कौन कहता है कि टेस्ट क्रिकेट का रोमांच खत्म हो गया है! भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच जोहानिसबर्ग में खेला गया सीरीज का पहला टेस्ट कई उतार-चढ़ाव के बाद आखिरकार ड्रॉ पर खत्म हुआ. मेजबान टीम आठ रनों और टीम इंडिया तीन विकेट से जीत से दूर रह गई. क्रिकेट इतिहास के सबसे रोमांचक टेस्ट मैचों में ये मैच शुमार हो गया है.
दक्षिण अफ्रीका के 'D' फैक्टर ने दिलाई वापसी
दक्षिण अफ्रीका के 'D' फैक्टर यानी कि फैफ डु प्लेसिस (134) और एबी डीविलियर्स (130) ने मैच के आखिरी दिन मेजबान टीम को मैच में वापसी दिलाई. दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 205 रनों की साझेदारी कर भारत को जीत से महरूम करने में अहम भूमिका निभाई. इन दोनों बल्लेबाजों की बदौलत ही मेजबान टीम ने सात विकेट पर 450 रन बनाए. दक्षिण अफ्रीका की टीम एक समय चार विकेट पर 402 रन बनाकर जीत से महज 54 रन दूर थी. यह लक्ष्य हासिल करने के लिए उसके पास 13 ओवर थे लेकिन अंतिम घंटे में भारतीय गेंदबाजों ने जोरदार वापसी करते हुए उसे जीत से दूर रखा.
अगर जीतते मेजबान तो...
दक्षिण अफ्रीका अगर जीत दर्ज करता तो यह क्रिकेट के इतिहास में लक्ष्य का पीछा करते हुए किसी भी टीम की सबसे बड़ी जीत होती. पूरे दिन उतार-चढ़ाव देखने को मिला. पहले सेशन के बाद भारत के पास जीत का अच्छा मौका था लेकिन दूसरे सेशन और अंतिम सेशन के बीच तक दक्षिण अफ्रीका हावी रहा. डु प्लेसिस और डीविलियर्स के जल्दी-जल्दी आउट होने से मेजबान टीम जीत से तो दूर हुई ही लेकिन साथ ही इतिहास रचने का भी मौका गंवा दिया.
दक्षिण अफ्रीका ने पहले सेशन में दो विकेट पर 98 रन जोड़े जबकि दूसरे सेशन में डु प्लेसिस और डीविलियर्स ने बिना विकेट गंवाए 95 रन जोड़कर टीम का पलड़ा भारी कर लिया. मेजबान टीम को अंतिम सेशन में जीत के लिए 127 रन चाहिए लेकिन टीम 119 रन ही जुटा सकी. भारत की ओर से मोहम्मद शमी दूसरी पारी में सबसे सफल गेंदबाज रहे जिन्होंने 107 रन देकर तीन विकेट चटकाए. जहीर खान और ईशांत शर्मा को एक-एक विकेट मिला. सीरीज का दूसरा और अंतिम मैच 26 दिसंबर से डरबन में खेला जाएगा.
शमी ने नहीं किया निराश...
दक्षिण अफ्रीका ने दिन की शुरुआत दो विकेट पर 138 रन से की. टीम को इस समय जीत के लिए 320 रन की दरकार थी. महेंद्र सिंह धोनी ने गेंदबाजी की शुरुआत तेज गेंदबाज शमी से कराई जिन्होंने अपने कप्तान को निराश नहीं किया और दिन के पांचवें ओवर में ही पीटरसन को बोल्ड कर दिया. पीटरसन ने शमी की नीची रहती गेंद को विकेटों पर खेल दिया. उन्होंने 162 गेंद में नौ चौकों की मदद से 76 रन बनाए. शमी ने पहले घंटे में तूफानी गेंदबाजी की, उन्होंने कैलिस के खिलाफ पहली गेंद पर ही एलबीडब्ल्यू की अपील की जिसे अंपायर से ठुकरा दिया.
टेस्ट क्रिकेट में जहीर के 300 विकेट पूरे
कैलिस ने डु प्लेसिस के साथ तेजी से 54 रन की साझेदारी की जिसमें उनका योगदान 34 रनों का रहा. यह अनुभवी बल्लेबाज हालांकि दुर्भाग्यशाली रहा जब जहीर की गेंद पर अंपायर रोड टकर ने उन्हें एलबीडब्ल्यू आउट दिया जबकि रीप्ले में साफ दिखा कि गेंद उनके बल्ले से टकराने के बाद पैड पर लगी है. यह जहीर का टेस्ट क्रिकेट में 300वां विकेट है. वह अनिल कुंबले (619 विकेट), कपिल देव (434 विकेट) और हरभजन सिंह (413 विकेट) के बाद भारत के चौथे सबसे सफल गेंदबाज बन गए.
'D' फैक्टर ने मोड़ा मैच का रुख...
इसके बाद डु प्लेसिस और डीविलियर्स ने धीरे-धीरे मैच दक्षिण अफ्रीका के पक्ष में मोड़ना शुरू किया. दोनों ने शुरुआत में सतर्कता बरती लेकिन बाद में खुलकर बल्लेबाजी की. भारत को दूसरे सेशन में पांच ओवर बाद नई गेंद मिल गई. जहीर और शमी ने दूसरी नई गेंद से अच्छी गेंदबाजी की लेकिन इनको सफलता नहीं मिली. इशांत शर्मा को भी सफलता नहीं मिली. दूसरी पारी में शमी भारत के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज रहे लेकिन वह भी डीविलियर्स और डु प्लेसिस की साझेदारी को जल्दी तोड़ने में नाकाम रहे. इस बीच डु प्लेसिस ने 82वें जबकि डिविलियर्स ने 88वें ओवर में अर्धशतक पूरा किया. दोनों ने जल्द ही शतकीय साझेदारी भी पूरी की.
... और चूक गया अजिंक्य का निशाना
भारत को 102वें ओवर में डु प्लेसिस को रन आउट करने का मौका मिला लेकिन अजिंक्य रहाणे का निशाना चूक गया. अपना 10वां टेस्ट खेल रहे डु प्लेसिस ने जहीर की गेंद पर तीन रन के साथ 252 गेंद में अपना तीसरा शतक पूरा किया. डीविलियर्स ने भी इसके बाद जहीर की गेंद पर ही एक रन के साथ 162 गेंद में अपना 18वां टेस्ट शतक पूरा किया. ये दोनों बल्लेबाज दक्षिण अफ्रीका को जीत से 56 रन की दूरी पर ले गए और ऐसा लग रहा था कि मेजबान टीम टेस्ट इतिहास के सबसे बड़े लक्ष्य को हासिल कर लेगी लेकिन इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने पासा पलटा.
डीविलियर्स को ईशांत ने भेजा पवेलियन
डीविलियर्स ईशांत की अंदर आती गेंद को विकेटों पर खेलकर पवेलियन लौट गए जिससे भारत को पांचवीं सफलता मिली. डीविलियर्स ने 168 गेंद की अपनी पारी में 12 चौके जड़े. शमी ने अगले ओवर में जेपी डुमिनी (05) को बोल्ड करके दक्षिण अफ्रीका को रक्षात्मक होने को मजबूर किया. डु प्लेसिस और वर्नन फिलेंडर (37 गेंद में नाबाद 25) 8.1 ओवर में 35 रन जोड़कर दक्षिण अफ्रीका को लक्ष्य के करीब ले गए लेकिन इसके बाद वह हुआ जिससे मेजबान टीम जीत से वंचित रह गई. डु प्लेसिस ने जहीर की गेंद को मिड ऑफ पर खेला और रन के लिए दौड़ पड़े. रहाणे ने हालांकि चपलता दिखाते हुए अपने सटीक निशाने से गेंदबाजी छोर पर स्टंप उखाड़ दिए. डु प्लेसिस ने 309 गेंद की अपनी पारी में 15 चौके जड़े. मेजबान टीम को इस समय जीत के लिए 16 रन ही दरकार थी. डेल स्टेन ने मैच की अंतिम गेंद में शमी पर छक्का जड़ा लेकिन इसके बावजूद उनकी टीम जीत से आठ रन दूर रह गई.