श्रीलंका के गेंदबाज सचित्र सेनानायके ने इंग्लैंड के साथ चल रहे वनडे टूर्नामेंट में बहुत बड़ी कन्ट्रोवर्सी पैदा कर दी है. मंगलवार को एजबस्टन में दोनों टीमों के बीच पांचवां वन डे खेला गया. इस मैच में इंग्लैंड को हार का सामना करना पड़ा.
मामला यह था कि सेनानायके ने इंग्लैंड के बल्लेबाज जोस बटलर को रन आउट कर दिया, जो नॉन स्ट्राइकर थे और गेंदबाजी के दौरान बार-बार बाहर निकल रहे थे. सेनानायके ने उन्हें चेताया, लेकिन अगली गेंद के पहले जब वह क्रीज से बाहर निकले तो गेंदबाज ने बजाय गेंद करने के विकेट गिरा दीं. उनकी अपील पर अंपायर ने बटलर को रन आउट दे दिया जो नियमों के अनुसार सही है.
हालांकि अंपायर ने श्रीलंका के कप्तान ऐंजेलो मैथ्यूज से इस बारे में बात की, कि क्या वह अपील वापस लेने को तैयार हैं. मैथ्यूज तैयार नहीं हुए क्योंकि उन्हें लग रहा था कि बटलर पिछले मैच की तरह खतरा पैदा कर सकते हैं. बटलर ने लॉर्ड्स में शतक जड़ा था. मैथ्यूज के इनकार के बाद अंपायर ने बटलर को आउट करार दिया.
श्रीलंका यह मैच जीत तो गया लेकिन इससे दोनों टीमों में वैमनस्य पैदा हो गया है. आलोचकों का कहना है कि यह रन आउट खेल भावना के विपरीत है. ऐसा नहीं होना चाहिए था.
भारत ने अपील वापस ली थी
इस तरह का एक मामला फरवरी 2012 में भारत-श्रीलंका के मैच में भी आया था. उस समय श्रीलंका के बल्लेबाज लाहिरु
तिरिमाने को अश्विन ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर ठीक इसी तरह आउट कर दिया था. अंपायर ने उसे आउट भी
दे दिया था. लेकिन तत्कालीन कप्तान वीरेन्द्र सहवाग ने उस अपील को वापस ले लिया और तिरिमाने को वापस बुला लिया था. इसके बाद तिरिमाने ने धुआंधार बल्लेबाजी करके वह मैच श्रीलंका को जिता दिया.
रणतुंगा ने आलोचना की
श्रीलंका के पूर्व कप्तान रणतुंगा ने इस बात के लिए टीम की आलोचना की. उन्होंने कहा कि उन्हें यह अपील वापस ले लेनी
चाहिए थी. उनका कहना था कि बटलर को वापस बुलाना चाहिए था. यह खेल भावना के पक्ष में होता. इंग्लैंड के कप्तान एलेस्टर कुक ने भी इस पर नाराजगी जताई और कहा कि मैंने इस खेल में ऐसा कभी नहीं देखा. उन्होंने कहा कि इस तरह से एक सीमा रेखा पार की गई है.