युवा भारतीय खिलाड़ी पीवी सिंधु, ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने आज यहां एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में क्रमश: महिला एकल स्पर्धा और महिला युगल स्पर्धा के सेमीफाइनल में जगह बनाकर कांस्य पदक पक्का किया.
दुनिया की 10वें नंबर की खिलाड़ी सिंधु ने ओंगबुमरूंगपान बुसानान को 14.21, 21.13, 21.10 से हराने में करीब एक घंटे का समय लिया, जिससे उनका इस थाईलैंड की खिलाड़ी के खिलाफ जीत का रिकॉर्ड 3.0 हो गया. पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली 18 वर्षीय सिंधु अब दो बार की मौजूदा ऑल इंग्लैंड चैंपियन चीन की शिजियान वांग से भिड़ेंगी और इंडिया सुपर सीरीज में मिली शिकस्त का बदला चुकते करने की कोशिश करेंगी.
महिला युगल स्पर्धा में ज्वाला और अश्विनी की राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदकधारी जोड़ी ने आज 40 मिनट में एम्सकेली अमेलिया एलीसिया और सूंग फेई चो की मलेशिया की जोड़ी को सीधे गेमों में आसानी से 21.12, 21.12 से हराया. पुरुष एकल में आरएमवी गुरुसाईंदत्त ने चीन के लियु काई से एक घंटे में 24.22, 9.21, 13.21 से हारने से पहले कड़ी मशक्कत की लेकिन वह हार नहीं टाल सके.
सिंधु पहले गेम में अपने स्मैश में पिछड़ रही थी और उन्होंने कुछ गलतियां भी कीं जिससे बुसानान ने इस भारतीय को बैकफुट पर लाकर पहला गेम अपने नाम कर लिया. लेकिन सिंधु ने दूसरे गेम में शानदार तरीके से वापसी की. सिंधु दूसरे गेम में 8.10 से पीछे थी लेकिन उन्होंने क्रास कोर्ट स्मैश लगाए और नेट पर भी अच्छा खेल दिखाते हुए वापसी की, इस दौरान बुसानान ने भी काफी गलतियां कीं.
तीसरे गेम में सिंधु ने शुरू से ही दबदबा बनाए रखा और आसानी से अपनी प्रतिद्वंद्वी को पस्त कर दिया. राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि ओवरआल, यह बहुत अच्छा मैच था. पहले गेम को छोड़कर सिंधु ने काफी अच्छा खेल दिखाया. दूसरे गेम के बाद से वह संभली और उनके स्मैश में भी सुधार हुआ. तीसरे गेम में उन्होंने पूरी तरह दबदबा बना लिया. सिंधु के पिता रमन्ना को पूरा भरोसा है कि सिंधु कल शिजियान से मिली शिकस्त का बदला चुकता करेगी.
उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि वह कल अच्छा खेलेगी और शिजियान को पराजित करेगी. वह दुनिया की नंबर दो खिलाड़ी है लेकिन मुझे लगता है कि सिंधु जानती है कि उसे क्या करना है. भारत की शीर्ष शटलर साइना नेहवाल ने नई दिल्ली में सिरी फोर्ट स्टेडियम में 2010 एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था. ज्वाला और अश्विनी ने 2011 लंदन विश्व चैंपियनाशिप में कांस्य पदक जीता था और 2012 ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
इन दोनों ने लंदन ओलंपिक के बाद एक दूसरे का साथ छोड़ दिया था और साल के अंत में फिर से जोड़ी बनाई. इन दोनों ने यहां अपने प्रदर्शन से एक और पदक पक्का कर लिया है. अब यह भारतीय जोड़ी चीन की लुयो यिंग और लुयो यु की जोड़ी से भिड़ेगी. पुरुष एकल में गुरुसाईदत्त को लियु के खिलाफ पहला गेम 24.22 से अपने नाम किया लेकिन इसके बाद दूसरे और तीसरे गेम में यह लय जारी नहीं रख सके तथा रणनीति से भटकने के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए.