भारत दौरा रद्द करके स्वदेश लौटी वेस्टइंडीज टीम में विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. कैरेबियाई बल्लेबाज मार्लोन सैमुअल्स ने कप्तान ड्वेन ब्रावो के बयान को गलत ठहराया.
ईएसपीएन क्रिकइंफो को दिए इंटरव्यू में सैमुअल्स ने कहा कि वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआईसीबी), वेस्टइंडीज प्लेयर्स असोसिएशन (डब्ल्यूआईपीए) और खिलाड़ियों ने मिलकर इस पूरी स्थिति को बहुत गलत तरीके से हैंडल किया. सैमुअल्स ने कहा कि डब्ल्यूआईपीए के अध्यक्ष और सीईओ वावेल हाइंड्स इस पूरी स्थिति को बिगाड़ने के असली गुनहगार थे. सैमुअल्स से जब पूछा गया कि क्या वो टीम के हर फैसले में साथ थे तो उन्होंने जवाब दिया, 'मैंने नहीं कहा था कि मैं किसी फैसले में साथ हूं. क्योंकि मुझसे किसी ने भी ऐसा सवाल नहीं किया. कमरे में ऐसे लोग मौजूद थे जिन्होंने अपना मुंह तक नहीं खोला. मैंने सवाल किए और मैं उनके जवाबों से संतुष्ट नहीं था. अगर मैं संतुष्ट होता तो ब्रावो की हर बात का बचाव करने वाला पहला इंसान मैं ही होता.'
ये दूसरा मौका है जब सैमुअल्स ने ब्रावो की बात को गलत ठहराया है. इससे पहले सैमुअल्स कह चुके हैं कि वो भारत दौरे को बीच में खत्म करने के पक्ष में नहीं थे. जिसके बाद ब्रावो ने कहा कि वो सैमुअल्स के इस बयान से हैरान हैं. भारत दौरे के दौरान सैमुअल्स ने दो टीम मीटिंग्स में कुछ सवाल किए और जब उन्हें संतुष्ट करने वाले जवाब नहीं मिले, तो उन्होंने खुद को इस मामले से अलग रखने का फैसला किया. सैमुअल्स के मुताबिक उन्होंने ब्रावो से कहा कि वो कैरेबियाई जनता को पूरी स्थिति समझाएं क्योंकि जनता के साथ पारदर्शिता नहीं होना गलत है.
सैमुअल्स ने कहा, 'कैरेबियाई जनता को नहीं पता कि आखिरकार हुआ क्या. जनता को गुमराह किया गया. दौरे को बीच में रद्द किए जाने की असली वजह उन्हें पता होनी चाहिए. उन्हें (ब्रावो) जनता को बताना चाहिए था लेकिन वो ऐसा नहीं करना चाहते थे. अगर आप सही बात पर मेरा समर्थन नहीं करेंगे तो मैं भी आपका पूरा समर्थन नहीं कर सकता. आप मुझसे ये अपेक्षा नहीं कर सकते कि मैं आपके लिए लड़ाई लड़ूं अगर आप बाहर आकर नहीं बोलना चाहते हैं.'
सैमुअल्स के ये बयान ब्रावो के लिए झटका हो सकते हैं. ब्रावो ने बीते शुक्रवार को बयान जारी किया था कि धर्मशाला वनडे के बाद दौरा बीच में छोड़कर आने के फैसले में सभी खिलाड़ियों की सहमति शामिल थी. सैमुअल्स ने कहा कि वो ब्रावो के बयान से हैरान नहीं हैं. लेकिन साथ ही स्वीकारा कि डायरेक्ट बात करके स्थिति संभालना बेहतर तरीका होता. सैमुअल्स ने कहा, 'अगर आप सच्चे लीडर हैं तो आपको खुद सामने आकर खिलाड़ी से पूछना चाहिए था कि क्या आपने ऐसा बयान दिया है.' सैमुअल्स ने ये भी कहा कि उनके ऐसे बयान देने का ये मतलब नहीं है कि वो डब्ल्यूआईसीबी या डब्ल्यूआईपीए के समर्थन में हैं.