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ऋषभ पंत से बेहद प्रभावित हैं गांगुली, बोले- वह मैच विजेता खिलाड़ी

ऋषभ पंत के खेल से ‘प्रभावित’ भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि यह विकेटकीपर बल्लेबाज ‘एक मैच विजेता खिलाड़ी है’.

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Rishabh Pant and Sourav Ganguly (@BCCI)
Rishabh Pant and Sourav Ganguly (@BCCI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गांगुली को कोहली और रोहित शर्मा की बल्लेबाजी देखना पसंद है
  • पंत के बारे में कहा- मुझे लगता है कि वह एक पूर्ण मैच विजेता हैं

ऋषभ पंत के खेल से ‘प्रभावित’ भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि यह विकेटकीपर बल्लेबाज ‘एक मैच विजेता खिलाड़ी है’. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ने कहा कि उन्हें विराट कोहली और रोहित शर्मा की बल्लेबाजी देखना पसंद है.

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गांगुली ने एक ऑनलाइन ऐप के कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘(देश में) कुछ शानदार खिलाड़ी हैं और बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में मुझे लगता है कि यह नहीं बताना चाहिए कि मेरा पसंदीदा खिलाड़ी कौन है. मेरे लिए सभी पसंदीदा हैं, लेकिन मैं कोहली के खेल का लुत्फ उठाता हूं, मैं रोहित शर्मा के खेल का आनंद लेता हूं.’

उन्होंने कहा, ‘मैं ऋषभ पंत से प्रभावित हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि वह एक पूर्ण मैच विजेता हैं. जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी शानदार हैं. मुझे शार्दुल ठाकुर बहुत पसंद हैं, क्योंकि उसमें हिम्मत और जूझारूपन है.’

गांगुली ने कहा, ‘भारत में क्रिकेट में अपार प्रतिभा है. जब (सुनील) गावस्कर थे, तो लोग सोचते थे कि उनके बाद क्या होगा, तब सचिन (तेंदुलकर), (राहुल) द्रविड़, अनिल कुंबले आए थे. जब तेंदुलकर, द्रविड़ खेल को अलविदा कहा तो विराट कोहली, रोहित शर्मा और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ियों ने टीम को संभाला.’

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गांगुली को पहली बार भारतीय टीम में ऑस्ट्रेलिया के 1992 के दौरे के लिए चुना गया था, लेकिन तब उन्हें ज्यादा मौका नहीं मिला था. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के उस दौरे को याद करते हुए कहा कि वहां का अनुभव और उसके बाद की कड़ी मेहनत ने उन्हें बेहतर क्रिकेटर बनाया.

उन्होंने कहा, ‘मैं खुद के लिए 1992 की सीरीज को असफल मानता हूं. सच कहूं तो मुझे खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिले और मैं ऑस्ट्रेलिया के दौरे से वापस आया, लेकिन मैं युवा था. उस (सीरीज) ने वास्तव में मुझे एक बेहतर क्रिकेटर बनने में मदद की.’

उन्होंने कहा, ‘मैं मानसिक रूप से मजबूत होकर वापस आया. मैं उस समय उतना फिट नहीं था. मैं समझ गया था कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट क्या है. मैंने न केवल शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी दबाव को संभालने के लिए तीन-चार साल के लिए खुद को प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया.’

इस पूर्व दिग्गज ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया दौरे की 1992 की सीरीज ने वास्तव में मुझे एक बेहतर क्रिकेटर बनने में मदद की. जब मैं 1996 में इंग्लैंड गया, तो मैं बहुत मजबूत था. मुझे पता था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रन बनाने के लिए क्या करना होता है.’

सीने में दर्द की शिकायत के बाद जनवरी में कोलकाता के एक अस्पताल में एंजियोप्लास्टी के दो दौर से गुजरने वाले गांगुली ने कहा कि वह अब स्वस्थ हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं बिल्कुल फिट और स्वस्थ हूं और काम पर वापस लौट आया हूं. मैं पहले जो काम करता था अब फिर से वह सब कर रहा हूं.’

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