टेनिस स्टार सानिया मिर्जा को मीडिया कई बार निशाना बना चुकी है. कभी तिरंगा के अपमान के लिए तो कभी पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से शादी करने के लिए. इस टेनिस सनसनी ने मीडिया पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके बारे में तभी बकवास नहीं लिखा जाता जब वह नहीं खेल रही होती हैं.
सानिया ने कहा, 'जब मैं खेल नहीं रही होती हूं, तभी अखबार पढ़ती हूं क्योंकि तभी मेरे बारे में बकवास नहीं लिखा जाता.' तीन बार की मिक्स्ड डबल्स ग्रैंडस्लैम चैंपियन सानिया ने कहा कि अपने आत्मविश्वास के दम पर वह यहां तक पहुंची हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि इन आलोचकों में से किसी ने कभी क्रिकेट का बल्ला या टेनिस का रैकेट पकड़ा होगा. हैरानी की बात है. आपको बस खुद पर भरोसा रखना जरूरी है.'
'संन्यास से पहले बनना चाहती हूं नंबर-1'
सानिया मिर्जा ने कहा कि वह खेल को अलविदा कहने से पहले वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर-1 की पायदान पर काबिज होना चाहती है. उन्होंने कहा, ‘मैं इस समय दुनिया में छठे स्थान पर हूं और संन्यास लेने से पहले मैं नंबर वन बनना चाहती हूं.’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि युवाओं खासकर लड़कियों में खेल संस्कृति पैदा करने के लिये भारत को लंबा सफर तय करना होगा. उन्होंने कहा, ‘लेकिन काफी बदलाव आ गया है. मुझे उम्मीद है कि आगे भी आएगा जब लड़कियों को खेलों में करियर बनाने के लिए कठिन हालात का सामना नहीं करना होगा.’ सानिया ने कहा कि उसने पैसे या शोहरत के लिए टेनिस को नहीं अपनाया बल्कि यह उसका जुनून था. उसने कहा कि करियर की शुरुआत में उसे काफी आलोचना सहनी पड़ी लेकिन वह उनसे पार पाने में कामयाब रही.
इनपुट भाषा से