श्रीलंका ने सलामी बल्लेबाज लाहिरू थिरिमाने (101 रन) के शतक और लसिथ मलिंगा (56 रन देकर पांच विकेट) की शानदार गेंदबाजी से टूर्नामेंट में विजयी लय जारी रखते हुए शनिवार को यहां पांच देशों के टूर्नामेंट के फाइनल में पाकिस्तान को पांच विकेट से शिकस्त देकर एशिया कप अपने नाम किया. गत चैम्पियन पाकिस्तान ने मलिंगा के झटकों से उबरते हुए फवद आलम (नाबाद 114) के पहले वनडे शतक से पांच विकेट पर 260 रन का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया, लेकिन आलम का सैकड़ा टीम के काम नहीं आ सका.
इस लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंकाई टीम ने थिरिमाने और पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने (75) की तीसरे विकेट के लिये 156 रन की साझेदारी की बदौलत यह लक्ष्य 22 गेंद रहते पांच विकेट 261 रन बनाकर हासिल किया. टूर्नामेंट के शुरुआती मुकाबले में पाकिस्तान को शिकस्त देने वाली श्रीलंका का यह पांचवां एशिया कप खिताब था, पिछली बार उन्होंने 2008 में यह क्षेत्रीय टूर्नामेंट जीता था. श्रीलंका ने अच्छी शुरुआत की, पर स्पिनर सईद अजमल ने कुशाल परेरा (42) और कुमार संगकारा (00) को 11वें ओवर में लगातार गेंदों में पवेलियन भेज दिया.
लेकिन जयवर्धने ने समय पर फार्म में वापसी करते हुए थिरिमाने के साथ शानदार शतकीय साझेदारी निभायी जिससे टीम जीत के करीब पहुंच गई. थिरिमाने ने 101 रन बनाए, जो उनका तीसरा वनडे शतक है. इसमें उन्होंने 108 गेंदों का सामना किया और 13 चौके जमाये. उन्हें भी अजमल ने ही अपने दूसरा से बोल्ड किया. हालांकि तब श्रीलंकाई टीम जीत से केवल 14 रन दूर थी. जयवर्धने ने टूर्नामेंट में श्रीलंका के लिए पहला उपयोगी योगदान दिया और इसके लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता था. मोहम्मद हफीज ने उमर गुल की गेंद पर उनका कैच छोड़ दिया था, तब वह 52 रन पर थे. लेकिन मोहम्मद तलहा की गेंद पर बड़ा शाट लगाने के प्रयास में वह शारजील खान को कैच देकर आउट हुए.
जयवर्धने ने 93 गेंद में 10 चौके और एक छक्के से 75 रन बनाए. पाकिस्तान ने 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' थिरिमाने को भी जीवनदान दिया था, तब वह 36 रन पर थे. विकेटकीपर उमर अकमल ने उनका कैच छोड़ा था. पाकिस्तान ने एक बार फिर हैरानी भरा फैसला करते हुए अपने मुख्य हथियार अजमल को 15वें ओवर में आक्रमण से हटा लिया था. फिर वह 27वें ओवर में लौटे, लेकिन तब तक बहुत देर हो गयी थी क्योंकि थिरिमाने तब तक 63 गेंद में 64 रन बना चुके थे और जयवर्धने भी 55 गेंद में चार चौके और एक छक्के से 40 रन बनाकर खेल रहे थे.
यहीं से पाकिस्तानी टीम ने मैच गंवा दिया, इसके बाद कुछ भी उनके हक में नहीं रहा. उन्होंने लचर क्षेत्ररक्षण करते हुए कई कैच छोड़े. इससे पहले टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तानी टीम 18 रन पर तीन विकेट खोकर जूझ रही थी क्योंकि 'मैन आफ द मैच' मलिंगा (56 रन देकर पांच विकेट) ने शीर्ष क्रम को तहस नहस कर दिया था लेकिन आलम ने कप्तान मिस्बाह उल हक और उमर अकमल के साथ क्रमश: दो शतकीय साझेदारियां निभाकर टीम को यह स्कोर बनाने में मदद की.
आलम ने नाबाद 114 रन के लिए 134 गेंद का सामना करते हुए आठ चौके और तीन छक्के जड़े. इस तरह उन्होंने 29 मैचों में पहला वनडे शतक जड़ा, जब 4.3 ओवर में स्कोर तीन विकेट पर 18 रन था, उन्होंने मिस्बाह (98 गेंद में तीन चौके और दो छक्के से 65 रन) के साथ 122 रन की भागीदारी निभाकर पाकिस्तान को उबरने में मदद की. आलम को 92 रन पर जीवनदान मिला, जब चतुरंगा डि सिल्वा ने मिडविकेट पर उनका कैच छोड़ दिया. उन्होंने 91 गेंद में लगातार अपना दूसरा अर्धशतक पूरा किया और फिर 35 गेंद और खेलकर 100 रन पूरे किए. उन्होंने थिसारा परेरा की गेंद को मिडविकेट पर छक्के के लिये पहुंचाकर सैकड़ा बनाया.
उमर अकमल (42 गेंद में सात चौके से 59 रन) के रूप में उन्हें अच्छा साझीदार मिला, इन दोनों ने पांचवें विकेट के लिये 115 रन जोड़े. अकमल 255 रन के स्कोर पर आउट हुए, जिससे शाहिद अफरीदी फाइनल में क्रीज पर आकर एक भी गेंद नहीं खेल पाए. लेकिन पाकिस्तान को इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ा क्योंकि आलम की शानदार पारी ने उन्हें 261 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाने में मदद की. श्रीलंका ने रहस्यमयी स्पिनर अंजता मेंडिस को अंतिम एकादश में नहीं चुनकर साहसिक रणनीति अपनायी. वहीं मलिंगा ने टूर्नामेंट में उनके खिलाफ दूसरी बार पांच विकेट हासिल किए.
उन्होंने नई गेंद से गेंदबाजी शुरू की और चोट के बाद वापसी कर रहे शारजील ने पहले ओवर में उनके ओवर में दो चौके जड़ दिए. लेकिन मलिंगा ने आक्रामक दिख रहे शारजील का विकेट झटका, जो तीसरा चौका जमाने की कोशिश में मिड आन पर परेरा को कैच दे बैठे. मलिंगा ने अगले दो ओवरों में दूसरा और तीसरा विकेट हासिल किया. इससे पाकिस्तान के शीर्ष क्रम में शारजील, अहमद शहजाद और मोहम्मद हफीज क्रमश: 8, 5 और 3 रन पर आउट हो गए.
शारजील ने जहां रन गति बढ़ाने के प्रयास में विकेट गंवाया, वहीं शहजाद और हफीज इस श्रीलंकाई गेंदबाज की आउटस्विंगर पर पवेलियन लौटे, जिससे मलिंगा ने पहले तीन ओवरों में अपनी टीम को अच्छी स्थिति में पहुंचा दिया. मलिंगा जहां विकेट हासिल कर रहे थे, लकमल ने अपनी रफ्तार से दूसरे छोर पर प्रभावित किया. उन्होंने सही लाइन एवं लेंथ से गेंदबाजी करते हुए दबाव बनाया.
लकमल ने पांच ओवर के अपने पहले स्पैल में केवल 10 रन दिए, जिसमें दो मेडन भी शामिल थे. इन दो मेडन में एक कप्तान मिस्बाह के खिलाफ था, जो काफी सतर्क होकर खेल रहे थे, जिन्होंने पिछली तीन पारियों में 0, 1 और 4 का स्कोर बनाया है. मिस्बाह को फार्म में चल रहे आलम के रूप में बेहतरीन जोड़ीदार मिला, जो बांग्लादेश के खिलाफ पिछले मैच में अपनी 74 रन की पारी के बाद आत्मविश्वास से भरे हुए थे.