SalaamCricket के 'विनिंग द वर्ल्ड कपः स्टार्ट ऑफ ए रिवॉल्यूशन' के दौरान 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के कप्तान कपिल देव ने कहा कि 2015 वर्ल्ड कप वही जीतेगा, जो 20 दिनों तक अच्छी क्रिकेट खेलेगा.
कपिल ने कहा, ‘हमने वर्ल्ड कप से पहले वेस्टइंडीज को वेस्टइंडीज में हराया. पहला मैच जीतने के बाद हमें वो ताकत मिली कि हम दुनिया की किसी भी टीम को हरा सकते हैं. अगर आप अच्छा क्रिकेट खेलेंगे तो दुनिया की किसी भी टीम को हरा सकते हैं. हम अच्छी वनडे टीम के रूप में नहीं जाने जाते थे. शुरुआती कुछ मैच जीतने के बाद हमने जीत के बारे में सोचना शुरू किया. 1983 या 2011 की जीत अपने आप में अद्भुत थी. जब आप यह सोचना शुरू कर देते हैं कि आप जीत सकते हैं तब नतीजा भी उसके अनुरूप आता है.’SalaamCricket कॉनक्लेव में युवराज, हरभजन और पीयूष ने खोले ड्रेसिंग रूम के राज.
इसी सेशन में मौजूद 2007 वर्ल्ड कप विजेता टीम के ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने कहा, ‘2007 में हमारी टीम बहुत मजबूत थी. मुझे कप्तान के रूप में कई हार भी मिले. लेकिन बाद में सफलता मिली. पूरे दौरे में हमारे खिलाड़ी अच्छा खेले. सेमीफाइनल में जीत के बाद हम फाइनल में भारत के सामने थे और हम बहुत अच्छा खेले.’
इस सेशन में मौजूद पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक से पूछा गया, ‘1992 वर्ल्ड कप में आप युवा थे, आप एक मैच में चौका मारा फिर आप आउट हो गए. इमरान ने आपसे कहा, ‘भाई इंजी तुने शॉट बहुत अच्छा खेला.’
इंजमाम ने कहा, ‘कप्तान का आपमें विश्वास बहुत बड़ी बात है. इमरान की सीट मेरे बगल में थी और उन्होंने मुझसे कहा कि तुने चौका बहुत अच्छा मारा. वर्ल्ड कप जीतने वाले कप्तान अलग होते हैं.’ यह पूछे जाने पर कि तब इमरान संन्यास लेने के बाद वापसी करने के लिए आए थे, कैसे हुआ ये सब? इंजमाम ने कहा, ‘उनको यकीन था कि मैं अच्छा करूंगा तो टीम भी अच्छा करेगी. उनका यही विश्वास टीम को जीताने में कामयाब हुआ.’
कपिल से यह पूछा गया कि 1983 में भारतीय ड्रेसिंग रूम में सेमीफाइनल में जीत के बाद क्या हलचल थी, तो कपिल ने कहा, ‘हम केवल 14 लोग थे, वहां जूनियर से जूनियर खिलाड़ी भी अपनी बातें कर सकता था. दूसरे-तीसरे मैच के बाद से ही हमने सोचना शुरू कर दिया था कि हम यह टूर्नामेंट जीत सकते हैं.’
दो वर्ल्ड कप जीत चुके वेस्टइंडीज के कप्तान क्लाइव लॉयड से जब यह पूछा गया कि क्या आप 1983 वर्ल्ड कप के फाइनल में टीम इंडिया को सीरियसली ले रहे थे? लॉयड ने कहा, ‘वेस्टइंडीज टीम के लिए कप्तानी करना बहुत कठिन है. यह एक देश नहीं हैं बल्कि यह एक 20 द्वीपों का समूह है. हम फाइनल से पहले भारतीय टीम को चुनौती नहीं मान रहे थे. जब 183 रनों का टारगेट मिला तो यह लगा कि हम बना लेंगे. लेकिन अंत में बेहतर टीम जीती. यह भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा नतीजा था. फाइनल से पहले हम केवल यह सोच रहे थे कि हमें अच्छा खेलना है.’
इस दौरान रिकी पोंटिंग से यह पूछने पर कि 1999 में आप हार की कगार पर थे? उन्होंने कहा, 'हम टूर्नामेंट के पहले मैच में न्यूजीलैंड से हार गए इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से भी. लेकिन हम सेमीफाइनल में पहुंचे. हमारे अधिकतर खिलाड़ी टाई के बाद भी यह नहीं जानते थे कि हम फाइनल में पहुंच गए हैं.'
ड्रेसिंग रूम में आपका रोल मॉडल कौन था?
पोंटिंगः मार्क टेलर, मार्क वॉ, स्टीव वॉ, ग्लेन मैक्ग्रा सभी टीम में थे, मैं कोने में खड़ा होकर इनकी बातें सुनता था. यह ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए बहुत बड़ा अनुभव था.
आपने पिछले 15 सालों में भारतीय क्रिकेट को बढ़ते देखा है, आपका कैसा अनुभव रहा है?
पोंटिंगः हम अच्छे प्रतिद्वंद्वी हैं. मैं भारतीय टीम के खिलाफ खेलना पसंद करता हूं. इसमें कोई शक नहीं कि भारतीय क्रिकेट से जुड़ने पर पैसों की भी बरसात होती है लेकिन साथ ही यह बहुत अच्छा अनुभव ही रहता है. अभी कई युवा भारतीय खिलाड़ी बहुत बेहतर हैं.
क्या अब पाकिस्तान में क्या हो गया कि वहां का क्रिकेट उतना अच्छा नहीं रहा?
इंजमामः प्लेयर अच्छे हैं लेकिन वहां का बोर्ड स्थिर नहीं है, आप किसी पॉलिसी को अपना नहीं पाते. कोच बहुत जल्दी-जल्दी बदल रहे हैं. इसकी वजह से खिलाड़ी भी स्थिर नहीं हो पा रहे. मिसबाह, हफीज अच्छा खेल रहे हैं. चेयरमैन शहरयार साहब के नेतृत्व में पाकिस्तान क्रिकेट स्थिरता की ओर बढ़ेगा ऐसा मेरा मानना है.
पाकिस्तान वर्ल्ड कप में भारत से जीता नहीं है और इस बार पहला मैच भारत-पाकिस्तान के बीच है?
इंजमामः दोनों मुल्कों के लिए भारत-पाकिस्तान मैच बहुत महत्वपूर्ण है. पाकिस्तान वर्ल्ड कप जीत गया था जब हम 1992 वर्ल्ड कप में भारत से हारा था. लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होगा कि हम वर्ल्ड कप में भारत से हारते ही रहेंगे.
कपिलः क्रिकेट बहुत खेली जा रही है. टीम क्या होगी? माइंडसेट बहुत सुदृढ़ होना चाहिए. आपका फोकस नियंत्रित होना चाहिए. टीम इंडिया के पास क्षमता की कोई कमी नहीं है. 1992 में हम ट्राई सीरीज खेले, टेस्ट सीरीज खेले उसके बाद वर्ल्ड कप, इस बार भी कुछ ऐसा ही हो रहा है? माइंडसेट सबसे महत्वपूर्ण है. आज के दिनों में जो टेक्नोलॉजी है जो हमारे वक्त में नहीं था. आज वर्ल्ड कप बहुत बड़ा है और जो उन 20 दिनों में अच्छा खेल लेगा वो ही जीतेगा. बड़े नाम की जरूरत नहीं है बल्कि प्रतिबद्धता की जरूरत है. टीम इंडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि खिलाड़ियों का फॉर्म बरकरार रहे क्योंकि वर्ल्ड कप से पहले उन्हें ट्राई सीरीज खेलना है और टेस्ट भी. हमारे साथ भी 2007 वर्ल्ड कप में कुछ ऐसा ही था. धोनी एक कप्तान के रूप में बहुत सक्षम हैं. वो ऐसा करने में सक्षम हैं.
क्या धोनी वर्तमान में वनडे के दो बेहतर कप्तानों में से एक हैं?
इंजमामः धोनी अपने फील्डरों की प्लेसमेंट बेहतर करते हैं. धोनी पहले भी वर्ल्ड कप खेल चुके हैं उन्हें उनके अनुभव का फायदा मिलेगा.
1983 वर्ल्ड कप की जीत भारत के लिए कैसे अच्छा रहा?
कपिलः सिर्फ भारतीय टीम के लिए ही नहीं बल्कि किसी भी टीम के लिए वर्ल्ड कप जीतना और हमेशा एक नई टीम का जीतना क्रिकेट के लिए अच्छा है. भारतीय उपमहाद्वीप के लिए यह अच्छा रहा कि हमारे बाद पाकिस्तान और श्रीलंका ने वर्ल्ड कप जीता.
1992 में लंबे टूर के बाद टीम की कप्तानी और वर्ल्ड कप खेलना कैसा अनुभव था?
मोहम्मद अजहरुद्दीनः हमारी टीम बहुत अच्छी थी, वर्ल्ड कप के दौरान एक दो अच्छी व्यक्तिगत पारियां खेली गईं लेकिन यह टूर्नामेंट जीतने के लिए काफी नहीं था.
1983 में टीम इंडिया के लिए सबसे अच्छा खिलाड़ी कौन था?
कपिलः आप किसी एक खिलाड़ी में विश्वास कर वर्ल्ड कप नहीं जीत सकते. टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को जीतने के लिए खेलना चाहिए. आप एक खिलाड़ी की बदौलत मैच तो जीत सकते हैं लेकिन टूर्नामेंट नहीं, वर्ल्ड कप तो बिल्कुल ही नहीं.
क्या मिसबाह की कप्तानी में मौजूदा पाकिस्तानी टीम वर्ल्ड कप जीत सकती है?
इंजमामः बोर्ड को जिसे भी कप्तान बनाना है उसे कम से कम वर्ल्ड कप से पहले एक साल देना चाहिए. दो तीन महीने हैं वर्ल्ड कप के लिए ऐसे में टीम का कप्तान बदलना सही नहीं है. ऐसे में मुझे लगता है कि मिसबाह को ही कप्तान बनाए रखना चाहिए.