कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन (सीजीएफ) ने साफ किया कि निशानेबाजी को 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों से हटाया नहीं गया है और यह वैकल्पिक वर्ग में बना रहेगा. इस बीच खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भी साफ किया कि निशानेबाजी को अभी बाहर नहीं किया गया है और इसे खेलों में बनाए रखने के लिए वे अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे.
सीजीएफ के सीईओ डेविड ग्रेवमबर्ग ने उन रिपोर्टों का खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि निशानेबाजी को बर्मिंघम खेलों से हटा दिया गया है. ग्रेवमबर्ग ने पीटीआई से कहा, ‘मीडिया की गलत रिपोर्टों के जवाब में राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) स्पष्ट करना चाहेगा कि निशानेबाजी को इंग्लैंड के बर्मिंघम में 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से हटाया नहीं गया है.’
उन्होंने कहा, ‘सीजीएफ साफ करना चाहता है कि निशानेबाजी हमेशा की तरफ वैकल्पिक खेल है और राष्ट्रमंडल खेलों के मेजबान शहर के पास इसको अपने खेल कार्यक्रम में शामिल करने की विकल्प रहता है.’ राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी की स्थिति पिछले कुछ समय से चर्चा का विषय रहा है, क्योंकि बर्मिंघम ने इस खेल के लिए सुविधाएं जुटाने को लेकर अपनी असमर्थतता जताई है.
खेल मंत्री और ओलंपिक रजत पदक विजेता निशानेबाज राठौड़ ने भी कहा कि इस खेल को राष्ट्रमंडल खेलों में बनाए रखने के लिए कोशिश की जा रही है. राठौड़ ने गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारतीय टीम की पोशाक के अनावरण के अवसर पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘इस संदर्भ में खेल मंत्रालय की तरफ से पत्र भेजा गया है. हम अपनी तरफ से पूरे प्रयास कर रहे हैं कि इस खेल को राष्ट्रमंडल खेलों में बनाया रखा जाए. इस बारे में अभी अंतिम फैसला नहीं किया गया है.’
आईओए महासचिव राजीव मेहता ने भी कहा कि निशानेबाजी को अभी 2022 खेलों से बाहर नहीं किया गया है. निशानेबाजी को अगर राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर किया जाता है तो यह भारत के लिए करारा झटका होगा, क्योंकि उसने अब तक इन खेलों की निशानेबाजी स्पर्धा में 56 स्वर्ण सहित 118 पदक जीते हैं और वह इस सूची में दूसरे स्थान पर है.