आईपीएल विवाद ने 2010 में कांग्रेस नेता शशि थरूर की कुर्सी छीन ली थी. एक बार फिर आईपीएल विवाद का यह भूत थरूर को परेशान करने लगा है.
थरूर पर आरोप लगे थे कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर फायदा पहुंचाया . सुनंदा पुष्कर को आईपीएल की कोच्चि टीम में 70 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी देने की पेशकश की गई थी. विपक्ष ने आरोप लगाया था कि थरूर ने इतनी बड़ी रकम की व्यवस्था करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया.
इस पूरे मुद्दे पर थरूर ने उस समय केंद्र सरकार को बहुत सफाई दी थी लेकिन उन्हें आखिरकार मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर एक्सटर्नल अफेयर्स के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. कुछ महीने पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम और इकॉनमिक ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) ने इस मामले में थरूर से बार-बार पूछताछ की थी. इसके अलावा ईडी ने भी आईपीएल कोच्चि डील में दुबई से आए 1500 करोड़ रुपये के फंड को लेकर जांच करवाई.
बहुत कम लोगों को पता है कि इस मामले में 2012 में ईडी ने प्राथमिक जांच पूरी कर ली थी. इस दौरान सभी स्टेकहोल्डरों को समन जारी किया गया था और सबके बयान दर्ज कराए गए थे. इतना ही नहीं सुनंदा पुष्कर और शशि थरूर से भी कई घंटे तक पूछताछ चली थी.
इंडियाटुडे के हाथ ईडी की कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट की कॉपी हाथ लगी है. इस रिपोर्ट से शशि थरूर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. पहले दिन से थरूर कहते आए हैं कि उनका कोच्चि आईपीएल टीम से कुछ लेना-देना नहीं है, लेकिन ईडी की रिपोर्ट में साफ है कि थरूर कोच्चि टीम के बैकबोन थे.
देखें क्या है इस रिपोर्ट में-