भारतीय कुश्ती को ओलम्पिक पदक जीतने के प्रयासों में झटका लगा है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय कुश्ती महासंघ के नये नियमों के तहत लंदन ओलम्पिक में 66 किलो में रजत पदक जीतकर लाने वाले सुशील कुमार को अब अगले रियो ओलम्पिक में 74 किलो और कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त 60 किलो के बजाय 65 किलो वजन वर्ग में भाग लेना पड़ेगा.
ओलम्पिक जैसी बड़ी प्रतियोगिताओं में बदले हुए वजन में मुकाबला करना काफी कठिन माना जाता है, लेकिन यह परिवर्तन सभी पहलवानों के लिये है. नये नियमों के अनुसार विश्व चैम्पियनशिप सहित फीला की प्रतियोगिताओं में दोनों ओलम्पिक पदक विजेता भारतीय पहलवान क्रमश: 70 और 65 किलो वजन वर्ग में भाग ले सकते हैं.
लंदन ओलम्पिक के बाद पहली बार भारत के ओलम्पिक पदक विजेता सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त्त अमेरिका के कोलोराडो स्प्रिंग्स में 30 जनवरी से एक फरवरी तक होने जा रही कुश्ती प्रतियोगिता में भाग लेने जाएंगे.
मुख्य राष्ट्रीय कोच विनोद कुमान ने बताया, 'सुशील ने फैसला लिया है कि वह फीला प्रतियोगिताओं में 70 किलो में जबकि ओलम्पिक क्वालीफायर ओलमिपक खेल राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों में 74किलो वजन वर्ग में भाग लेंगे, जबकि उसके बचपन के दोस्त योगेश्वर ने 65 किलो वजन वर्ग में भाग लेने का फैसला किया है.'
विनोद ने बताया कि विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता अमित कुमार दहिया 57 किलो वजन वर्ग में भिड़ेंगे, जबकि विश्व कांस्य पदक विजेता बजरंग 61 किलो में भाग लेंगे, जबकि राष्ट्रमंडल खेलों के 74 किलो वजन वर्ग में स्वर्ण पदक विजेता नरसिंह यादव को अब 86 किलो में भाग लेना होगा. विश्व कुश्ती महासंघ फीला ने अपने नियमों जो अन्य बदलाव किये हैं, वे एक जनवरी से लागू हैं.