पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी वनडे मुकाबले में टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को 'मैन ऑफ द मैच' दिए जाने का फैसला विवादों में घिरता नजर आ रहा है.
ऐसी खबरें हैं कि टीवी कमेंटेटरों के जूरी पैनल ने धोनी का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच का खिताब देने का फैसला किया था. गौरतलब है कि पूर्व इंग्लैंड क्रिकेटर पॉल निक्सन ने इससे पहले दिल्ली वनडे फिक्स होने की बात कह चुके हैं.
पाकिस्तान ने आखिरी वनडे मैच में धोनी(36) ने बल्ले से ठीक-ठाक प्रदर्शन किया था पर उनकी विकेटकीपिंग आला दर्जे की नहीं रही थी. धोनी ने विकेट के पीछे मिस्बाह उल हक का कैच गिराया था.
सूत्रों ने माने तो टीवी कमेंटेटरों के पैनल ने धोनी को अवार्ड देने का फैसला सर्वसम्मति से लिया था. पर मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक पूर्व क्रिकेटर जो इस समिति का हिस्सा थे, उन्होंने कहा कि धोनी को यह पुरस्कार उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए दिया गया था.
धोनी को अवार्ड दिए जाने के फैसले ने अन्य टीवी कमेंटेटर काफी चकित थे. उन्होंने इस फैसले पर सवाल भी उठाए.
मैच देखने वाले कई लोगों ने मानना है कि इस खिताब में की रेस में सबसे आगे रवींद्र जडेजा थे. उन्होंने 27 रन की उपयोगी पारी खेली साथ ही बेहतरीन गेंदबाजी की जिसमें उमर अकमल का विकेट भी शामिल है.
इसके अलावा पाकिस्तान की ओर सईद अजमल (5-24) भी इस खिताब के दावेदार थे. उनके अलावा भुवनेश्वर कुमार के शानदार प्रदर्शन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
सूत्रों की माने तो पाकिस्तान के खिलाफ पहले वनडे मुकाबले में भी महेंद्र सिंह धोनी को मैन ऑफ मैच अवार्ड दिए जाने पर पाकिस्तानी क्रिकेट टीम ने नाराजगी जताई थी. पाकिस्तानी टीम का मानना था कि नासिर जमशेद इस अवार्ड के ज्यादा हकदार थे.