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टी-20 वर्ल्ड कपः खिताबी जंग में बाजी मारने को बेताब भारत और श्रीलंका

टी-20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी अगर टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी उठाते हैं तो वो क्रिकेट इतिहास में एक ही समय में आईसीसी के तीन मेजर टूर्नामेंट जीतने वाले दुनिया के पहले कप्तान बन जाएंगे.

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भारत बनाम श्रीलंका
भारत बनाम श्रीलंका

टी-20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी अगर टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी उठाते हैं तो वो क्रिकेट इतिहास में एक ही समय में आईसीसी के तीन मेजर टूर्नामेंट जीतने वाले दुनिया के पहले कप्तान बन जाएंगे. धोनी की कप्तानी में भारत ने 2011 वर्ल्ड कप जीता और उसके बाद इंग्लैंड में 2013 में हुई चैंपियंस ट्रॉफी में खिताबी जीत दर्ज की अब सबकी नजर 2014 टी-20 वर्ल्ड कप पर है.

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धोनी और इस इतिहास के लिखे जाने के बीच में खड़ा है हमारा पड़ोसी देश श्रीलंका. 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में तो टीम इंडिया ने श्रीलंका को मात दे दी थी लेकिन इस हार का घाव लंकाई शेर अभी तक नहीं भूले हैं. और वैसे भी एक पुरानी कहावत है घायल शेर ज्यादा खतरनाक होता है तो फिलहाल श्रीलंकाई टीम घायल शेर की तरह ही है.

1996 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल...
कोलकाता के ईडन गार्डन पर खेले गए इस सेमीफाइनल मुकाबले को शायद ही कोई इंडियन क्रिकेट फैन भुला पाया होगा. रोमेश कालूवितर्ना, सनथ जयसूर्या और अशंका गुरुसिंहा 35 रनों तक पवेलियन लौट गए थे लेकिन इसके बाद अरविंद डीसिल्वा और रोशन महानामा ने मिलकर तमाम इंडियन फैन्स का दिल तोड़ दिया था. इन दोनों ने पारी संभाली और भारत के सामने जीत के लिए 252 रनों का लक्ष्य रख दिया था. उसके बाद श्रीलंकाई स्पिनरों भारतीय बल्लेबाजों की जो दुर्गति की थी उसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि विनोद कांबली रोते हुए मैदान से लौटे थे. भारतीय फैन्स इतना गुस्सा हो गए थे कि मैच पूरा तक नहीं होने दिया था.

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2011 वर्ल्ड कप का फाइनल
टीम इंडिया ने 1996 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में मिली शर्मनाक हार का बदला 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल में लिया. मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में आज भी धोनी के उस विजयी छक्के की गूंज कायम है. इस फाइनल मुकाबले को याद करते ही कान में इंडिया... इंडिया... इंडिया... का वो शोर आज भी सुनाई देने लगता है. जयवर्धने ने अरविंद डीसिल्वा की तरह ही इंडियन फैन्स की उम्मीदों पर कड़ा प्रहार किया था. उसके बाद लसिथ मलिंगा ने वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर को पवेलियन भेजकर श्रीलंकाई खेमे में जीत की खुशबू पहुंचा दी. मगर गौतम गंभीर और कैप्टन कूल ने इस बार इंडियन फैन्स को हार का घूंट पीने से न सिर्फ बचाया बल्कि 1996 के जख्मों पर मरहम भी लगा दिया.

2007 टी-20 वर्ल्ड कप के बाद टीम इंडिया का सफर
कैप्टन कूल धोनी ने 2007 में युवा टीम की कमान संभाली थी और साथ ही उम्मीदों से कई गुना बेहतर प्रदर्शन करते हुए धोनी की इस युवा ब्रिगेड ने खिताब पर कब्जा जमाया था. इसके बाद से टीम इंडिया नंबर-1 टेस्ट रैंकिंग हासिल किया और 2011 वर्ल्ड कप जीत चुकी है. टीम इंडिया के मौजूदा फॉर्म और बड़े फाइनल जीतने के इतिहास को देखते हुए प्रबल दावेदार दिखती है लेकिन वेस्टइंडीज के कप्तान डेरेन सैमी द्वारा दिए गए बयान को भी दरकिनार नहीं कर किया जा सकता, जिसमें उन्होंने कहा कि था कि भगवान भी महेला जयवर्धने और संगकारा को वर्ल्ड कप ट्रॉफी दिलाना चाहता है.

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टूर्नामेंट में अजेय रही है टीम इंडिया...
टीम इंडिया का टूर्नामेंट में अब तक का सफर शानदार रहा है, जिसमें उसके खिलाडि़यों ने लाजवाब प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल सहित लगातार पांच मैच अपने नाम किए. लक्ष्य का पीछा करना हो या बड़ा स्कोर बनाना हो, धोनी के धुरंधरों ने हर मौके पर बेहतरीन खेल दिखाया है. आर अश्विन की अगुवाई में स्पिनरों ने अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयासों से मैच का रुख अपनी ओर किया तो विराट कोहली और रोहित शर्मा की अगुवाई में बल्लेबाजों ने सुनिश्चित किया कि वे गेंदबाजों के योगदान का सम्मान करते हुए बिना किसी परेशानी के मैच जीतने में मदद करें.

अब तक नहीं पड़ी है धोनी की जरूरत...
युवा खिलाड़ियों का प्रभाव इतना अधिक था कि इस प्रारूप के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी समझे जाने वाले धोनी की मुश्किल हालात में जरूरत ही नहीं पड़ी है. लेकिन फिर भी धोनी अहम खिलाड़ी हैं. श्रीलंकाई टीम और विशेषकर नुआन कुलशेखरा 2011 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में वानखेड़े स्टेडियम में उनके हेलीकाप्टर शॉट को आसानी से नहीं भुला सकते. दोनों टीमें पूरे 3 साल और 3 दिन बाद एक और वर्ल्ड कप फाइनल में एक दूसरे से भिड़ रही हैं.

शिखर धवन को फिर बैठना पड़ सकता है बाहर...
दोनों टीमों के खिलाड़ी इतनी बार एक दूसरे के सामने खेल चुके हैं कि अब दोनों टीमों के संयोजन में राज जैसी कोई बात नहीं बची है. टीम इंडिया में अंजिक्य रहाणे ने सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया इसलिए शिखर धवन के लिए रास्ता बंद हो सकता है. मोहित शर्मा सेमीफाइनल के दौरान थोड़े नर्वस थे लेकिन धोनी जल्द बदलाव करने के हक में नहीं होते, हालांकि उनके पास रिजर्व में मोहम्मद शमी मौजूद हैं. 2007 में हरियाणा के जोगिंदर शर्मा ने पारी का ऐतिहासिक फाइनल ओवर खेला था. 2014 में भी हरियाणा का युवा खिलाड़ी हालात के मुताबिक मौके पर बेहतर कर सकता है. पूरी टीम लगभग तय ही है.

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श्रीलंका का फाइनल 'फोबिया'
श्रीलंका की टीम बड़े फाइनल मुकाबलों में घुटने टेकने की अपनी आदत छोड़ना चाहेगी और कम से कम टी-20 वर्ल्ड कप में तीसरी बार भाग्यशाली होना चाहेगी. टीम 2009 और 2012 के फाइनल में हार गई थी. 20 ओवर के फॉरमेट में उसे वेस्टइंडीज से और 2011 वर्ल्ड कप में भारत के खिलाफ शिकस्त झेलनी पड़ी थी. यह उनका 7 साल में पांचवां आईसीसी टूर्नामेंट है और टीम निश्चित रूप से महेला जयवर्धने और कुमार संगकारा के लिए यह खिताब जीतना चाहेगी. ये दोनों महान खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से टी-20 इंटरनेशनल छोड़ना चाहेंगे और उनकी इच्छा वर्ल्ड चैंपियन टीम के अहसास को जानने की भी होगी.

मैच से जुड़े कुछ रोचक रिकॉर्ड्स-
टूर्नामेंट फाइनल में भारत बनाम श्रीलंकाः भारत ने 9 खिताब जीते, श्रीलंका के खाते में 8 खिताब जबकि 2 का नतीजा नहीं निकला.
टी-20 क्रिकेट में 1000 रन पूरा करने वाले 17वें खिलाड़ी बनने से युवराज सिंह 43 रन पीछे हैं.
कुमार संगकारा अगर विकेट के पीछे 5 शिकार पूरे करते हैं तो इस मामले में उनका पचासा लग जाएगा.
अगर तिलकरत्ने दिलशान महेला जयवर्धने से 36 रन ज्यादा नहीं बनाते हैं तो जयवर्धने टी-20 क्रिकेट से दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी होकर विदा लेंगे.

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संभावित प्लेइंग इलेवन-
टीम इंडियाः रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, विराट कोहली, युवराज सिंह, सुरेश रैना, एम एस धोनी, रवींद्र जडेजा, आर अश्विन, अमित मिश्रा, भुवनेश्वर कुमार, मोहित शर्मा.
श्रीलंकाः कुशल परेरा, तिलकरत्ने दिलशान, महेला जयवर्धने, कुमार संगकारा, लहिरु थिरिमने, एंजलो मैथ्यूज, सीकुगे प्रसन्ना/ थिसारा परेरा, नुवान कुलसेकरा, सचित्रा सेनानायके, लसिथ मलिंगा, रंगना हेराथ.

मैच से पहले कप्तानों के बयान...
लसिथ मलिंगा- 'कल हमारे लिए बहुत खास दिन है. हमें महेला (जयवर्धने) और सांगा (संगकारा) के लिए कुछ खास करना है. दोनों महान खिलाड़ी हैं और शानदार विदाई के हकदार हैं.'

एम एस धोनी- 'हम रिकॉर्ड्स के बारे में तभी सोच सकते हैं जब हम ये मैच जीतते हैं. अभी बस एक चीज मायने रखती है कि हम कैसे इस मैच को जीतने में सफल होंगे. हमें अच्छा क्रिकेट खेलने की जरूरत है न कि रिकॉर्ड्स पर फोकस करने की.'

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