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जहां सचिन, वहां सफलता, वहीं खिताब

सचिन तेंदुलकर के बीते तीन साल किसी स्वर्णिम सपने की तरह रहे हैं. इन तीन सालों में सचिन ने भारतीय टीम के साथ आईसीसी विश्व कप-2011 और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की अपनी फ्रेंचाइजी टीम मुम्बई इंडियंस के साथ इस साल आईपीएल और चैम्पियंस लीग खिताब हासिल किए.

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सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर के बीते तीन साल किसी स्वर्णिम सपने की तरह रहे हैं. इन तीन सालों में सचिन ने भारतीय टीम के साथ आईसीसी वर्ल्ड कप-2011 और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की अपनी फ्रेंचाइजी टीम मुम्बई इंडियंस के साथ इस साल आईपीएल और चैम्पियंस लीग खिताब हासिल किए. वानखेड़े स्टेडियम में 2011 में खेले गए विश्व कप फाइनल में श्रीलंका पर मिली खिताबी जीत के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने सचिन को अपने कंधे पर उठाकर पूरे स्टेडियम का चक्कर लगाया था.

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यह सचिन के खेल करियर का पहला विश्व कप खिताब और एक लिहाज से सबसे बड़ी उपलब्धि थी. दो साल बाद ही सचिन को कोलकाता में बिल्कुल वही नजारा देखने को मिला, जो उन्होंने मुम्बई में 2011 में देखा था. उनकी टीम ने चेन्नई सुपर किंग्स को हराकर आईपीएल खिताब पर पहली बार कब्जा किया.

कोलकाता में भी मुम्बई इंडियंस के खिलाड़ियों ने सचिन को कंधे पर बैठाकर स्टेडियम का चक्कर लगाया था.

सचिन ने आईपीएल के बाद कहा कि वह अब ट्वेंटी-20 क्रिकेट में नहीं खेलेंगे लेकिन सबको अचंम्भित करते हुए उनका नाम चैम्पियंस लीग टीम में शामिल किया गया. तब सचिन ने कहा कि यह उनका आखिरी ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट होगा.

सचिन के लिए यह आयोजन व्यक्तिगत लिहाज से खास नहीं रहा क्योंकि वह पांच पारियों में 15, 5, 0, 35 और 15 रन ही बना सके लेकिन उनकी टीम फाइनल में पहुंची और राजस्थान रॉयल्स को हराकर खिताब भी जीत लिया.

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इस बार भी सचिन को उनके साथियों ने फिरोजशाह कोटला मैदान में कंधे पर बैठाकर घुमाया.

किस्मत सचिन पर इतनी मेहरबान है कि तीन साल पहले तक यह कहा जा रहा था कि सचिन का करियर विश्व कप खिताब के बगैर ही समाप्त हो जाएगा लेकिन अब उनके करियर में तीन बड़े खिताब शामिल हो चुके हैं. यही नहीं, उनके टीम में रहते भारतीय टीम टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर भी पहुंच चुकी है. तो आगे और क्या रिकार्ड सचिन के नाम होते हैं यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा.

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