भारत में जहां एक तरफ लोकसभा चुनाव मैदान में बड़े-बड़े दिग्गज अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, वहीं आईपीएल के महासमर में भी कई बड़े क्रिकेटर अपनी खोई प्रतिष्ठा और इज्जत दोबारा हासिल करने के इरादे से मैदान में उतरेंगे. वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, हरभजन सिंह, इरफान और यूसुफ पठान इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करके भारतीय टीम में वापसी की पुरजोर कोशिश करेंगे. कई क्रिकेट पंडितों का तो ये भी मानना है कि इन खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय टीम में वापसी का यह अंतिम मौका हो सकता है. जिस तरह चुनाव में आम आदमी पार्टी की एंट्री से मुकाबला मजेदार हो गया है, वैसे ही आईपीएल-7 से ठीक पहले खिलाड़ियों की नीलामी से यहां भी टीमों की जंग दिलचस्प हो गई है.
आइए जानते हैं कि इस बार कौन सी टीम के क्या मजबूत पक्ष हैं और क्या हैं कमजोरियां:
चेन्नई सुपर किंग्स
मजबूत पक्ष: बतौर खिलाड़ी और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी सबसे बड़ी ताकत. ऑलराउंडर्स की भरमार. ब्रावो, जडेजा, रैना, ड्वेन स्मिथ, अश्विन, जॉन हेस्टिंग्स और बाबा अपराजित जैसे खिलाड़ी हर ऐतबार से टीम को फायदा पहुंचा सकते हैं.
कमजोर पक्ष: गेंदबाजी की कमान अच्छे लेकिन कम अनुभवी खिलाड़ियों के हाथ में. बोलिंजर, नैनेस, क्रिस मोरिस और एल्बी मोर्केल अब नहीं हैं टीम के साथ. कप्तान को नए सिरे से बैठाना होगा गेंदबाजों के साथ तालमेल.
एक्सपर्ट कमेंट: दो बार आईपीएल जीत चुकी चेन्नई सुपर किंग्स की टीम अगर अपनी ताकत के मुताबिक खेली तो जीत की बड़ी दावेदार हो सकती है. बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग तीनों डिपार्टमेंट में टीम अव्वल नजर आ रही है.
कोलकाता नाइट राइडर्स
मजबूत पक्ष: यूसुफ पठान का अच्छे फॉर्म में. रॉबिन उथप्पा और मनीष पांडे की एंट्री से हो सकता है फायदा. विदेशी खिलाडियों में कैलिस, रयान टेन डश्काटे और शकीब अल हसन गेंद और बल्ले से करेंगे मदद. सुनील नरेन, मोर्ने मोर्केल, उमेश यादव, पीयूष चावला और आर विनय कुमार टी-20 के लिहाज से काफी अच्छे गेंदबाज.
कमजोर पक्ष: भरोसेमंद विकेटकीपर की कमी. रॉबिन उथप्पा के पास कीपिंग का अनुभव कम. प्लेइंग 11 चुनने में आ सकती है दिक्कत. कुछ खराब फील्डर्स भी कर सकते हैं टीम को परेशान.
एक्सपर्ट कमेंट: नेशनल टीम में वापसी की कोशिश में लगे कप्तान गौतम गंभीर के पास है सही मौका. टीम दिखने में बैलेंस ही नजर आ रही है लेकिन कैलिस, यूसुफ, गंभीर फील्डिंग पर बहुत ध्यान देना होगा.
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर
मजबूत पक्ष: पिछली बार से ज्यादा मजबूत लग रही है टीम. गेल, डीविलियर्स, कोहली, युवराज, एल्बी मोर्केल और पार्थिव जैसे खिलाड़ियों के साथ बल्लेबाजी काफी मजबूत. मिशेल स्टार्क, रवि रामपॉल, वरुण एरोन, डिंडा और मुरलीधरन जैसे खिलाड़ी गेंदबाजी डिपार्टमेंट को बना रहे संतुलित. शादाब जकाती, विजय जोल और अबू नाचेम अहमद जैसे घरेलू खिलाड़ी कर सकते हैं कमाल.
कमजोर पक्ष: खल सकती है एक विश्वस्तरीय स्पिनर की कमी. मुरलीधरन जरूर टीम के साथ हैं लेकिन मैच प्रैक्टिस की कमी आ सकती है उनके आड़े.
एक्सपर्ट कमेंट: टी-20 विश्व कप फाइनल में हार के बाद युवराज की काफी किरकिरी हुई थी. अब युवी के लिए चुनौती और मौका दोनों है. कप्तान कोहली अगर अपने गेंदबाजों को अच्छे ढंग से इस्तेमाल कर पाए तो ये टीम सबसे खतरनाक हो जाएगी.
दिल्ली डेयरडेविल्स
मजबूत पक्ष: टीम इंडिया के पूर्व कोच गैरी कर्स्टन का मोटिवेशन. टीम कंपोजिशन बेहतर. पीटरसन, डुमिनी, रॉस टेलर, जिमी निशम और वेन पारनेल जैसे बेहतरीन विदेशी खिलाडी. दिनेश कार्तिक, मुरली विजय, मनोज तिवारी, मोहम्मद शमी, लक्ष्मी रतन शुक्ला और सौरभ तिवारी जैसे बढ़िया घरेलू खिलाड़ी.
कमजोर पक्ष: गेंदबाजी काफी हद तक मोहम्मद शमी पर निर्भर. बाकी के भारतीय गेंदबाजों में अनुभव की कमी. विदेशी गेंदबाजों में वेन पारनेल और नेथन कल्टरनाइल एवरेज परफॉर्मर.
एक्सपर्ट कमेंट: पिछले साल सबसे फिसड्डी टीम साबित होने के बाद दिल्ली ने पूरी तरह नई टीम खड़ी की है. टीम को किस्मत बदलने की भी है उम्मीद. केदार जाधव और शाहबाज नदीम बहुत बड़े नाम नहीं, फिर भी हो सकते हैं तुरुप का इक्का. सिर्फ टीम कॉम्बिनेशन के आधार पर कहें तो दिल्ली टॉप-4 की दावेदार तो लगती है.
सनराइजर्स हैदराबाद
मजबूत पक्ष: एरोन फिंच, वार्नर, भुवनेश्वर, परवेज रसूल और इरफान पठान जैसे खिलाडियों के आने से टीम का संतुलन बेहतर हो गया है. धवन, स्टेन, सैमी, ईशांत और अमित मिश्रा जैसे धुरंधर पहले से ही टीम में मौजूद. गेंदबाजी अब भी बल्लेबाजी से बेहतर.
कमजोर पक्ष: टॉप आर्डर काफी हैवी. धवन, फिंच और वॉर्नर नहीं टिके तो मिडिल ऑर्डर में नमन ओझा, वेणुगोपाल, सैमी, परवेज रसूल और इरफान जैसे खिलाड़ियों पर निर्भर रहना पड़ेगा.
एक्सपर्ट कमेंट: पिछली बार की तुलना में टीम कम्पोजीशन बेहतर है लेकिन शिखर धवन और कोच टॉम मूडी को अंतिम ग्यारह खिलाडियों को चुनने के लिए काफी सोच-समझ दिखानी होगी. मिडिल ऑर्डर में कोई बहुत मजबूत खिलाड़ी दिख नहीं रहा है.
मुंबई इंडियंस
मजबूत पक्ष: कोरे एंडरसन के आने से मिल गया है एक और टी-20 स्पेशलिस्ट. सचिन अब मैदान पर साथ नहीं होंगे, पर जहीर खान और माइक हसी अनुभव के फैक्टर को बैलेंस करेंगे. अच्छी बात ये है कि टीम में अब काफी युवा खिलाड़ी भी शामिल हैं. गेंदबाजी काफी मजबूत है.
कमजोर पक्ष: पिछली बार की तुलना में कमजोर दिख रही है टीम. कई लोगों का मानना है कि इस बार ये टीम सबसे असंतुलित है. बल्लेबाजी रोहित शर्मा, माइक हसी, पोलार्ड, रायुडू और कोरे एंडरसन के आस-पास ही घूमती नजर आती है.
एक्सपर्ट कमेंट: मुंबई टीम मालिक ने शायद कोरे एंडरसन और लसिथ मलिंगा पर काफी भरोसा किया हुआ है, लेकिन समझना होगा कि सिर्फ दो खिलाडियों के दम पर खिताब की रखवाली नहीं की जा सकती. मौजूदा चैंपियन के लिए खिताब बचाना थोड़ा मुश्किल दिख रहा है.
किंग्स इलेवन पंजाब
मजबूत पक्ष: इस बार विदेशी खिलाड़ियों का पूल. घरेलु खिलाडियों की लिस्ट भी काफी इम्प्रूवड. टीम बैलेंस शानदार, टी-20 स्पेशलिस्ट खिलाड़ियों की भरमार.
कमजोर पक्ष: लक्ष्मीपति बालाजी, मुरली कार्तिक और वीरेंद्र सहवाग जैसे उम्रदराज खिलाडियों की फील्डिंग चिंता का विषय.
एक्सपर्ट कमेंट: प्लेइंग इलेवन में 4 विदेशी खिलाडियों को चुनने में आएगी दिक्कत. हालांकि कम पैसे में पंजाब ने इस बार काफी अच्छी टीम खड़ी की है. टीम का दिन रहा तो धुरंधर टीमों को भी धूल चटाने में सक्षम.
राजस्थान रॉयल्स
मजबूत पक्ष: राहुल द्रविड़ का मेंटर के रूप में साथ सफलता में निभाएगा अहम किरदार. वाटसन, ब्रेड हॉज और जेम्स फोक्नर के साथ साथ स्टीवन स्मिथ का टीम के साथ जुड़ने से टीम बनी और भी खतरनाक. टीम में आलराउंडरों की भरमार.
कमजोर पक्ष: गेंदबाजी एक बार फिर बहुत मजबूत नहीं. भारतीय गेंदबाजों की कमी. घरेलू गेंदबाजों में विक्रमजीत मालिक, धवल कुलकर्णी और इकबाल अब्दुल्ला पर ही है दारोमदार.
एक्सपर्ट कमेंट: एक बार फिर टीम को अपने बल्लेबाजों पर बहुत ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा. हालांकि स्टुअर्ट बिन्नी और अभिषेक नायर जैसे कुछ अच्छे डोमेस्टिक खिलाड़ी टीम की गेंदबाजी को बैलेंस कर सकते हैं. इस टीम की परंपरा बड़े सितारों के बिना अच्छी परफॉर्मेंस देने की रही है और यह उम्मीद इस बार भी कायम है.