फीफा प्रमुख सेप ब्लाटर ने उनके 17 साल के कार्यकाल की कड़ी आलोचना करने वालों को दरकिनार करते हुए साफ कर दिया है कि वह पांचवीं बार फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था का अध्यक्ष बनने के अपने इरादों पर अडिग हैं.
फीफा में भ्रष्टाचार के मामलों के सामने आने पर कई देशों की सरकारें भी चिंतित हैं. प्रायोजक पहले ही अपनी चिंता जता चुके हैं लेकिन ब्लाटर फिर से चुनाव लड़ने को लेकर मैदान में डटे हुए हैं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने ब्लाटर के इस्तीफे की मांग का समर्थन किया है जबकि फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रैंकोइस होलैंड ने कहा कि प्रमुख प्रतियोगिताओं के मेजबानों का चयन करने वाले खेल समूह तक किसी की पहुंच नहीं होनी चाहिए. जर्मनी के विदेश मंत्री फ्रैंक वाल्टर स्टीनमीर ने कहा कि यदि वर्ल्ड फुटबॉल को जहरीले भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं किया जा सकता है तो फिर सरकारी एजेंसियों को मजबूर होकर अपना काम करना होगा.
व्यावसायिक स्तर पर भी फीफा को नुकसान उठाना पड़ सकता है. फीफा की मुख्य प्रायोजक दक्षिण कोरिया की कंपनी हुंदेई ने कहा कि वह इस सप्ताह में फुटबॉल अधिकारियों की गिरफ्तारी और फीफा को केंद्र में रखकर आपराधिक जांच की शुरुआत से बेहद चिंतित है. क्रेडिट कार्ड कंपनी वीसा ने आगाह किया है कि यदि फीफा अपने कामकाज को साफ सुथरा नहीं बनाता तो वह अपने प्रायोजन पर पुनर्विचार करेगा. कोका कोला, एडिडास, मैकडोनाल्ड और बुडवीसर जैसी कंपनियों ने भी चिंता जताई है जबकि संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि वह फीफा के साथ अपनी साझेदारी की समीक्षा करेगा. ये कंपनियां स्पॉन्सर के रूप में फीफा को करोड़ों डॉलर देती हैं.
लेकिन इससे पहले भी कई घोटालों से बचने वाले ब्लाटर का अमेरिका और स्विट्जरलैंड में आपराधिक जांच चलने के बावजूद आज होने वाले मतदान में पांचवीं बार अध्यक्ष बनना तय लग रहा है. उन्हें अफ्रीका और एशियाई संघों का समर्थन हासिल है.
ब्लाटर ने गुरुवार को फीफा की वार्षिक कांग्रेस की शुरुआत यह कहकर की कि वह हर समय प्रत्येक की निगरानी नहीं कर सकते हैं. इस तरह से उन्होंने अमेरिकी अभियोजकों के इशारे पर स्विट्जरलैंड में हुई नाटकीय गिरफ्तारियों से पल्ला झाड़ दिया. उन्होंने कहा, ‘अगले कुछ दिन फीफा के लिए आसान नहीं होंगे. मुझे पूरा विश्वास है कि आगे और बुरी खबरें आएंगी लेकिन भरोसा बहाल करने की शुरुआत करना जरूरी है.’
ब्लाटर ने फीफा के गिरफ्तार किए गए अधिकारियों के बारे में कहा, ‘कुछ व्यक्तियों की करतूतों के कारण फुटबॉल को शर्मसार और अपमानित होना पड़ा.’
इससे पहले ब्लाटर यूरोपीय फुटबॉल के प्रमुख माइकल प्लाटिनी से भिड़ गए थे. प्लाटिनी ने खेल की बेहतरी के लिए ब्लाटर से इस्तीफा देने के लिए कहा था. स्विस पुलिस ने रूस और कतर को क्रमश: 2018 और 2022 के वर्ल्ड कप की मेजबानी सौंपने को लेकर चल रही जांच के संबंध में बुधवार को सात शीर्ष फुटबॉल अधिकारियों को गिरफ्तार किया और फीफा मुख्यालय पर छापे मारे थे. जिन्हें गिरफ्तार किया गया है वे उन 14 लोगों में शामिल हैं जिन पर अमेरिका में 15 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत लेने का आरोप लगा है.
चुनाव टालने की अपील की गई
यूरोप की शीर्ष संस्था यूएफा ने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव टालने की अपील की है. वह इसके लिए अभी बैठक करेगा कि चुनावों का बहिष्कार करना है या नहीं. यूएफा ने बयान में कहा, ‘इन घटनाओं से पता चलता है कि फीफा की संस्कृति में भ्रष्टाचार अंदर तक रचा बसा है. यूरोप के कुछ संघों ने ब्लाटर के इस्तीफे की भी मांग की. इंग्लैंड फुटबॉल संघ के अध्यक्ष ग्रेग डाइक ने कहा, ‘सेप ब्लाटर को फीफा अध्यक्ष पद छोड़ना होगा. इंग्लैंड अध्यक्ष पद के लिए ब्लाटर को चुनौती दे रहे फीफा उपाध्यक्ष और जोर्डन के प्रिंस अली बिन अल हुसैन का समर्थन कर रहा है.’
फीफा हालांकि कांग्रेस और चुनाव करवाने के फैसले पर अडिग है. इस बीच अफ्रीकी और एशियाई परिसंघों ने ब्लाटर के प्रति अपने समर्थन को फिर से दोहराया है. एशियाई फुटबाल परिसंघ के फीफा के 209 सदस्यों में 47 सदस्य है जबकि अफ्रीकी फुटबाल के 56 और यूएफा के 54 मत हैं.
ऑस्ट्रेलिया नहीं देगा ब्लाटर को वोट
उधर ऑस्ट्रेलिया फुटबॉल महासंघ (एफएफए) फीफा के अगले अध्यक्ष के चुनावों में प्रिंस अली बिन अल हुसैन को वोट देगा. ऑस्ट्रेलियाई संघ के अध्यक्ष फ्रैंक लोवी अभी फीफा कांग्रेस में हिस्सा लेने के लिए स्विट्जरलैंड में हैं. उन्होंने ज्यूरिख में कई दौर की बातचीत के बाद कहा कि अब फीफा में बदलाव का समय आ गया है. लोवी ने ऑस्ट्रेलिया में जारी बयान में कहा, ‘एफएफए का मानना है कि सुशासन और पारदर्शिता के लिए फीफा में जल्द से जल्द बदलाव की जरूरत है.’