आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग मामले में जेल की हवा खा रहे श्रीसंत एक ऐसे विचित्र शख्स हैं जिनके लिए खबरों में आना कोई नई बात नहीं है. वर्ष 2005 में श्रीलंका के विरुद्ध अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर का आगाज करने वाले श्रीसंत ने अपनी पहली गेंद फेंकने से पहले ही ये दिखा दिया था कि वे आगे चलकर पत्रकारों के लिए खूब मसाला देने वाले हैं.
गेंदबाजी के समय एकदम सधा हुआ रन-अप और स्विंग पर उनका बेहतरीन नियंत्रण तो लोगों ने बाद में देखा, लेकिन गेंदबाजी मार्क पर पहुंचने से पहले अपनी मुट्ठियां भींचकर खुद को उत्साहित करना और फिर दोनों हाथों से इशारे करके खुद को अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करने के लिए कहना, इस तरह की हरकतें भारतीय क्रिकेट में तो पहले कम ही देखी गईं थीं.
कई लोगों का मानना है कि श्रीसंत गलती से क्रिकेट में आ गए, उन्हें फिल्मों में होना चाहिए था. एक टीवी शो में उनका डांस देखकर शायद मरहूम माइकल जैक्सन को भी उनसे जलन होने लगती. वैसे केरल के अखबार कई बार ये दावा कर चुके हैं कि श्रीसंत जल्द ही एक मलयालम फिल्म में अभिनय करते दिखाई देंगे, लेकिन अब शायद समय की कमी के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाया. यदि हो जाता तो शायद अब उन्हें एक वैकल्पिक व्यवसाय का बढ़िया विकल्प मिल जाता. उनके नाम पर 'श्री 420' फिल्म बन सकती थी! वैसे जानकारी के लिए बता दें कि उनकी बहन केरल में टेलीविजन अभिनेत्री हैं और जीजा एक बेहद प्रख्यात गायक. तो यहीं से समझ सकते हैं कि टीवी पर किसी कार्यक्रम के दौरान श्रीसंत इतना सहज क्यों महसूस करते हैं.
इतनी रंगीन इमेज के बावजूद श्रीसंत के साथ विवाद ऐसे चिपके हुए हैं जैसे राम गोपाल वर्मा के साथ फ्लॉप फिल्में. कभी वे हरभजन सिंह से थप्पड़ खाने का दावा करते हुए टीवी पर बच्चों की तरेह बिलखते हुए दिखाई पड़ते हैं, तो कुछ ही सप्ताह के बाद भज्जी से गलबहियां डालते हुए उन्हें अपना बड़ा भाई कहते हैं. हद तो तब हो जाती है जब कुछ साल बाद वे कहते हैं कि भज्जी ने उन्हें सिर्फ कोहनी मारी थी, थप्पड़ नहीं! बेचारे हरभजन को ऐसे ही राष्ट्रीय विलेन बना दिया, ऊपर से उनका खुद का करियर भी डांवाडोल हो गया. ये तो वही बात हुई- हम तो डूबेंगे सनम, तुमको भी ले डूबेंगे.
अपने डूबते करियर को बचने के लिए उन्होंने 2006 में अपने नाम Sreesanth से Sreesunth कर लिया था. अक्सर फिल्म सितारे ऐसा करते हैं, तो श्री ने भी वही रास्ता पकड़ा. उसके बाद उनके करियर ने कितनी उड़ान पकड़ी है, ये तो जगजाहिर ही है; पर अब जिस तरह के हालातों में वो फंस गए हैं, लगता है कि उन्हें वाकई किसी बाबा की जरूरत है!