अगर आप एक क्रिकेटर हैं और भारत के लिए खेलना आपका सपना है, तो आपके पास बहुत सुनहारा मौका है, क्योंकि टीम इंडिया में निकली है कई वैकेंसियां! भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 मैचों की बॉर्डर-गावस्कर सीरीज खत्म हो चुकी है. टीम इंडिया को एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया में हार का सामना करना पड़ा, और वहां टेस्ट सीरीज जीतने का सपना सपना ही रह गया. हालांकि विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे और मुरली विजय के अलावा टीम इंडिया को किसी और खिलाड़ी से वैसा सपोर्ट मिला होता तो टीम इंडिया वहां इतिहास रच सकती थी.
सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली के रिटायरमेंट के बाद भारत लगभग उन सभी देशों का दौरा कर चुका है जहां की परिस्थितियां मुश्किल होती हैं. दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और अब ऑस्ट्रेलिया का दौरा भी खत्म हो चुका है. लेकिन इन 4 मुश्किल दौरों के बाद टीम इंडिया के बल्लेबाजों का आकलन किया जाए तो सिर्फ 2 या 3 ही ऐसे बल्लेबाज हैं जिनकी जगह अभी तक टीम में पक्की हो पाई है, बाकी पोजीशन पर वेकेंसी अभी भी बनी हुई है.
धवन के लिए बज चुकी है खतरे की घंटी
वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की जोड़ी को चयनकर्ता अब नकार चुके हैं. लेकिन उनके बाद मुरली विजय और शिखर धवन से टीम इंडिया की उम्मीदें जुड़ीं. मुरली तो अपनी उम्मीद के साथ वफा कर गए, लेकिन धवन तो शायद अपनी प्रतिभा से भी वफा न कर पाए. न्यूजीलैंड का दौरा छोड़ दिया जाए तो धवन के लिए दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के दौरे बेहद निराशाजनक रहे हैं. धवन ने दक्षिण अफ्रीका में 19.00, इंग्लैंड में 20.33 और अब ऑस्ट्रेलिया में 27.83 की बेहद खराब औसत से बल्लेबाजी की है. इन प्रदर्शनों के बाद टीम मैनेजमेंट ने उन्हें सिडनी टेस्ट से बाहर कर दिया, और यह इशारा काफी था कि उनकी जगह अब भी टीम में पक्की नहीं है. हालांकि लोकेश राहुल ने अपने दुसरे ही टेस्ट में शतक ठोंककर उम्मीद जरूर जगाई है.
चेतेश्वर पुजारा- नई दीवार में पड़ गई दरार
राहुल द्रविड़ के संन्यास के बाद नंबर तीन की पोजीशन पर चेतेश्वर पुजारा ने कब्जा किया. जबरदस्त प्रतिभा के धनी पुजारा ने भारत के मैदानों पर तो जमकर रन बरसाए लेकिन भारत के बाहर ये भी फुस्स पटाखा साबित हुए. उन्होंने भारत में 75.23 की शानदार औसत से रन बनाए हैं, लेकिन न्यूजीलैंड में 15.00, इंग्लैंड में 22.20 और ऑस्ट्रेलिया में 33.50 की बहुत खराब औसत से रन बनाए. सिडनी टेस्ट से पुजारा को टीम से बाहर रखा गया क्योंकि इस नई दीवार में भी दरार दिखने लगी है.
कोहली और रहाणे की जगह अब पक्की
इंग्लैंड दौरे के बाद कोहली की बल्लेबाजी पर भी सवाल उठने लगे थे, लेकिन जिस तरह का प्रदर्शन उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में किया उससे अब उनकी बल्लेबाजी पर शायद ही किसी को शक हो. कोहली ने ऑस्ट्रलिया में 62, न्यूजीलैंड में 71.33 और दक्षिण अफ्रीका में 68 की शानदार औसत से बल्लेबाजी की है.
अजिंक्य रहाणे की भी जितनी तारीफ की जाए कम है. रहाणे ने अपने 14 में 13 टेस्ट मैच भारत के बाहर खेले हैं और उनका एवरेज टेस्ट मैचों में 44.87 का है. रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया में 57, न्यूजीलैंड में 54 इंग्लैंड में 33.22 और दक्षिण अफ्रीका में 69.66 की औसत से रन बरसाए हैं. राहुल द्रविड़ की तरह न सिर्फ तकनीक बल्कि स्वाभाव भी रखने वाले रहाणे ने सभी को प्रभावित किया है.
धोनी के बाद अब विकेटकीपिंग के लिए भी होगी मारामारी
एक समय था जब भारत के पास को भरोसेमंद विकेटकीपर बल्लेबाज नहीं था, जिसका नुकसान भी टीम इंडिया को उठाना पड़ता था. लेकिन एमएस धोनी के आने के बाद भारत में विकेटकीपिंग के मायने बदल गए. धोनी ने कीपिंग के साथ साथ बल्लेबाजी से भी टीम इंडिया को शानदार मजबूती प्रदान की. लेकिन धोनी के संन्यास के बाद एक बार फिर वही स्थिति आ खड़ी हुई है. रिद्दिमान साहा के पास मौका था कि सिडनी में अच्छी बल्लेबाजी करके अपनी दावेदारी मजबूत करें, लेकिन वो फेल रहे. ऐसे में अब यह नौकरी किसी को भी मिल सकती है.
नंबर 6 पर सभी फेल, सबसे ज्यादा डिमांड इसी जगह के लिए
फैब फोर में सौरव गांगुली सबसे पहले रिटायर हुए. गांगुली नंबर 6 पर बैटिंग करते थे. लेकिन अजीब बात यह है कि सबसे ज्यादा अनिश्चितता इसी नंबर के लिए बनी हुई है. सुरेश रैना, युवराज सिंह और रोहित शर्मा तक इस नंबर पर फेल रहे. रोहित को तो अब नंबर 3 पर भेज दिया गया है ऐसे में 6 का स्थान टीम इंडिया में अब भी खुला हुआ है.
टीम इंडिया को नए कपिल, श्रीनाथ और जहीर की तलाश
भारत के मौजूदा गेंदबाजों को देखें तो कोई भी ऐसा नजर नहीं आ रहा है जो टेस्ट मैचों में कपिल देव, जवगल श्रीनाथ, अनिल कुंबले, हरभजन सिंह और जहीर खान की तरह लम्बे समय तक भारत के लिए खेल सके. हकीकत यह है कि भारत की इस मौजूदा टीम में कोई ऐसा गेंदबाज नहीं है जो टेस्ट मैचों में नियमित रूप से टीम इंडिया का हिस्सा बन सके. इसका सबसे बड़ा उदाहरण ऑस्ट्रेलिया दौरा है, जहां भारत हर गेंदबाज एक न एक मैच के लिए टीम से ड्रॉप जरूर हुआ.