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‘भारत’ को लेकर भिड़ सकते हैं बीसीसीआई और खेल मंत्रालय

भारतीय क्रिकेट बोर्ड और खेल मंत्रालय फिर से एक दूसरे के आमने-सामने हो सकते हैं, क्योंकि राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक के मसौदे में शामिल विवादास्पद नियम में कहा गया है कि केवल उन्हीं महासंघो को अपनी टीम के लिए ‘भारत’ का उपयोग करने का अधिकार होगा जो सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत आते हैं.

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टीम इंडिया
टीम इंडिया

भारतीय क्रिकेट बोर्ड और खेल मंत्रालय फिर से एक दूसरे के आमने-सामने हो सकते हैं, क्योंकि राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक के मसौदे में शामिल विवादास्पद नियम में कहा गया है कि केवल उन्हीं महासंघो को अपनी टीम के लिए ‘भारत’ का उपयोग करने का अधिकार होगा जो सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत आते हैं.

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प्रस्तावित विधेयक के नियम (एच) से बीसीसीआई को निश्चित तौर पर कुछ परेशानियां होंगी क्योंकि यह खेल गतिविधियों में देश के नाम का उपयोग करने से संबंधित है. इसमें कहा गया है, ‘अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करने और किसी खेल महासंघ के लिए खेलों में ‘भारत’ या ‘भारतीय’ का उपयोग करने का अधिकार रखने के लिए उस महासंघ को अध्याय चार (खेलों में अनैतिक गतिविधियां) और अध्याय नौ (सूचना के अधिकार के अधिनियम की प्रासंगिकता) का पालन करना होगा.’

बीसीसीआई मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) नहीं है और वह सरकारी अनुदान नहीं लेता है और इसलिए उसे आरटीआई के तहत नहीं लाया जा सकता है, लेकिन मसौदा खेल विधेयक को अगर संसद ने पारित कर दिया तो फिर महेंद्र सिंह धोनी और उनकी टीम अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में आधिकारिक तौर पर ‘भारत’ का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती है.

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बीसीसीआई के अंतरिम अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने दस्तावेजों की विस्तृत जानकारी के बिना इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. डालमिया ने कहा, ‘जब तक मुझे मसौदा खेल विधेयक की प्रति नहीं मिलती तब तक इस पर टिप्पणी करना सही नहीं होगा. जब मैं इसकी विस्तृत जानकारी हासिल कर लूंगा तो फिर बोर्ड के अन्य सीनियर सदस्यों से चर्चा करके अंतिम फैसला करूंगा.’

बीसीसीआई महाप्रबंधक (खेल विकास) रत्नाकर शेट्टी ने भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. बीसीसीआई अपने कामकाज में किसी तरह के सरकारी हस्तक्षेप के सख्त खिलाफ है और सदस्यों की सर्वसम्मत राय है कि आरटीआई के तहत आने से उसका कामकाज प्रभावित होगा.

बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमने अभी तक किसी भी तरह के सरकारी हस्तक्षेप का विरोध करने का रवैया अपनाया है. हम सरकार से कोई मदद नहीं लेते तो फिर आरटीआई के तहत आने का सवाल कैसे पैदा होता है.’

विधेयक के प्रावधानों के अनुसार केवल दो नियम बीसीसीआई पर लागू होंगे पहला आरटीआई (अध्याय नौ) और दूसरा नैतिक (अध्याय चार) हैं. अध्याय चार में प्रतिबंधित पदार्थों का उपयोग और आचार संहिता भी शामिल हैं.

खेल सचिव पी के देब ने कहा कि विधेयक पारित होने पर बीसीसीआई खुद ही इसके अंतर्गत आ जाएगा. उन्होंने कहा, ‘अगर विधेयक पारित हो जाता है तो बीसीसीआई को भी इसके अंतर्गत आना चाहिए.’

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देब से पूछा गया कि अगर बीसीसीआई आरटीआई के तहत आने से इनकार करता है तो क्या उसकी टीम को ‘भारत’ का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, देब ने कहा, ‘मुझे ऐसा लगता है. लेकिन अभी इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगा. मसौदा अभी केवल वेबसाइट पर रखा गया है और हम सभी पक्षों से जवाब का इंतजार कर रहे हैं.’

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