नहीं. अरबों की उम्मीदों को संभाला.
ब्रायन लारा का रिटायरमेंट बहुत खामोशी के साथ गुजर हुआ. उन्होंने एक रेगुलर प्रेस कॉन्फ्रेंस में आखिरी में कहा- हां, शनिवार को मैं आखिरी बार मैच खेलूंगा. अब हम सचिन का फेयरवेल देख रहे हैं. क्या ये अति है या जायज है?
लारा: सचिन इस सबके हकदार हैं. उन्होंने इस देश के लिए इतना कुछ किया है और त्योहार तो बनता ही है. इतना शानदार करियर रहा है उनका. रही मेरी बात, तो आप रिटायरमेंट के लिए प्लान नहीं करते हैं. मुझे उस वक्त लगा कि यही सही वक्त है टीम छोड़ने का. यही अच्छा होगा वेस्टइंडीज क्रिकेट के लिए.
सचिन के साथ प्रतिद्धंदिता रही?
लारा: सचिन के साथ प्रतिद्धंदिता दिमाग में नहीं रहती थी. मीडिया ने इसे बनाया था. हमारे लिए ये पूरी टीम यूनिट का गेम थे. बतौर टीम हमारा फोकस रहता था कि वह जल्दी आउट हों. प्लान बनता था.
क्या प्लान रहता था?
लारा: बारबोडस में इंडिया को 120 रन बनाने थे चौथी इनिंग में जीतने के लिए. सचिन को पता था कि ये मुश्किल होने वाला है. वह सीधे बैट से खेल रहे थे. हम जरा-से रिस्क को भी कैश कराना चाहते थे. इयान बिशप की आउटस्विंगर पर मैंने सचिन का स्लिप में कैच लपका. ये कमाल का था. मगर ये बहुत रेयर था.
यहां पर बोरिया ने बताया एक किस्सा. इस मैच में आखिरी दिन की पारी से पहले सचिन डिनर कर रहे थे. एक वेटर आया और सचिन से बोला, कल आपको इयान बिशप आउट कर देगा. सचिन बोले, ये शैंपेन की बोतल फ्रीज में रख दो. कल हम वेस्टइंडीज को हराकर इसी बोतल को खोंलेगे. इंडिया 81 रन पर आउट हो गया. सचिन दो दिन तक अपने कमरे से नहीं निकले.
लारा ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'मैं रिकी पोंटिंग के साथ भी खेला. सचिन के साथ खेला. इन लोगों का प्रोफेशनलिज्म, इनका अप्रोच बहुत अच्छा है. यूनीक है. इनके पास क्रिकेट की जानकारी गजब की होती है.'
ऑडियंस सवाल राउंड-
सुनील गावस्कर ने पूछा ये सवाल- सचिन यहां सांसद बन गए हैं. क्या आप भी राजनीति में कोई भूमिका तलाश रहे हैं?
लारा: बिल्कुल भी नहीं. मैं क्रिकेट का एंबेसडर बनकर ही खुश हूं. स्पोर्ट्स एंड टूरिजम का एंबेसडर हूं. मैं चाहूंगा कि सचिन हमारे यहां आएं.