टी-20 विश्व कप खेलने के लिए जैसे ही टीम इंडिया मैदान में उतरी, मानो ऐसा लगा कि टीम में अचानक से किसी दैवीय शक्ति का संचार हो गया है. पहले मैच में पाकिस्तान को ऐसे हराया जैसे पाकिस्तान की किसी घरेलू टीम के खिलाफ भारत अभ्यास करने मैदान पर उतरा हो. वहीं बड़े-बड़े धुरंधरों से सुसज्जित विश्व चैंपियन वेस्टइंडीज की टीम भी क्लब लेवल की टीम ही साबित हुई. दोनों मैचों में भारत ने शानदार प्रदर्शन कर एक बार फिर 2007 विश्व कप की यादें ताजा करने की उम्मीद जगा दी है. आइए जानते हैं इसकी वजह.
1. बांग्लादेश की कंडिशन और टीम इंडिया का कम्पोजीशन
भारत अपनी सरजमीं पर हमेशा से ही बेहतरीन प्रदर्शन करता रहा है, इसका सबसे बड़ा सबूत ये है कि भारत ने एकदिवसीय क्रिकेट का विश्व कप भी यहीं जीता है. अब अगर बात बांग्लादेश की करें तो यहां के कंडिशन में कोई बहुत फर्क नहीं है. दोनों जगहों की पिचें लगभग एक जैसा ही खेलती हैं, तो ऐसे में कहा जा सकता है कि जिस कंडिशन में भारतीय खिलाड़ी खेल-खेल कर बड़े हुए हैं लगभग वही कंडिशन इस वक्त उनके साथ है, जो भारत की संभावनाओं को बढ़ा रहा है.
2. गेंदबाजी में सुधार से टीम इंडिया को मिला संतुलन
विश्व कप से पहले भारतीय गेंदबाज अक्सर ही लचर प्रदर्शन करते नजर आए, लेकिन जैसे ही विश्व कप शुरू हुआ भारत की गेंदबाजी मजबूत कड़ी बनकर उभरी है. चाहे वो तेज गेंदबाज हों या फिर स्पिन गेंदबाज सभी एकजुट हो कर प्रदर्शन करते दिखाई दे रहे हैं, जो एक सकारात्मक पहलू है.
3. बल्लेबाजों की तिकड़ी के बाद अब टीम इंडिया को मिली स्पिनर्स की तिकड़ी
एक समय था जब सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली को भारत की तिकड़ी के नाम से जाना जाता था, बेशक बल्लेबाजी में अब तक वैसी तिकड़ी भारत को ना मिली हो लेकिन गेंदबाजी में जरूर मिल गई है. बांग्लादेश की स्पिन लेती विकटों पर रविचंद्रन अश्विन, रविन्द्र जडेजा और अमित मिश्रा ने जिस तरह की गेंदबाजी की है वो काबिले तारीफ है. तीनों की गेंदबाजी को देख कर कहा जा सकता है कि भारत का स्पिन अटैक इस विश्व कप में सबसे मजबूत है, जो भारत की दावेदारी को और मजबूत बनाती है.
4. टीम का हर खिलाड़ी है अपने आप में एक ऑलराउंडर
भारत की टी 20 टीम बहुत फ्लेक्सिबल नजर आती है. मोहम्मद शमी को छोड़कर टीम का लगभग हर खिलाड़ी बल्ले से भी योगदान दे सकता है, वहीं गेंदबाजी में धवन को छोड़ दिया जाए तो हर बल्लेबाज गेंदबाजी भी कर सकता है. रैना, युवराज, कोहली और रोहित कभी भी जरूरत पड़ने पर गेंदबाजी कर सकते हैं. और मजे की बात ये है कि ये सभी गेंदबाज इस तरह की विकेट पर किसी भी विश्व स्तरीय गेंदबाज से कम नहीं दिखते. इन तमाम बातों में सबसे अच्छी बात ये है कि टीम का हर खिलाड़ी शानदार फ़ील्डर भी है.
5. बल्लेबाजी टीम इंडिया की जान
इसमें कोई शक नहीं कि भारत का सबसे मजबूत पक्ष उनकी बल्लेबाजी है, हालांकि अभी तक टीम इंडिया को अपनी क्षमता के अनुरूप बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला है. कोहली, रैना, रोहित, धवन और धोनी जैसे बल्लेबाजों के रहते भारत की बैटिंग काफी भरोसेमंद नजर आती है, लेकिन युवराज का फॉर्म थोड़ी चिंता का विषय जरूर है.
6. आईपीएल का अनुभव टीम इंडिया के लिए संजीवनी
भारतीय टीम इस विश्व कप की प्रबल दावेदार इसलिए भी है क्योंकि भारत के पीछे आईपीएल का एक विशाल अनुभव है. टी-20 क्रिकेट के तमाम उतार चढ़ाव से टीम इंडिया बखूबी वाकिफ है.
7. 'युवा' टीम इंडिया को अब 'अनुभव' का भी मिल रहा है लाभ
टीम इंडिया युवा है इसमें कोई शक की बात नहीं है, लेकिन मजे की बात ये है कि आईपीएल हो या फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट, सभी खिलाड़ियों को अच्छा खासा अनुभव भी हो चला है. ऐसे में टीम के चांसेस दोगुने इसलिए भी हैं क्योंकि इसमें सारे 'युवा' खिलाड़ी 'अनुभवी' भी चुके हैं. टी-20 क्रिकेट सिर्फ ताकत का नहीं दिमाग का भी खेल है, और भारतीय टीम का हर एक खिलाड़ी इस बात को अब समझ भी चुका है. विराट कोहली, रोहित शर्मा, एमएस धोनी ये कुछ ऐसे नाम हैं जो आक्रामकता के साथ-साथ ठंडे दिमाग से भी खेलने की क्षमता रखते हैं, जो टीम के लिए प्लस प्वाइंट है.
8. टी-ट्वेंटी में माही की महारत टीम इंडिया के साथ
भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की टेस्ट कप्तानी को लेकर जरूर कई सवाल उठते रहे हैं, लेकिन जैसे ही बात टी-20 क्रिकेट की आती है हर कोई उनका मुरीद हो जाता है. किस तरह से विपक्षी टीम के जबड़े से जीत को छीना जाता है वो कोई धोनी से सीखे. धोनी का अनुभव भारतीय टीम को एक बार फिर विश्व कप दिला सकता है, क्योंकि इस कंडिशन में अपने रिसोर्स को किस तरह इस्तेमाल करना चाहिए वो शायद धोनी से बेहतर कोई नहीं जानता.
9. भुवनेश्वर कुमार बन सकते हैं इस विश्व कप के हीरो
नई गेंद को भुवनेश्वर कुमार जिस तरह से मूव कराते हैं उनको खेलना कई बार नामुमकिन सा हो जाता है, उनकी लाइन और लेंग्थ के सामने क्रिस गेल जैसा बल्लेबाज भी कुछ नहीं कर पा रहा है तो आप समझ सकते हैं कि वो अपने दिन में कितना खतरनाक हो सकता है. बेशक भूवी विकेट ना दिला पाएं, लेकिन शुरू में जिस तरह की किफायती गेंदबाजी वो करा रहे हैं वो टीम इंडिया को फायदा ही पहुंचाता है. अद्भुत प्रतिभा का धनी ये गेंदबाज भारत की जीत का सूत्रधार हो सकता है. भुवनेश्वर कुमार जिस तरह के गेंदबाज हैं उससे कई बार ऐसा भी लगने लगता है कि अगर टी-20 क्रिकेट गेंदबाजों के लिए बना है तो फिर इस तरह के गेंदबाजों के लिए बना है.