आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में एन श्रीनिवासन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग की जांच तीन सदस्यीय पैनल द्वारा कराने का प्रस्ताव दिया है.
बिहार क्रिकेट संघ (सीएबी) के सचिव आदित्य वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति एके पटनायक और जेएस खेहर की पीठ ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित करने की सिफारिश की. इस पर अगली सुनवाई मंगलवार को होगी.
मुदगल के अलावा इस तीन सदस्यीय समिति में वरिष्ठ वकील निलॉय दत्ता और अतिरिक्त महाधिवक्ता एल नागेश्वर राव को शामिल किया गया है. राव खुद भी क्रिकेट खिलाड़ी रह चुके हैं.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि मामले की जांच तक श्रीनिवासन बीसीसीआई अध्यक्ष पद का कार्यभार नहीं संभाल पाएंगे. आपको बता दें कि हाल ही में चेन्नई में बोर्ड की सालाना बैठक में श्रीनिवासन का निर्विरोध चुनाव हुआ. उनका कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ गया है. अध्यक्ष पद के लिए वे ही अकेले उम्मीदवार थे इसलिए उनका चुनाव महज औपचारिकता माना जा रहा था.
श्रीनिवासन आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक हैं. उनके दामाद गुरूनाथ मयपन्न पर आईपीएल मैचों में सट्टेबाजी के आरोप है. मयप्पन का नाम सामने आने के बाद एन श्रीनिवासन ने अध्यक्ष के रूप में नियमित कामकाज से अलग होना पड़ा था. इस दौरान उनकी जगह जगमोहन डालमिया बोर्ड देख रहे थे.