scorecardresearch
 

कुश्‍ती पर आईओसी से फैसले पर पुनर्विचार की होगी अपील

भारत के खेल मंत्रालय और अंतरराष्‍ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) से मान्यता प्राप्त भारतीय ओलम्पिक संघ(आईओए) ने बुधवार को आशा जताई कि आईओसी अपने फैसले पर पुनर्विचार करते हुए कुश्ती को 2020 के ओलम्पिक खेलों में शामिल कर लेगा.

Advertisement
X

भारत के खेल मंत्रालय और अंतरराष्‍ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) से मान्यता प्राप्त भारतीय ओलम्पिक संघ(आईओए) ने बुधवार को आशा जताई कि आईओसी अपने फैसले पर पुनर्विचार करते हुए कुश्ती को 2020 के ओलम्पिक खेलों में शामिल कर लेगा.

Advertisement

खेल मंत्रालय ने आईओसी के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, 'आईओसी का यह फैसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और हैरान करने वाला है. कुश्ती की लोकप्रियता को देखते हुए सरकार ने इस मामले पर भारतीय कुश्ती महासंघ के साथ चर्चा करने का फैसला किया है.' सरकार भी चाहती है कि वह उन देशों के साथ आईओसी के इस फैसले का विरोध करें और उसे पुनर्विचार पर विवश करें, जहां कुश्ती लोकप्रिय खेल है.

बयान के मुताबिक, 'खेल एवं युवा मंत्रालय इस मामले पर उन देशों से चर्चा करेगा, जहां कुश्ती लोकप्रिय है. इस मामले को आईओसी के सामने भी उठाया जाएगा और कोशिश की जाएगी कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे. मंत्रालय को उम्मीद है कि आईओसी की कार्यकारिणी अपने फैसले पर विचार करते हुए कुश्ती को मुख्य खेलों की सूची में शामिल कर लेगा.'

Advertisement

आईओए के कार्यकारी अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा ने कहा कि वह इस मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ के साथ हैं और साथ ही साथ वह विश्व कुश्ती संघ को भी अपना समर्थन देते हैं. आईओए चाहता है कि कुश्ती की ओलम्पिक खेलों में वापसी हो.

मल्होत्रा ने कहा, 'कुश्ती में हाल के दिनों में भारतीय खिलाड़ियों ने सराहनीय प्रदर्शन किया है. ओलम्पिक में सफलता मिलने से इस खेल को लेकर देश में उत्साह है और हजारों की संख्या में युवा इसे करियर के रूप में देख रहे हैं. आईओसी के इस फैसले से ऐसे हजारों युवा निराश हैं. हम आशा करते हैं कि खेल की बेहतरी के लिए आईओसी अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा और कुश्ती फिर से ओलम्पिक अभियान का हिस्सा बनेगी.'

उल्लेखनीय है कि आईओसी की कार्यकारिणी ने मंगलवार को 2020 ओलम्पिक के लिए जिन 25 प्रमुख स्पर्धाओं के नाम जारी किए, उनमें कुश्ती नहीं है. आईओसी कार्यकारिणी ने 25 मुख्य खेलों के नाम पर सहमति जताई और कहा कि इन्हीं खेलों के नाम 2020 में होने वाले खेलों के लिए सात से 10 सितम्बर तक अर्जेटीना के शहर ब्यूनस आयर्स में होने वाले आईओसी के 125वें वार्षिक सत्र में स्वीकृति की खातिर पेश किए जाएंगे.

कुश्ती की जगह कौन सा खेल ओलम्पिक का हिस्सा बनेगा, इसका फैसला मई में होगा. यह खेल हालांकि 2016 में रियो डी जेनेरियो में होने वाले ओलम्पिक खेलों का हिस्सा रहेगा.
ये खेल हैं: एथलेटिक्स, रोइंग, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, कैनोइंग, साइकलिंग, इक्वेस्ट्रीयन, फेंसिंग, फुटबाल, जिमनास्टिक, भारोत्तोलन, हैंडबॉल, हॉकी, जूडो, तैराकी, मार्डन पेंटाथलन, ताइक्वांडो, टेनिस, टेबल टेनिस, निशानेबाजी, तीरंदाजी, ट्रायथलन, नौकायन और वालीबॉल.

Advertisement

कार्यकारिणी ने कहा कि इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एसोसिएटेड रेशलिंग स्टाइल्स (एफआईएलए) द्वारा संचालित कुश्ती को इन खेलों में मुख्य स्पर्धा के रूप में शामिल नहीं किया जाएगा.

कुश्ती को सात अन्य खेलों- बेसबॉल, कराटे, रोलर स्पोर्ट्स, स्पोर्ट क्लाइंबिंग, स्क्वॉश, वेकबोडिंग और वुशू के साथ उन खेलों की सूची मे रखा गया है, जिन्हें अतिरिक्त खेल के तौर पर 2020 ओलम्पिक में जगह बनाने के लिए जद्दोजहद करनी होगी.

आधुनिक ओलम्पिक खेल 1896 में शुरू हुए थे। 1900 के संस्करण में कुश्ती को बाहर कर दिया गया था लेकिन तब से लेकर 2016 के संस्करण तक कुश्ती इन खेलों का हिस्सा रही है.

कुश्ती भारत के अलावा रूस, ईरान, उज्बेकिस्तान, मंगोलिया, जापान और चीन में भी काफी लोकप्रिय है. भारत ने कुश्ती में 1952 की हेलसिंकी और 2008 की बीजिंग ओलम्पिक में कांस्य पदक हासिल किया था. 2008 की बीजिंग ओलम्पिक में सुशील कुमार को कांस्य पदक मिला था और 2012 की लंदन ओलम्पिक में सुशील ने रजत और योगेश्वर दत्त ने कांस्य पदक हासिल किया.

Advertisement
Advertisement