फीफा की एक अदालत ने सोमवार को सेप ब्लाटर और माइकल प्लातिनी पर 8 साल का बैन लगा दिया. अदालत ने कहा कि दोनों ने दोनों ने अपने पद का दुरुपयोग किया है.
ये बैन प्लातिनी को 20 लाख स्विस फ्रैंक्स (करीब 13.31 करोड़) के भुगतान के मामले में लगाया गया है. ब्लाटर और प्लातिनी पर फुटबॉल से जुड़ी सभी गतिविधियों पर तुरंत प्रभाव से बैन लगा दिया गया है.
दोनों पर लगा जुर्माना
फीफा की 1998 से कमान संभाल रहे ब्लाटर पर 50000 स्विस फ्रेंक्स और युएफा के निलंबित प्रमुख तथा फीफा उपाध्यक्ष प्लातिनी पर
80000 फ्रेंक्स का जुर्माना लगाया गया. अदालत की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों ने अपने-अपने पदों का दुरुपयोग
किया है.
फिर सुर्खियों में आया मामला
विश्व फुटबाल के दो सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों के खिलाफ इस फैसले से दुनिया के इस सबसे लोकप्रिय खेल में चल रहा गोरखधंधा
फिर सुखिर्यों में आ गया. फीफा 2011 में प्लातिनी को ब्लाटर द्वारा अधिकृत 20 लाख स्विस फ्रेंक्स के भुगतान की जांच कर रहा था.
उन्होंने कहा कि यह बतौर सलाहकार 1999 से 2002 तक उनके काम की एवज में दिए गए थे.
हितों के टकराव का मामला
फीफा की अदालत ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप को खारिज कर दिया लेकिन उन्हें हितों के टकराव का दोषी पाया. अदालत ने कहा, 'न तो लिखित बयान में और न ही सुनवाई के दौरान ब्लाटर इस भुगतान का कोई वैधानिक आधार बता सके.'
अदालत ने कहा कि प्लातिनी विश्वसनीयता और नैतिकता के साथ काम करने में नाकाम रहे और अपने कर्तव्य की अहमियत को लेकर लापरवाह रहे.